Reliance Share Price: मुकेश अंबानी ने अपने 47वें AGM में रिलायंस इंडस्ट्रीज को एडवांस मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं के साथ एक डीप-टेक कंपनी बनने की योजना का ऐलान किया है। हालांकि, एनालिस्ट का कहना है कि कंपनी की शेयर प्राइस में पहले से ही काफी पॉजिटिव बना हुआ है। इसलिए उन्होंने रिलायंस को शेयरों को लेकर ‘सतर्कता के साथ सकारात्मक’ रुख अपनाया है।
शुक्रवार को रिलायंस के शेयरों में 0.7% की गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह प्रति शेयर 3,020 रुपये के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। जबकि गुरुवार को यह 1.5% की बढ़त के साथ बंद हुआ था। सुबह 10 बजे BSE सेंसेक्स 230 अंकों की बढ़त के साथ 82,365 स्तर पर था।
एनालिस्ट के अनुसार गुरुवार को कंपनी की सालाना आम बैठक (AGM) में ‘बड़ी धमाकेदार’ घोषणाओं का अभाव था, क्योंकि तथाकथित न्यू एनर्जी वर्टिकल से ग्रोथ की संभावनाओं के लिए घोषित 75,000 करोड़ रुपये से अधिक पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) की जरूरत है। इसके अलावा, रिलायंस रिटेल और जियो इंफ्रास्ट्रक्चर के निरंतर विस्तार से फ्री कैश फ्लो (FCF) यील्ड में सुधार सीमित हो जाएगा।
एनालिस्ट के अनुसार, 29 अगस्त को हुई कंपनी की सालाना आम बैठक (AGM) में कोई ‘बड़े ऐलान’ नहीं किए गए, जिससे नए एनर्जी सेगमेंट में वृद्धि की संभावनाएं घोषित ₹75,000 करोड़ से अधिक की पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) की आवश्यकता है। इसके अलावा, रिलायंस रिटेल और जिओ इन्फ्रास्ट्रक्चर के निरंतर विस्तार से मुक्त नकदी प्रवाह (FCF) में सुधार की संभावनाएं सीमित रहेंगी।
HSBC के एनालिस्ट ने कहा, ‘हम रिलायंस के व्यापार और बैलेंस शीट को पसंद करते हैं और मानते हैं कि इसके तीन मुख्य बिजनेस – ऑयल टू केमिकल (O2C), रिटेल और डिजिटल सर्विसेज आत्मनिर्भर और कैश जनरेट करने वाले बन गए हैं।’
हालांकि, कमजोर व्यापक अर्थव्यवस्था और नई क्षमताओं के आगमन के कारण O2C सेगमेंट में सुस्ती बनी रह सकती है। रिटेल बिजनेस को व्यापक आर्थिक समर्थन (macroeconomic support) की कमी है और न्यू एनर्जी का विस्तार धीमा हो सकता है क्योंकि टेक्नोलजी को मैच्योर होने में समय लगता है।
HSBC ने कहा, ‘यह निकट भविष्य में स्टॉक को सीमित दायरे में रखेगा।’ ब्रोकरेज ने रिलायंस के शेयरों को ‘होल्ड’ रेटिंग और 2,780 रुपये का टारगेट प्राइस (Reliance Share target price) दिया है।
रिलायंस के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने 47वीं AGM में कहा कि कंपनी का लक्ष्य वित्त वर्ष 28 (FY28) तक खुद को दोगुना करना है। रिलायंस जियो ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करेगा और जियो ब्रेन (Jio Brain) डेवलप करेगा। यह AI लाइफसाइकल को पूरा करने वाले टूल्स और प्लेटफॉर्म का एक समूह होगा। मैनेजमेंट का लक्ष्य अगले तीन से चार सालों में जियो के रेवेन्यू और एबिटा (EBITDA) को दोगुना करना है।
रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) का लक्ष्य एडवांस टेक्नोलॉजी जैसे रीयल-टाइम डैशबोर्ड और AI का उपयोग करके ऑपरेशन को मजबूत करना और कस्टमर एक्सपीरिएंस के लिए डेटा एनॉलिटिक्स का निर्माण करना है।
मैनेजमेंट का लक्ष्य अगले तीन से चार वर्षों में रिलायंस रिटेल के राजस्व को 4.2 लाख करोड़ रुपये और एबिटा को 44,500 करोड़ रुपये तक करना है।
न्यू एनर्जी में, रिलायंस ने 2021 में पहली बार घोषित 75,000 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता को दोहराया। कंपनी ने कहा कि इस सेगमेंट की प्रॉफिटेबिलिटी अगले पांच से सात सालों में O2C के बराबर होगी, जिसमें एबिटा का रन-रेट 60,000-65,000 करोड़ रुपये होगा।
O2C सेगमेंट में, रिलायंस 2026-27 तक दहेज और नागोथाने में 15 लाख टन PVC और CPVC जोड़कर अपनी विनाइल वैल्यू चेन (vinyl value chain) को बढ़ाने के लिए तैयार है। यह 2026-27 तक विशेष पॉलिएस्टर क्षमता को 10 लाख टन तक विस्तारित करेगा। O2C कंपनी का सबसे बड़ा प्रॉफिट बेस है, जो एबिटा का दो-पांचवां हिस्सा और शुद्ध लाभ का आधे से अधिक योगदान करता है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के एनालिस्ट ने रिलायंस के शेयरों के लिए ‘add’ रेटिंग और 3,200 रुपये के टारगेट प्राइस दिया। एनालिस्ट ने कहा, ‘हम आय की दृष्टि से आशावादी हैं और FY24-27 के दौरान लगभग 13% की अर्निंग CAGR का अनुमान लगाते हैं। हालांकि, टेलीकॉम टैरिफ वृद्धि पहले ही हो चुकी है, और वर्तमान में रिटेल/O2C बिजनेस में सुस्ती है, जिससे नियर टर्म में कोई प्रमुख कैटालिस्ट नहीं हैं।’
एनालिस्ट्स का मानना है कि जियो और/या रिटेल बिजनेस की अलग लिस्टिंग की कोई भी घोषणा रिलायंस स्टॉक के रीवैल्यूएशन के लिए अगला प्रमुख उत्प्रेरक होगी।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने रिलायंस टारगेट प्राइस 3,786 रुपये रखा और ‘खरीदें’ (Buy) रेटिंग दी। नुवामा ने कहा, ‘हम जियो और रिटेल को बेहतर वैल्यूएशन दे रहे हैं। उनकी बेहतर संभावनाओं को देखते हुए, रिलायंस के कोर O2C बिजनेस (दोनों परिष्करण और रसायन) पर पॉजिटिव बने हुए हैं। रिलायंस लगभग अपने कैपेक्स साइकल को पूरा कर चुका है और ग्लोबल लेवल के प्रोजेक्टस में निवेश कर रहा है। यह आने वाले महीनों में भविष्य की ग्रोथ को मजबूत करेगा। रिलायंस का न्यू एनर्जी बिजनेस में प्रवेश विकास के अगले चरण को उजागर करेगा।’