विनिर्माण से जुड़े शेयर अर्थव्यवस्था में शानदार वृद्धि को पूरी तरह से नहीं दिखा रहे हैं जबकि वित्त वर्ष 2025-26 की जुलाई-सितंबर के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के हालिया 8.2 फीसदी के आंकड़ों में यह नजर आता है। सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि की अगुआई विनिर्माण क्षेत्र ने की जो टैरिफ संबंधी चिंताओं के बावजूद समीक्षाधीन अवधि के दौरान 9.1 फीसदी (पहली तिमाही में 7.7 प्रतिशत) बढ़ा।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक और शोध प्रमुख जी चोकालिंगम ने कहा, अमेरिकी टैरिफ के दबाव के कारण कई निर्यात इकाइयों (ईओयू) ने शायद अपनी पूरी क्षमता से प्रदर्शन नहीं किया होगा। ऐसी इकाइयों की एक बड़ी संख्या मिडकैप और स्मॉलकैप (एसएमआईडी) क्षेत्र की होगी। इसलिए उस सीमा तक संबंधित शेयरों का प्रदर्शन वृद्धि की संभावना को नहीं दिखा रहा है। टैरिफ पर स्पष्टता आने के बाद निर्यात में तेजी आने की संभावना है, जिससे शेयरों के प्रदर्शन में भी सुधार हो सकता है, खासकर स्मॉल और मिडकैप सेक्टर में।
इस बीच, शेयर बाजारों में निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स ने औद्योगिक वृद्धि में जोरदार तेजी के बाद पिछले नौ महीनों में 26 फीसदी की बढ़त के साथ बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया है। आंकड़ों के अनुसार इसी अवधि में बेंचमार्क निफ्टी 50 में 18.4 फीसदी की वृद्धि हुई।
निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स का मकसद निफ्टी 100, निफ्टी मिडकैप 150 और निफ्टी स्मॉलकैप 50 सूचकांक में शामिल सब कंपनियों में चुनिंदा शेयरों के प्रदर्शन को ट्रैक करना है, जो विनिर्माण क्षेत्र का मोटे तौर पर प्रतिनिधित्व करने वाले पात्र बुनियादी उद्योगों के भीतर 6 महीने के औसत फ्री-फ्लोट बाजार पूंजीकरण पर आधारित है।
सूचकांक वितरण में ऑटोमोबाइल और ऑटो घटकों का हिस्सा 27.04 फीसदी रहा। इसके बाद पूंजीगत वस्तुएं (19.79 फीसदी), स्वास्थ्य सेवा (17.09 फीसदी), धातु और खनन (13.66 फीसदी), तेल गैस और उपभोग्य ईंधन (9.39 फीसदी) और रसायन (7.37 फीसदी) का स्थान रहा।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स में 1.5 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि निफ्टी 50 का रिटर्न 3.5 फीसदी नकारात्मक रहा।
शेयरों में निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स के 74 शेयरों में से 32 ने पिछले नौ महीनों में 26 फीसदी से अधिक रिटर्न दर्ज करके बेहतर प्रदर्शन किया है। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स (बीएचईएल), सोलर इंडस्ट्रीज और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसई) में 50 फीसदी से 69 फीसदी तक की वृद्धि हुई।
ऑटोमोबाइल क्षेत्र की टीवीएस मोटर कंपनी, यूनो मिंडा, अशोक लीलैंड, आयशर मोटर्स, संवर्धन मदरसन इंटरनैशनल, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमएंडएम) और एमआरएफ के शेयरों में 45 फीसदी से 65 फीसदी तक की तेजी आई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज (31 फीसदी), हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (28 फीसदी), मारुति सुजूकी इंडिया (35 फीसदी) और वेदांत (35 फीसदी) अन्य उल्लेखनीय शेयर हैं, जिन्होंने विनिर्माण सूचकांक से बेहतर
प्रदर्शन किया।
स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, लंबे समय के बाद विनिर्माण क्षेत्र जीडीपी वृद्धि में अग्रणी रहा है। मुझे लगता है कि यह वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में बदलाव की पृष्ठभूमि में ऑटो, एफएमसीजी और हल्के इंजीनियरिंग क्षेत्रों में खपत बढ़ने की उम्मीद से जुड़ा है। दिसंबर 2025 की तिमाही में विनिर्माण से जुड़े शेयर इस आशावाद को और बढ़ा सकते हैं क्योंकि जीएसटी कटौती से जुड़े लाभ कंपनियों के परिचालन और वित्तीय प्रदर्शन में ज्यादा दिखाई देने लगेंगे।