अगस्त में करीब 31 लाख नए डीमैट खाते खुले क्योंकि मिड व स्मॉलकैप में तेजी और आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के अच्छे प्रदर्शन ने निवेशकों को इक्विटी बाजार की ओर खींचा।
शेयरों की ट्रेडिंग और उसे इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने के लिए आवश्यक 31 लाख नए डीमैट खाते अगस्त में दो डिपॉजिटरीज सीडीएसएल और एनएसडीएल के पास खुले, जो जनवरी 2022 के बाद सबसे ज्यादा है।
अगस्त में खुले नए डीमैट खाते मासिक आधार पर 2.4 फीसदी ज्यादा हैं और पिछले 12 महीने के औसत 20 लाख से 47 फीसदी अधिक है।
अब कुल डीमैट खातों की संख्या 12.66 करोड़ हो गई है, जो कोविड के बाद 3.1 गुना बढ़ा है। एक्सचेंज के सूत्रों ने कहा कि पहली बार यूनिक क्लाइंट कोड (यूसीसी) 14 करोड़ पर पहुंचा है। एक डीमैट खाते के कई यूसीसी हो सकते हैं और एक पैन के तहत कई डीमैट खाते खुलवाए जा सकते हैं। देश में यूनिक इन्वेस्टर की संख्या अनुमानित तौर पर 6 करोड़ हो सकती है।
बेंचमार्क सूचकांकों में अगस्त के दौरान हालांकि गिरावट आी, लेकिन मिड व स्मॉलकैप सूचकांकों ने बेहतर प्रदर्शन किया। अगस्त में निप्टी 2.5 फीसदी टूटा, लेकिन निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में क्रमश: 3.7 फीसदी व 4.6 फीसदी की तेजी दर्ज हुई।
इसके अतिरिक्त चढ़ने वाले शेयरों की संख्या गिरावट वालों के मुकाबले ज्यादा रही। अगस्त में बीएसई पर 2,126 शेयर चढ़े जबकि 1,955 में गिरावट आई, जो चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात 1.1 बताता है। देसी बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात व्यापक बाजार में उम्दा प्रदर्शन के बीच अप्रैल के बाद से एक से ऊपर रहा है।
5पैसा के पूर्णकालिक निदेशक और चीफ बिजनेस अफसर प्रकाश गगडानी ने कहा, कई मिडकैप शेयर सर्वोच्च स्तर पर पहुंच रहे हैं और उनका ट्रेडिंग वॉल्यूम भी काफी है। इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक जी. चोकालिंगम ने कहा, व्यापक बाजार की तेजी हर हफ्ते लाखों नए निवेशकों को बाजार में प्रवेश के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
चोकालिंगम ने कहा, हम स्मॉल व मिडकैप को बेंचमार्क सूचकांकों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन की दुर्लभ घटना से रूबरू हो रहे हैं। इस साल स्मॉल व मिडकैप ने बेंचमार्क के मुकाबले 3 गुना रिटर्न दिया है। जब स्मॉलकैप, सेंसेक्स से बेहतर प्रदर्शन करता है तो नकदी कारोबार में खुदरा भागीदारी बढ़ती है। इसके अलावा हाल में डेरिवेटिव में बी खुदरा भागीदारी बढ़ी है।
बीएसई पर नए डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट के लॉन्च होने से नए निवेशक आकर्षित हो रहे हैं, जिसमें लॉट का आकार घटाया गया है और नया एक्सपायरी चक्र लागू हुआ है।
गगडानी ने कहा, नई डेरिवेटिव योजनाएं निवेशकों को निफ्टी व सेंसेक्स के बीच हेजिंग की इजाजत दे रहे हैं।
एक अन्य वजह आरंभिक सार्वजनिक निर्गम है, जहां निवेशकों का झुकाव रहा है। अगस्त 2023 में सात आईपीओ के जरिये 4,737 करोड़ रुपये जुटाए गए, जो दिसंबर 2022 के बाद का सर्वोच्च आंकड़ा है।
बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि हालिया सूचीबद्धता पर कमाई को देखते हुए आईपीओ को लेकर निवेशकों का सेंटिमेंट अनुकूल हो गया है। कई निवेशक अपने परिवार के सदस्यों के लिए डीमैट खाते खुलवा रहे हैं ताकि आईपीओ आवंटन में उनकी संभावना बढ़े।
विशेषज्ञों ने कहा, आने वाले समय में नए डीमैट खाते 25 से 30 लाख के बीच रह सकते हैं जबतक कि बाजारों में बहुत ज्यादा गिरावट नहीं आती।