Why market is down today: घरेलू शेयर बाजार में मंगलवार (11 फरवरी) को लगातार पांचवें ट्रेडिंग सेशन में गिरावट दर्ज की गई। बीएसई सेंसेक्स 1,281 अंक या 1.65 प्रतिशत टूट गया और इंट्राडे में 76,030 के निचले स्तर पर लुढ़क गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी50 भी 23,000 के नीचे फिसल गया और 395 अंक या 1.68 प्रतिशत गिरकर दिन के निचले स्तर 22,986.65 पर आ गया। इस गिरावट के साथ बाजार अपने ऑल टाइम हाई से लगभग 12% नीचे फिसल गया है।
सेंसेक्स (Sensex) की 30 कंपनियों में ज़ोमैटो, पावर ग्रिड, लार्सन एंड टुब्रो (L&T), टाटा स्टील, हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) में बड़ी गिरावट देखी और कारोबार के दौरान ये 2-2% तक फिसल गए।
एनएसई (NSE) पर आयशर मोटर्स, अपोलो हॉस्पिटल्स 6 प्रतिशत से अधिक गिर गए। इसके अलावा श्रीराम फाइनेंस 4 प्रतिशत से अधिक, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL) और एचडीएफसी लाइफ 3 प्रतिशत से अधिक नीचे गिर गए और टॉप 5 लूजर्स में रहे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने सोमवार को अमेरिका में स्टील और एल्युमीनियम आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला किया। उन्होंने और अधिक टैरिफ लगाने की भी चेतावनी दी है। इससे दुनिया भर के बाजारों में घबराहट पैदा हो गई और इसका असर भारत के स्टॉक मार्केट पर भी पड़ा।
ट्रंप के इस फैसले के बाद निफ्टी मेटल इंडेक्स 1% से ज्यादा फिसल गया। जबकि जेएसडब्ल्यू स्टील, हिंदुस्तान जिंक, रत्नमणि मेटल्स, एनएमडीसी 4% तक लुढ़क गए।
मुनाफावसूली के साथ कमजोर मार्जिन की रिपोर्ट के बाद आयशर मोटर्स के शेयरों में कारोबार के दौरान 6.8 फीसदी की गिरावट आई। आयशर मोटर्स का एबिटा मार्जिन उम्मीद से कमजोर रहा। ।
इसके अलावा अपोलो हॉस्पिटल के शेयर बीएसई पर 5% गिरकर 6,285 रुपये प्रति शेयर के निचले स्तर पर आ गए। एनालिस्ट्स ने कहा कि अपोलो हॉस्पिटल के शेयर प्राइस में यह गिरावट कंपनी के तीसरी तिमाही के मजबूत नतीजे पेश करने के बाद मुनाफावसूली के चलते आई।
अपोलो हॉस्पिटल्स का कंसोलिडेट नेट प्रॉफिट दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर 51.8 प्रतिशत बढ़कर 372.3 करोड़ रुपये हो गया। यह पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही (Q3FY24) में 245.3 करोड़ रुपये था।
इस बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) का भारतीय शेयर बाजारों से बिकवाली का सिलसिला जारी है। एफआईआई ने सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में 2463.72 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची। एनएसडीएल के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने जनवरी में घरेलू बाजारों से 78,027 करोड़ रुपये निकाले की बिक्री की है और इस साल उन्होंने अब तक 85,841 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची है।
कारोबार के दौरान बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप 3 फीसदी से ज्यादा फिसले। पीबी फिनटेक, यूनो मिंडा, एस्कॉर्ट्स कुबोर्टा, ल्यूपिन 6 प्रतिशत से अधिक फिसल गए जबकि जेएसडब्ल्यू इंफ्रा, वोल्टास ओबेरॉय रियल्टी, टोरेंट पावर, केपीआईटी टेक में 5 प्रतिशत तक की गिरावट आई।
बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स पर एनजीएल-फाइन केमिकल 15 प्रतिशत से अधिक, गोल्डियम इंटरनेशनल लगभग 13 प्रतिशत, एयरोफ्लेक्स इंडस्ट्रीज 12 प्रतिशत से अधिक, केफिन टेक्नोलॉजीज, ज़ैगल और सेनको गोल्ड 9 प्रतिशत से अधिक नीचे गिर गए।
-वैश्विक बाजारों में भी कमजोरी
ट्रम्प के स्टील और एल्यूमीनियम के आयात पर टैरिफ लगाए जाने के बादा एशिआई बाजारों चीन के स्टॉक मार्केट में गिरावट आई। चीन का सीएसआई 300 0.40 प्रतिशत गिर गया। जबकि शंघाई कॉम्पोजित में 0.12 प्रतिशत आई और हांगकांग के हैंग सेंग में 1 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। जापान का निक्केई पॉजिटिव रुख के साथ लगभग सपाट रहा।