India’s private debt market: भारत का प्राइवेट डेट मार्केट 2024 के अंत तक 18 बिलियन डॉलर (1,800 करोड़ डॉलर) से अधिक एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) तक पहुंच जाएगा। इन्वेस्टमेंट डेटा कंपनी प्रीक्विन (Preqin) की एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्केट का विस्तार हो रहा है क्योंकि बिजनेस तेजी से ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए फ्लेक्सिबल फाइनेंसिंग विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। खासकर उन क्षेत्रों में जहां पारंपरिक तौर पर लिया जाने वाला उधार पर्याप्त नहीं हो सकता है।
भारत के मार्केट पर फोकस्ड प्राइवेट डेट AUM 2022 में 14 बिलियन डॉलर से बढ़कर एक साल बाद यानी 2023 में लगभग 18 बिलियन डॉलर हो गया। यह 29% की वृद्धि को दर्शाता है। रिपोर्ट के अनुसार, इस वृद्धि ने भारत को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में प्राइवेट डेट मार्केट में एक रीजनल लीडर के रूप में स्थापित कर दिया है।
इस बदलाव से दिवालियापन और दिवालियापन संहिता (IBC) जैसे रेगुलेटरी सुधारों ने निवेशकों के विश्वास को और बढ़ाया। हालांकि, प्राइवेट डेट सबसे तेजी से बढ़ने वाली एसेट क्लास है, फिर भी वेंचर कैपिटल (VC) भारत के प्राइवेट कैपिटल क्षेत्र पर हावी है।
VC कंपनियों का AUM 2023 में 45 बिलियन डॉलर के करीब पहुंच गया, जो सभी इंडिया-फोकस्ड प्राइवेट कैपिटल AUM का 36% हिस्सा है।
देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था और अनुकूल जनसांख्यिकी (favourable demographics) ने प्राइवेट कैपिटल को समर्थन दिया है, जिसके परिणामस्वरूप 2024 की पहली छमाही (H1) में 6 बिलियन डॉलर से अधिक की 560 डील्स हुई हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्राइवेट इक्विटी भी मजबूत बनी हुई हैं। वे मजबूत पब्लिक मार्केट और लगातार फंडरेजिंग से मुनाफा कमा रही हैं। एग्जिट वॉल्यूम स्थिर (steady) रहे हैं, और 2024 के लिए फंडरेजिंग के आंकड़े पिछले साल से बेहतर रहने की संभावना है। जून 2024 तक 1 बिलियन डॉलर से अधिक जुटाया गया था, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 2 बिलियन डॉलर से कम था।
प्रीक्विन के डेटा से पता चलता है कि भारत में प्राइवेट इक्विटी एग्जिट वॉल्यूम 2023 में 85 और 2024 के मध्य तक 46 तक पहुंच चुके थे।