घरेलू शेयर बाजारों ने शुक्रवार (21 मार्च) को लगातार पांचवे ट्रेडिंग सेशन में तेजी बनाए रखा। एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स और बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) ने पिछले पांच ट्रेडिंग सेशन में लगभग 4 प्रतिशत की बढ़त दिखाई है और आज इंट्रा-डे ट्रेड में ये क्रमशः 23,250 और 76,550 के स्तर पर थे।
बाजार में हालिया बढ़त विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली में कमी के चलते देखने को मिल रही है। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स रिकॉर्ड हाई लेवल से से गिर गया है। साथ ही अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 2025 में 50 आधार अंकों की दर में कटौती की संभावना को दोहराया है। इसके अलावा, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) ने बाजार का समर्थन जारी रखा और लगातार खरीदारी की।
इस महीने मार्च में अब तक एफआईआई ने ₹22,114 करोड़ की इक्विटी बेचीं है। जबकि फरवरी में एवरेज नेट बिक्री लगभग ₹59,000 करोड़ और जनवरी में ₹87,375 करोड़ थी। दूसरी ओर, डीआईआई ने मार्च में अब तक ₹33,485 करोड़ के शेयर खरीदे हैं। जबकि पिछले दो महीनों में उन्होंने क्रमशः ₹64,853 करोड़ और ₹86,592 करोड़ के शेयर खरीदे थे।
एनएसई निफ्टी 50 ने अपने हाल के निचले स्तर 21,965 से 6 प्रतिशत की बढ़त हासिल की है। वहीं, निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स 3 मार्च को अपने निचले स्तर 13,428 से 12.7 प्रतिशत बढ़कर शुक्रवार को अब तक 15,135 के हाई लेवल पर पहुंच गया है।
वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज के निदेशक-इक्विटी क्रांति बाथिनी का कहना है कि स्मॉलकैप इंडेक्स में तेज उछाल का कारण बॉटम-फिशिंग और 3 महीने के लंबे सुधार के बाद चुनिंदा शेयरों द्वारा दिखाई गई लचीलापन है। उनका मानना है कि जब तक निफ्टी 23,000 अंक से ऊपर बना रहेगा, तब तक शॉर्ट टर्म में बाजार में गिरावट जारी रहने की संभावना है।
इंडिविजुअल शेयरों में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स, ज्योति सीएनसी ऑटोमेशन, अवंती फीड्स, एक्शन कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट और चेन्नई पेट्रोलियम में 31-31 फीसदी से अधिक की तेजी आई है। एम्बर एंटरप्राइजेज, डेटा पैटर्न, दीपक फर्टिलाइजर्स, बलरामपुर चीनी, एचईजी, तानला प्लेटफॉर्म्स, गॉडफ्रे फिलिप्स, सीएएमएस, वेलस्पन कॉर्प और एस्ट्राजेनेका फार्मा इंडिया अन्य प्रमुख लाभ वाले शेयर रहे हैं, जिनमें से प्रत्येक में 21 फीसदी से अधिक की तेजी आई है।
आम तौर पर बाजार या इंडेक्स में शीर्ष स्तर से 10 प्रतिशत या उससे अधिक की गिरावट को करेक्शन के रूप में देखा जाता है। इस प्रकार निचले स्तर से 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि को करेक्शन के मोड से बाहर निकलने के रूप में देखा जा सकता है?
रेलिगेयर ब्रोकिंग के सीनियर वाइस प्रेजीडेंट (रिसर्च) अजीत मिश्रा की इस पर अलग राय हैं। वे बताते हैं कि स्मॉलकैप इंडेक्स के मामले में यह अपने शिखर से 20 प्रतिशत से अधिक नीचे था और मंदी के दौर में प्रवेश कर गया था। अब जबकि निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स ने वापसी कर ली है और शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज को फिर से हासिल कर लिया है, यह एक अच्छा संकेत है। हालांकि, इंडेक्स अभी भी लॉन्ग टर्म एवरेज से बहुत दूर है जो 17,000 – 17,200 क्षेत्र में है।
अजीत मिश्रा ने कहा कि जब तक निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स लॉन्ग टर्म बाधाओं को पार नहीं पा लेता, तब तक हम यह नहीं कह सकते कि बाजार में बदलाव आ गया है।