शेयर बाजार

आरबीआई व ट्रंप के बयान से बाजार को ताकत, सेंसेक्स 1,046 अंक चढ़ा

बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5 लाख करोड़ रुपये बढ़ कर 448 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- June 20, 2025 | 10:51 PM IST

घरेलू शेयर बाजार में शुक्रवार को जमकर खरीदारी हुई। परियोजना वित्त नियमों में ढील के बाद बैंकिंग एवं अन्य बड़े शेयरों में भारी बढ़त दर्ज हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के इस बयान से भी निवेशकों ने राहत की सांस ली कि अमेरिका ईरान-इजरायल की लड़ाई में सीधे सैन्य हस्तक्षेप करने पर तत्काल कोई निर्णय नहीं लेगा। ट्रंप ने कहा कि वह अगले दो सप्ताह में इस संबंध में कोई फैसला करेंगे।

शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 1,046 अंक (1.3 फीसदी) की उछाल के साथ 82,408 के स्तर पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी 319 अंक (1.3 फीसदी) की तेजी हासिल कर 25,112 के स्तर पर पहुंच गया। सूचकांक में तेजी में एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल और आईसीआईसीआई बैंक का आधा से अधिक योगदान रहा। इन शेयरों ने 15 मई के बाद किसी एक कारोबारी दिवस में सबसे बड़ी बढ़त दर्ज की। इस सप्ताह सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में 1.6 फीसदी तेजी दर्ज हुई है। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5 लाख करोड़ रुपये बढ़ कर 448 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

सेंसेक्स में दर्ज बढ़त में बैंकिंग शेयरों की अहम भूमिका रही और एचडीएफसी बैंक ने सबसे अधिक योगदान दिया। इसके शेयर में 1.6 फीसदी तेजी आई। परियोजना वित्त से जुड़े दिशानिर्देशों में ढील देने से बैंकिंग शेयरों में शानदार तेजी आई। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने कुल 8,000 करोड़ रुपये मूल्य की लिवाली की जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 3,045 करोड़ रुपये की बिकवाली की। बीएसई और एफटीएसई सूचकांकों में नवीनतम पुनर्संतुलन के लिए जरूरी समायोजन के कारण संस्थागत निवेशक अधिक सक्रिय रहे।

ईरान पर व्हाइट हाउस की तरफ से आए बयान के बाद पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष में अमेरिका के इजरायल के पक्ष में सीधे हस्तक्षेप से जुड़ी चिंता कम हुई। राष्ट्रपति ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि ईरान के साथ बातचीत की खासी गुंजाइश है जो जल्द हो सकती है या इसमें देरी भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि ईरान पर हमले में इजरायल का साथ देने पर वह अगले दो सप्ताह के भीतर ही कोई निर्णय ले पाएंगे।

शुक्रवार को कच्चा तेल 3 फीसदी फिसल कर 75.7 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार कर रहा था। हालांकि, जून में अब तक कच्चा तेल 21 फीसदी तक उछल गया है।

बाजार में जारी गतिविधियों पर जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘इजरायल-ईरान युद्ध में अमेरिका के उतरने की आशंका कम होने से शेयर सूचकांकों में तेजी आई। इससे कच्चे तेल का भाव भी नीचे आया जिससे घरेलू बाजार को राहत मिली और विदेशी निवेशकों का उत्साह भी बढ़ा।’

First Published : June 20, 2025 | 10:45 PM IST