शेयर बाजार

बेयरिंग कंपनियों की बड़ी चाल, चौथी तिमाही में सभी को पीछे छोड़ा; बना ऑटो कंपोनेंट का चमकता सितारा

टिमकेन, शेफलर और एसकेएफ जैसी कंपनियों ने Q4 में रेलवे, ऑटो और निर्यात मांग से प्रेरित होकर जबरदस्त रेवेन्यू और ऑपरेटिंग मार्जिन ग्रोथ दर्ज की, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा।

Published by
राम प्रसाद साहू   
Last Updated- June 29, 2025 | 10:26 PM IST

बेयरिंग खंड ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में ऑटो कंपोनेंट सेक्टर के अन्य सेगमेंट से बेहतर प्रदर्शन किया। तीन प्रमुख सूचीबद्ध बेयरिंग दिग्गजों शेफलर इंडिया, एसकेएफ इंडिया और टिमकेन इंडिया ने चौथी तिमाही के प्रदर्शन के बाद वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 के लिए अपने आय अनुमान अपग्रेड किए हैं। 

पिछले तीन महीनों में इन तीनों शेयरों ने अपने प्रतिस्प​​र्धियों और प्रमुख सूचकांक की तुलना में अधिक रिटर्न दिया है। टिमकेन 23.5 प्रतिशत की बढ़त के साथ चार्ट में सबसे ऊपर रहा है। इस अवधि में बेयरिंग कंपनियों का औसत रिटर्न 20 प्रतिशत रहा है जो बीएसई 200 और बीएसई 500 इंडेक्स से दोगुना है। बीएसई ऑटो इंडेक्स भी 12.7 प्रतिशत के रिटर्न के साथ इनसे पीछे है।

कोटक रिसर्च का कहना है कि चौथी तिमाही में बेयरिंग कंपनियों का संयुक्त राजस्व सालाना आधार पर 9 फीसदी बढ़ा। इसका कारण रेलवे सेगमेंट (टिमकेन) में मजबूत वृद्धि, आफ्टरमार्केट डिवीजन में तेजी (शेफलर और टिमकेन), दोपहिया वाहनों के उत्पादन की मात्रा में मजबूत वृद्धि (एसकेएफ) और निर्यात राजस्व में सुधार (शेफलर) रहा।

बेयरिंग दिग्गजों की राजस्व वृद्धि में शेफलर सबसे आगे रही। उसने सालाना आधार पर 16 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। एसकेएफ का प्रदर्शन सपाट रहा। टिमकेन की बिक्री पिछले वर्ष की तिमाही की तुलना में 5 प्रतिशत अधिक रही। शेफलर की वृद्धि को ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजीज व्यवसाय में 13 प्रतिशत की तेजी से रफ्तार मिली। कंपनी की वृद्धि में अन्य योगदान निर्यात का रहा जो कम आधार पर 23 प्रतिशत बढ़ा। व्हीकल लाइफटाइम सॉल्युशंस (12 प्रतिशत ऊपर) और बेयरिंग व्यवसाय में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई। एसकेएफ को इंड​स्ट्रियल सेगमेंट में 2 फीसदी और ऑटोमोटिव सेगमेंट में 1 फीसदी वृद्धि के साथ राजस्व के मोर्चे पर निराशा का सामना करना पड़ा।

सेंट्रम रिसर्च ने बताया है कि रेलवे, ऑटोमोटिव (विशेष रूप से ट्रैक्टर, छोटे वा​​णि​ज्यिक वाहन और स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन) और खाद्य एवं पेय पदार्थ तथा इन्फ्रा जैसे औद्योगिक खंडों में मजबूत रफ्तार के कारण कंपनियों के बीच घरेलू बेयरिंग की मांग अच्छी रही। ब्रोकरेज के अमित धमेजा का कहना है कि जहां टिमकेन और शेफलर को मजबूत घरेलू मांग से दम मिला वहीं वैश्विक स्तर पर विपरीत परिस्थितियों के कारण टिमकेन और एसकेएफ की निर्यात मांग कमजोर रही। हालांकि शेफलर ने एशियाई बाजारों की मदद से सुधार दर्ज किया।

बेयरिंग दिग्गजों का परिचालन प्रदर्शन भी मजबूत रहा। कोटक रिसर्च के ऋषि वोरा बताते हैं कि बेहतर उत्पाद मिश्रण के कारण तीनों कंपनियों का परिचालन लाभ सालाना आधार पर 20 फीसदी बढ़ा। शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सेंट्रम रिसर्च का मानना है कि बेयरिंग कंपनियों ने उत्पादन लागत के दबाव और प्रतिकूल उत्पाद मिश्रण के बावजूद मार्जिन में सुधार दर्ज किया है। 

मार्जिन में मजबूती स्थानीयकरण, बैकवार्ड इंटिग्रेशन, परिचालन दक्षता और मूल्य निर्धारण बदलावों के बल पर आई। कुछ एकबारगी मामलों और अनुशासित लागत नियंत्रण ने लाभप्रदता को और समर्थन दिया। वहीं एसकेएफ का परिचालन मुनाफा मार्जिन 573 आधार अंक सालाना बढ़कर 23.5 प्रतिशत हो गया। शेफलर के लिए यह 89 आधार अंक बढ़कर 19 प्रतिशत और टिमकेन के लिए 19 आधार अंक बढ़कर 22.3 प्रतिशत हो गया। 

First Published : June 29, 2025 | 10:26 PM IST