होम लोन देने वाली कंपनी एचडीएफसी का एचडीएफसी बैंक में विलय 1 जुलाई से प्रभावी होने के साथ ही एकीकृत कंपनी देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज से भी दमदार हो जाएगी। बेंचमार्क एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी सूचकांकों में एचडीएफसी एकीकृत कंपनी का भारांश (वेटेज) RIL से भी अधिक होगा। एचडीएफसी में खरीद-फरोख्त 13 जुलाई से बंद हो जाएगी।
फिलहाल आरआईएल का भारांश सेंसेक्स में करीब 12 फीसदी और निफ्टी में 10.3 फीसदी है। एचडीएफसी बैंक सेंसेक्स में भारांश 9.9 फीसदी और निफ्टी में 8.8 फीसदी है। एचडीएफसी सेंसेक्स में 6.8 फीसदी और निफ्टी में 6 फीसदी है। इसलिए एकीकृत कंपनी का भारांश सेंसेक्स में 16.7 फीसदी और निफ्टी में 14.8 फीसदी होगा।
हालांकि एकीकृत एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण (mcap) 14.7 लाख करोड़ रुपये होगा, जो आरआईएल के बाजार पूंजीकरण से कम मगर टीसीएस से अधिक होगा। आरआईएल का बाजार पूंजीकरण 17.3 लाख करोड़ रुपये है। टीसीएस का बाजार पूंजीकरण फिलहाल 12.1 लाख करोड़ रुपये है।
आरआईएल और टीसीएस दोनों का फ्री-फ्लोट बाजार पूंजीकरण एचडीएफसी बैंक के मुकाबले कम है। इस प्रकार निजी क्षेत्र के इस बैंक का भारांश कहीं अधिक होगा। इस एकीकरण से निफ्टी, सेंसेक्स और बैंक निफ्टी जैसे लोकप्रिय सूचकांकों में भी बदलाव होंगे।
न्यूजीलैंड की पेरिस्कोप एनालिटिक्स के विश्लेषक ब्रायन फ्रीटस ने कहा ‘हमारा अनुमान है कि विलय के बाद दीर्घकालिक निवेशकों की कंपनी में हिस्सेदारी लगभग 11 फीसदी हो जाएगी। अमेरिकी डिपॉजिटरी रिसीट धारकों, खुदरा एवं धनाढ्य निवेशकों, बीमा कंपनियों और सक्रिय निवेशकों की हिस्सेदारी क्रमशः 13.7 फीसदी, 10.5 फीसदी, 8.25 फीसदी और 55 फीसदी हो जाएगी।’
माना जा रहा है कि एलटीआई माइंडट्री निफ्टी सूचकांक में शामिल हो जाएगी। फ्रीटस का कहना है कि बड़ी आईटी कंपनियों में लंबी अवधि तक निवेश करने वाले निवेशक 1,630 करोड़ रुपये लगा सकते हैं।
इस बीच निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स में एलटीआईमाइंडट्री की जगह जिंदल स्टील ऐंड पावर या टीवीएस मोटर ले सकती है। दूसरी तरफ जेएसडब्ल्यू स्टील सेंसेक्स में शामिल हो सकती है। इससे दीर्घ अवधि के लिए 1,400 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे जा सकते हैं।
फ्रीटस का कहना है कि बैंक निफ्टी सूचकांक में इससे तत्काल कोई फर्क नहीं पड़ेगा मगर विलय के बात नई इकाई का भारांश सीमित रह जाएगा। इसलिए विलय लागू होते समय 2,367 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदफरोख्त हो सकती है।
विलय के बाद एचडीएफसी बैंक में सक्रिय म्युचुअल फंड योजनाएं 5,000 करोड़ रुपये की बिकवाली करेंगी। किसी एक शेयर में 10 प्रतिशत निवेश सीमा का अनुपालन करने के लिए उन्हें ऐसा करना होगा।