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सेंसेक्स, निफ्टी ने छुआ नया आसमान, चीन में खर्च बढ़ने की उम्मीदों से भी झूमा बाजार

दोनों सूचकांक 12 दिसंबर 2022 को कारोबार के दौरान (इन्ट्रा-डे) हासिल की ऊंचाई तक नहीं जा सके

Last Updated- June 16, 2023 | 10:01 PM IST
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विदेश से आने वाली रकम और देसी अर्थव्यवस्था की गति तेज होने की बढ़ती उम्मीदों के दम पर शेयर बाजार के मानक सूचकांक आज रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेसेंक्स 467 अंक (0.7 प्रतिशत) उछलकर 63,384 पर बंद हुआ, जो इसका नया रिकॉर्ड स्तर है। इससे पूर्व 1 दिसंबर 2022 को यह 63,284 पर बंद हुआ था। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 138 अंक (0.7 प्रतिशत) की बढ़त के साथ 18,826 के नए स्तर पर पहुंच गया। इससे पहले निफ्टी 18,813 तक गया था।

मगर दोनों सूचकांक 12 दिसंबर 2022 को कारोबार के दौरान (इन्ट्रा-डे) हासिल की ऊंचाई तक नहीं जा सके। उस दिन कारोबार के बीच सेंसेक्स 63,583 और निफ्टी 18,888 का आंकड़ छू आए थे।

आज बाजार इस उम्मीद में भी भागा कि चीन की सरकार बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाएगी। कोविड से उबरने के बाद सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए चीन के केंद्रीय बैंक ने अगस्त के बाद पहली बार इसी हफ्ते ब्याज दरें घटाई हैं।

सूचकांक इस साल मार्च के शुरू में निचले स्तर छूने के बाद 10 प्रतिशत तक बढ़त बना चुके हैं। देसी अर्थव्यवस्था पर केंद्रित शेयरों में सबसे अधिक तेजी देखी गई है।

इस साल पहले दो महीनों में शुद्ध बिकवाली करने के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भी जमकर निवेश किया। एफपीआई ने जनवरी से अभी तक 45,665 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। स्टॉक एक्सचेंजों से प्राप्त अस्थायी आंकड़ों के अनुसार आज एफपीआई ने 795 करोड़ रुपये मूल्य की शुद्ध लिवाली की।

विदेशी निवेशक इस उम्मीद के साथ देसी शेयरों पर दांव लाग रहे हैं कि अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार के बीच भारतीय कंपनियां अगले एक या दो वित्त वर्षों में शानदार कमाई करेंगी। विदेशी निवेशक इस बात से भी उत्साहित हैं कि विकसित देशों में बैंकिंग संकट और आर्थिक सुस्ती से भारत पूरी तरह बेअसर रहा है।

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अल्फीनीति फिनटेक के सह-संस्थापक यू आर भट्ट ने कहा, ‘एफपीआई निवेश ने पिछले दी महीनों में सूरत बदल कर रख दी है। अर्थव्यवस्था की चाल मजबूत रहने से भारत पर केंद्रित क्षेत्रों का प्रदर्शन अच्छा रहा है। यह देखकर एफपीआई हाथ खोलकर निवेश कर रहे हैं। तेजी से उभरते बाजार पश्चिमी देशों को बड़े पैमाने पर निर्यात करते हैं। उनके बाजार तब अच्छा प्रदर्शन करते हैं जब पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्थाओं की रफ्तार तेज रहती है।’

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इस साल रोजमर्रा के इस्तेमाल का सामान बनाने वाली (एफएमसीजी) कंपनियां, वाहन और पूंजीगत वस्तु क्षेत्र सबसे मजबूत प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में एक रहे हैं। निर्यात पर निर्भर सूचना-प्रौद्योगिकी एवं स्वास्थ्य क्षेत्रों का प्रदर्शन कमजोर रहा है। मझोले एवं छोटे शेयरों (मिड- और स्मॉल-कैप) के सूचकांक तेजी से ऊपर चढ़े हैं। अदाणी समूह के शेयरों में तेजी से भी बाजार में निवेशकों का उत्साह बढ़ा है।

First Published - June 16, 2023 | 10:01 PM IST

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