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25% का शानदार अपसाइड दिखा सकता है ये दिग्गज AMC Stock, एंटिक की सलाह- BUY करें; दमदार है आउटलुक

ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी न केवल फंड परफॉर्मेंस में चौतरफा सुधार दिखा रही है, बल्कि इक्विटी श्रेणी में इसकी पकड़ पहले से ज्यादा मजबूत हुई

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आशुतोष ओझा   
Last Updated- November 27, 2025 | 1:13 PM IST

HDFC AMC Stock to Buy: दमदार तिमाही नतीजे और बेहतर आउटलुक के दम पर एसेट मैनेजमेंट कंपनी HDFC Asset Management Company (HDFC AMC) का स्टॉक ब्रोकरेज हाउस की रडार पर आया है। एंटिक स्टॉक ब्रोकिंग (Antique Stok Broking) का कहना है कि एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट का ग्रोथ आउटलुक बेहतर नजर आ रहा है। लगातार तीसरी तिमाही में कंपनी का प्रदर्शन दमदार रहा। कंपनी न केवल फंड परफॉर्मेंस में चौतरफा सुधार दिखा रही है, बल्कि इक्विटी श्रेणी में इसकी पकड़ पहले से ज्यादा मजबूत होती जा रही है। एंटिक ने HDFC AMC पर खरीदारी की सलाह दी है और सेक्टर का टॉप पिक बनाया है।

HDFC AMC Stock: ₹3,350 अगला टारगेट

ब्रोकरेज फर्म एंटिक ने HDFC AMC पर BUY रेटिंग बनाए रखी है। साथ ही प्रति शेयर टारगेट प्राइस 3,350 रुपये रखा है। यह शेयर बुधवार को 2680 रुपये पर बंद हुआ था। इस तरह मौजूदा भाव से स्टॉक में आगे 25 फीसदी का तगड़ा अपसाइड देखने को मिल सकता है। यह शेयर FY27 P/E 33x और FY28 P/E 28.5x के आकर्षक वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहा है।

BSE पर गुरुवार को स्टॉक में बढ़त के साथ 2700 रुपये पर कारोबार की शुरुआत हुई। हालांकि, बाद में बिकवाली के दबाव में कारोबारी सेशन के दौरान शेयर आधा फीसदी से ज्यादा टूट गया। इस साल अबतक शेयर का रिटर्न 28 फीसदी रहा है। शेयर का 52 हफ्ते का हाई 2,965 रुपये और लो 1,762.53 है। जबकि, कंपनी का मार्केट कैप 1.14 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा दर्ज किया गया।

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HDFC AMC Share: क्या है ब्रोकरेज की कमेंट्री

एंटिक का कहना है कि HDFC AMC ने लगातार तीसरी तिमाही में मजबूत प्रदर्शन किया है। कंपनी न केवल फंड परफॉर्मेंस में चौतरफा सुधार दिखा रही है, बल्कि इक्विटी श्रेणी में इसकी पकड़ पहले से ज्यादा मजबूत होती जा रही है।

कंपनी के 80% से ज्यादा इक्विटी AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) अब 1 साल, 3 साल, 5 साल और 10 साल के रिटर्न आधार पर टॉप दो क्वार्टाइल में आ रहे हैं। यह प्रदर्शन इंडस्ट्री में सबसे मजबूत माना जा रहा है और इसका सीधा फायदा HDFC AMC को मिल रहा है। कंपनी का नेट इक्विटी फ्लो मार्केट शेयर 15% से ऊपर पहुंच गई है, जो इसके बुक मार्केट शेयर 12.9% से काफी ज्यादा है।

ब्रोकरेज रिपोर्ट के अनुसार, HDFC AMC ने 1 साल के अंदर अभूतपूर्व सुधार दिखाया है। पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (2QFY25) में जहां सिर्फ 8% AUM पहले क्वार्टाइल में था, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (2QFY26) में यह बढ़कर 70% तक पहुंच गया। लार्ज कैप, फ्लेक्सी कैप, मिड-कैप, फोकस्ड फंड लगभग हर श्रेणी में कंपनी का प्रदर्शन लगातार बेहतर हुआ है।

मार्केट शेयर में जोरदार उछाल

रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी की नेट इक्विटी इनफ्लो इंडस्ट्री की तुलना में तेज रही है। FY25 और FY26 में HDFC AMC की फ्लो मार्केट शेयर लगातार बढ़कर 15% से ज्यादा हो गई है। सबसे ज्यादा इनफ्लो Flexi-cap, Large & Mid-cap और Focused Funds से आए हैं।

कंपनी ने बड़ी तेजी से लागतों को नियंत्रित किया है। इक्विटी यील्ड 59 bps पर स्थिर रही। जबकि AUM में 57% की तेज वृद्धि हुई है। दूसरी AMC की तुलना में यील्ड पर बहुत कम दबाव पड़ा। यह उपलब्धि डिस्ट्रिब्यूटर कमीशन रेशनलाइजेशन, टाइट कॉस्ट कंट्रोल और बेहतर SIP मिक्स के कारण संभव हुई।

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SEBI की TER प्रस्ताव होगा मौका?

एंटिक की रिपोर्ट के मुताबिक, SEBI के नए कंसल्टेशन पेपर के बाद शेयर में 10% की गिरावट आई है। लेकिन 2019 की तरह इस बार भी उम्मीद है कि AMC कंपनियां अधिकांश असर डिस्ट्रिब्यूटर्स पर पास कर देंगी। एनॉलिस्ट मानते हैं कि HDFC AMC पर इसका असर बेहद सीमित होगा क्योंकि इसकी ब्रांड वैल्यू और स्केल दोनों काफी मजबूत हैं। FY25–28 के दौरान 21% QAAUM ग्रोथ की उम्मीद है। वहीं, 17–18% PAT CAGR की संभावना है।

ब्रोकरेज का कहना है कि दमदार आउटलुक के बीच कुछ जो​खिम भी हैं। जैसेकि इक्विटी बाजार में तीखी गिरावट, TER रिफॉर्म का वास्तविक प्रभाव, पैसिव फंड्स में शिफ्ट, और नेट इनफ्लो में कमी का विपरीत असर हो सकता है।

बता दें, सेबी ने 28 अक्टूबर को इस कंसल्टिंग पेपर को जारी किया था। इसमें सेबी ने एग्जिट लोड (Exit Load) में बदलाव, टोटल एक्सपेंस रेश्यो (TER) में सुधार, ब्रोकरेज चार्ज कम करने और निवेशकों के लिए पारदर्शिता बढ़ाने समेत कई अन्य बदलावों का प्रस्ताव रखा है।

दरअसल, टोटल एक्सपेंस रेश्यो (TER) किसी म्युचुअल फंड स्कीम को चलाने की कुल लागत होती है, जिसमें मैनेजमेंट फीस, ऑपरेशन खर्च और कुछ सरकारी फीस (statutory charges) शामिल होते हैं। यह सीधे निवेशकों के रिटर्न को प्रभावित करता है, जितना ज्यादा TER होगा, फंड के मुनाफे में कटौती भी उतनी ही ज्यादा होगी।


(डिस्क्लेमर: यहां शेयर में खरीदारी की सलाह ब्रोकरेज ने दी है। बाजार में निवेश जो​खिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।) 

First Published : November 27, 2025 | 1:13 PM IST