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नॉन-निफ्टी 50 कंपनियों के प्रॉफिट इंजन ने पकड़ी रफ्तार, Q2 में इंडेक्स को पीछे छोड़ा

दूसरी तिमाही (Q2FY26) में नॉन-निफ्टी 50 कंपनियों का संयुक्त शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 22.5% बढ़ा, जो सात तिमाहियों में सबसे तेज बढ़ोतरी है

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कृष्ण कांत   
Last Updated- November 27, 2025 | 9:43 AM IST

नॉन-निफ्टी 50 कंपनियों ने पिछली तीन तिमाहियों में मुनाफे में तेज सुधार दर्ज किया है। वे अब निफ्टी 50 कंपनियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। दूसरी तिमाही (Q2FY26) में नॉन-निफ्टी 50 कंपनियों का संयुक्त शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 22.5% बढ़ा, जो सात तिमाहियों में सबसे तेज बढ़ोतरी है।

इन कंपनियों की जुलाई–सितंबर 2025 तिमाही में रेवेन्यू ग्रोथ में भी हल्की रिकवरी देखी गई, जिससे छह तिमाहियों से जारी सुस्ती खत्म हुई। संयुक्त नेट सेल्स (बैंकों व एनबीएफसी के लिए ग्रॉस इंटरेस्ट इनकम) 8% बढ़कर पांच तिमाहियों के हाई पर पहुंच गई। उनकी नेट सेल्स पहली तिमाही (Q1FY26) में 6.6 फीसदी (YoY)और दूसरी तिमाही (Q2FY25) में 6.7 फीसदी (YoY) बढ़ी थी।

बिज़नेस स्टैंडर्ड सैंपल में शामिल 2,600 नॉन-निफ्टी 50 कंपनियों का संयुक्त शुद्ध लाभ (असाधारण लाभ और हानि एडजस्ट करने के बाद) ​​Q2FY26 में रिकॉर्ड ₹1.81 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो Q2FY25 में लगभग ₹1.48 लाख करोड़ और Q1FY26 में ₹1.74 लाख करोड़ रहा। इन फर्मों ने Q2FY26 में सभी लिस्टेड कंपनियों के संयुक्त शुद्ध लाभ का 50 परसेंट हिस्सा लिया, जबकि Q2FY25 में यह 45.2 फीसदी और Q1FY26 में 46.3 फीसदी था। पांच साल का सबसे कम Q3FY23 में 39.5 फीसदी था।

नॉन-निफ्टी 50 कंपनियों की संयुक्त नेट सेल्स (या ग्रॉस इंटरेस्ट इनकम) भी बढ़कर Q2FY26 में ₹20.69 लाख करोड़ रही, जो एक साल पहले ₹19.17 लाख करोड़ थी। जबकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (Q1FY26) में यह ₹20.37 लाख करोड़ दर्ज की गई।

हालांकि, लंबी अवधि में इन कंपनियों का कुल रेवेन्यू में हिस्सा घटा है। Q2FY26 में यह हिस्सा 54.1% था, जो Q2FY25 के 53.7% से थोड़ा ज्यादा है, लेकिन Q3FY21 के 55.6% के हाई से नीचे है।

इसके विपरीत, निफ्टी 50 कंपनियों का Q2FY26 में शुद्ध लाभ सिर्फ 1.2% बढ़ा, जो तीन वर्षों में सबसे धीमी ग्रोथ है। संयुक्त नेट सेल्स भी सिर्फ 6.4% बढ़ीं, जो कम से कम 17 तिमाहियों में सबसे कमजोर ग्रोथ है।

नॉन-निफ्टी 50 कंपनियों के मुनाफे की वजहें

नॉन-निफ्टी 50 कंपनियों की लाभ में बढ़ोतरी मुख्य रूप से ऊर्जा और कमोडिटी उत्पादकों जैसेकि इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम, और अंबुजा सीमेंट जैसी कंपनियों के बेहतर मुनाफे से आई। इसके अलावा, सम्मन कैपिटल, आईडीबीआई बैंक, वोडाफोन आइडिया, मुथूट फाइनेंस, सुजलॉन एनर्जी, GIC और नजारा टेक्नोलॉजीज जैसी कंपनियों का भी अहम योगदान रहा।

केवल इंडियन ऑयल और भारत पेट्रोलियम ने नॉन-निफ्टी कंपनियों के कुल सालाना लाभ में 40% योगदान दिया।
टॉप 5 कंपनियों का योगदान कुल ग्रोथ का 60% रहा। तुलना करें तो, दोनों ऑयल रिफाइनर ने इंक्रीमेंटल रेवेन्यू ग्रोथ में 14 फीसदी का योगदान दिया, जो मोटे तौर पर नॉन-इंडेक्स फर्मों के बीच संयुक्त नेट सेल्स में उनके हिस्से के हिसाब से है।

BFSI और कमोडिटी कंपनियों को छोड़कर, नॉन-निफ्टी कंपनियों का कंबाइंड नेट प्रॉफिट Q2FY26 में साल-दर-साल 14.2 फीसदी बढ़ा, जो Q1FY26 में 7.1 फीसदी था लेकिन Q2FY25 में 16.4 फीसदी की बढ़ोतरी से कम था। इस सेगमेंट में नेट सेल्स साल-दर-साल 10.2 फीसदी बढ़ी, जो 10 तिमाही में सबसे तेज बढ़ोतरी थी।

क्या कहते हैं विश्लेषक?

विश्लेषकों का कहना है कि नॉन-निफ्टी कंपनियों का मजबूत प्रदर्शन मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में बेहतर ग्रोथ मोमेंटम का संकेत देता है, हालांकि जियो-पॉलिटिकल रिस्क और कमजोर खपत अभी भी चिंताजनक हैं।

मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के विश्लेषक ने अपनी दूसरी तिमाही (Q2FY26) की समीक्षा में लिखा, “20 मुख्य सेक्टर्स में से, 17 ने दूसरी तिमही में प्रॉफिट ग्रोथ दर्ज की। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का दबदबा रहा, जो निफ्टी 500 कंपनियों की कमाई में साल-दर-साल बढ़ोतरी का 33 फीसदी हिस्सा थीं। टॉप 10 इंक्रीमेंटल मुनाफा देने वालों में मुख्य रूप से ऑयल एंड गैस, मेटल्स, फाइनेंशियल्स और टेलीकॉम सेक्टर रहे, जिन्होंने साल-दर-साल कमाई में बढ़ोतरी में लगभग 64 फीसदी का योगदान दिया।

एलारा कैपिटल के अनुसार, कुल मिलाकर Q2FY26 के नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे, जिसमें एनर्जी, सीमेंट और मेटल जैसे साइक्लिकल सेक्टर का हाथ रहा। हालांकि अर्निंग डाउनग्रेड्स अब भी अपग्रेड्स से अधिक हैं। आने वाली 2 तिमाहियां यह तय करेंगी कि लाभ की यह रफ्तार टिकाऊ है या नहीं।

एलारा कैपिटल के विश्लेषक ने अपनी दूसरी तिमाही की समीक्षा में लिखा, “Q2 में, अपग्रेड-टू-डाउनग्रेड रेश्यो डाउनग्रेड की तरफ झुका। हमारे कवरेज में आने वाली 46 कंपनियों को अर्निंग्स अपग्रेड मिला, जबकि 31 फीसदी, या 84 कंपनियों को FY27 PAT डाउनग्रेड मिला। आने वाली 2 तिमाहियां यह तय करेंगी कि लाभ की यह रफ्तार टिकाऊ है या नहीं।”

First Published : November 27, 2025 | 9:43 AM IST