नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी रियल्टी इंडेक्स पिछले एक साल में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले सूचकांकों में से एक रहा है। जहां बेंचमार्क निफ्टी 50 में 6 प्रतिशत की गिरावट आई, वहीं इस अवधि में रियल एस्टेट इंडेक्स 22 प्रतिशत गिर गया। गोदरेज प्रॉपर्टीज में सबसे ज्यादा गिरावट आई और इसकी कीमत 40 प्रतिशत कम हो गई। इसके बाद ब्रिगेड एंटरप्राइजेज का स्थान रहा, जिसमें 33 प्रतिशत की कमजोरी आई।
अगर त्योहारों के मौसम से कोई सकारात्मक बदलाव नहीं आया तो मंदी जारी रहने की आशंका है। तीसरी तिमाही में आवासीय बिक्री में 9 प्रतिशत की गिरावट आई है, कीमतें बहुत बढ़ गई हैं, खरीदने की क्षमता खत्म हो गई है और रोजगार बाजार कमजोर बना हुआ है।
इस सेक्टर का भविष्य आवासीय बिक्री पर निर्भर है और हाल के आंकड़ों से भरोसा नहीं जगता। प्रमुख सात शहरों में अनुमानित बिक्री 2025 की तीसरी तिमाही में 97,000 आवास रह गई जो पिछले साल की इसी अवधि में 107,000 आवासों के मुकाबले 9 फीसदी कम है। बिक्री में गिरावट के बावजूद कुल बिक्री मूल्य 14 प्रतिशत बढ़ गया, जिससे लग्जरी और सुपर-लग्जरी हाउसिंग की मजबूत मांग पता चलती है। इन शहरों में औसत आवासीय कीमतें इस दौरान 9 फीसदी बढ़ीं।
अनारॉक ग्रुप के सह-संस्थापक और चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘नए अमेरिकी एच1-बी वीजा नियमों का भारत के आवासीय बाजार पर अगर कोई असर पड़ता है तो उस पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है। जहां अधिकांश शहरों में कई खरीदारों के लिए किफायत अभी भी दूर की कौड़ी बनी हुई है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों की दो अंक की रफ्तार वाली कीमत वृद्धि अब ठंडी पड़ गई है। शीर्ष सात शहरों में दो अंक की सालाना वृद्धि देखी गई।’
मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में डेवलपरों का परिचालन प्रदर्शन पर असर आया और परियोजना पेशकशों में विलंब से बुकिंग प्रभावित हुई जिससे उनका प्रदर्शन अनुमान के मुताबिक नहीं रहा। ब्रोकरेज ने अपने वित्त वर्ष 2026 के बुकिंग पूर्वानुमान को बरकरार रखा है, लेकिन वह लॉन्च और डिलिवरी पर बारीकी से नजर रखेगा क्योंकि कई कंपनियों ने मंजूरी में देरी की बात कही है। प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स और लोढ़ा डेवलपर्स (पहले मैक्रोटेक डेवलपर्स) अभी भी उसके पसंदीदा शेयरों में शामिल हैं। धीमी गति से बिक्री के बावजूद सूचीबद्ध डेवलपरों के लिए बुकिंग मजबूत बनी हुई हैं।
2024-25 में इसमें 19 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई। लोढ़ा ने वित्त वर्ष 2026 की प्रीसेल यानी बुकिंग में 20 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है। गोदरेज को 10 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है और प्रेस्टीज पिछले वर्ष से मांग बढ़ने के कारण 47 प्रतिशत का लक्ष्य कर रही है। पहली तिमाही के आंकड़ों के आधार पर डेवलपर अपने लक्ष्यों की राह पर बढ़ते दिख रहे हैं।
नोमूरा के शोध विश्लेषक आकाश गुप्ता ने हाल में एक रिपोर्ट में कहा कि प्रॉपर्टी बाजार ने मजबूती दिखाई है और बड़ी ब्रांडेड कंपनियां मांग से ज्यादा आपूर्ति की वजह से दबाव में हैं। नोमूरा की राय में रियल एस्टेट शेयरों में मौजूदा गिरावट (जो सीजनल कमजोरी, आर्थिक अनिश्चितता और नौकरी छूटने की खबरों के चलते आई है) खरीदारी का अवसर है। उसका कहना है कि मजबूत बैलेंस शीट होने से लोढ़ा, ओबरॉय रियल्टी और आदित्य बिड़ला रियल एस्टेट जैसे शेयरों में दीर्घावधि वैल्यू है।
नुवामा के विश्लेषकों परवेज अख्तर काजी और वासुदेव गनात्रा का मानना है कि शेयरों का आगे का प्रदर्शन इस पर निर्भर करेगा कि आवासीय चक्र, उत्पाद मिश्रण और ब्याज दरों में कटौती को लेकर परिदृश्य कैसा रहता है। उन्होंने कहा कि घटती अफोर्डेबिलिटी और मिड-इनकम क्षेत्र में हाउसिंग की सीमित आपूर्ति को देखते हुए वे कमजोर बिक्री वृद्धि के लिए किसी त्वरित समाधान की उम्मीद नहीं करते। टैरिफ के तनाव और असमान आर्थिक वृद्धि के बीच नौकरी सृजन की चिंताएं भी बनी रहेंगी।
उनका मानना है कि अस्थिरता बनी रहेगी। हालांकि मॉर्गेज दर में कटौती से नुकसान कम होगा, लेकिन मूल्यांकन और बिक्री संबंधी चिंताओं के कारण इसमें बढ़ोतरी नहीं होगी। ब्रोकरेज फर्म ने प्रेस्टीज और ब्रिगेड के शेयरों को ‘खरीदें’ रेटिंग दी है।