नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने सोमवार को स्पष्ट किया कि शेयर ब्रोकरों को थर्ड-पार्टी ऋण जैसे होम लोन, पर्सनल लोन, व्हीकल लोन या एजुकेशन लोन वितरित करने की इजाजत नहीं है, भले ही वे रिसर्च एनालिस्ट के रूप में पंजीकृत हों। एनएसई ने कहा, ‘यह देखा गया है कि जो ट्रेडिंग सदस्य रिसर्च एनालिस्ट के रूप में भी पंजीकृत हैं, वे विभिन्न प्रकार के ऋमों से संबंधित बैंकिंग योजनाओं को बेच रहे हैं।’
एनएसई ने जुलाई 2025 में जारी सेबी के एफएक्यू का हवाला दिया। ये एफयूक्यू शोध विश्लेषकों को परिवार या समूह स्तर पर ही ऐसी बैंकिंग योजनाओं को वितरित करने की अनुमति देते हैं जिनका नियमन सेबी नहीं करता। एनएसई ने इस बात पर जोर दिया कि यह छूट शेयर ब्रोकरों को नहीं है, भले ही उनके पास रिसर्च एनालिस्ट के रूप में दोहरा पंजीकरण हो।
यह स्पष्टीकरण जून 2025 में एनएसई की ओर से जारी पहले के उस सर्कुलर के सिलसिले में आया है, जो ब्रोकरों को केवल उन ऋण साधनों तक सीमित करता है जिनकी भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से स्पष्ट अनुमति है। इनमें मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी (एमटीएफ) और टी+1+5 फंडिंग जैसे साधन
शामिल हैं।
एनएसई के अनुसार स्टॉक ब्रोकरों को तीसरे पक्ष की योजनाओं के वितरण को नियंत्रित करने वाले एक्सचेंज के ढांचे का सख्ती से पालन करना चाहिए। किसी भी अनधिकृत ऋण गतिविधि में शामिल होना एक्सचेंज के दिशानिर्देशों का उल्लंघन माना जाएगा।