शेयर बाजार

Stock Market: नई ऊंचाई पर पहुंचने के बाद सेंसेक्स ने लिया विराम, फेड के फैसले से तय होगी आगे की रफ्तार

फेड व अन्य केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक नीति के फैसले से इसकी पुष्टि हो सकती है कि क्या वे महंगाई में और कमी की पुष्टि करना चाह रहे हैं या नहीं।

Published by
सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- December 12, 2023 | 9:42 PM IST

बेंचमार्क सूचकांकों ने मंगलवार को कुछ बढ़त गंवाने से पहले नई ऊंचाई को छुआ क्योंकि निवेशकों ने अमेरिकी महंगाई के आंकड़े जारी होने और ब्याज दर पर फेड की तरफ से फैसला लिए जाने से पहले कुछ मुनाफावसूली की।

70,034 का उच्चस्तर छूने के बाद सेंसेक्स ने 377 अंकों की गिरावट के साथ 69,551 पर कारोबार की समाप्ति की, जो 26 अक्टूबर के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। निफ्टी-50 इंडेक्स 91 अंकों की फिसलन के साथ 20,906 पर बंद हुआ, जो 1 नवंबर के बाद की सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट है।

पिछले 11 सत्रों में यह दूसरा मौका है जब सेंसेक्स व निफ्टी ने नुकसान के साथ कारोबार की समाप्ति की जबकि बाकी सत्रों के दौरान उनमें 5 फीसदी से ज्यादा की उछाल दर्ज हुई थी।

मोतीलाल ओसवाल के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, फेड के नीतिगत कदमों से कुछ दिशा मिलेगी, तब तक बाजारों में एकीकरण की उम्मीद है। आईपीओ बाजार में एक बार फिर हलचल है और छह आईपीओ आ रहे हैं।

इसके अलावा प्रमुख आर्थिक आंकड़े जारी होने हैं, फेड की दो दिवसीय मौद्रिक नीति बैठक हो रही है और नीतिगत फैसले की घोषणा बुधवार को होगी, जहां दरें अपरिवर्तित रखे जाने की संभावना है। निवेशक फेड प्रमुख की टिप्पणी पर नजर रखेंगे कि क्या अमेरिकी केंद्रीय बैंक इक्विटी निवेशकों की नीतिगत सहजता की उम्मीदों को कम करने की कोशिश करेगा।

फेड व अन्य केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक नीति के फैसले की घोषणा से इसकी पुष्टि हो सकती है कि क्या वे महंगाई में और कमी की पुष्टि करना चाह रहे हैं या नहीं।

इस बीच, ब्रिटेन में मजदूरी में वृद्धि करीब दो साल में सबसे धीमी रही, जो बताता है कि श्रम बाजार ठंडा पड़ रहा है। बोनस को छोड़कर औसत आय अक्टूबर में समाप्त तीन महीने में 7.3 फीसदी बढ़ी, जो सितंबर में समाप्त तीन महीने में 7.8 फीसदी बढ़ी थी। बैंक ऑफ इंगलैंड अपनी मौद्रिक नीति की घोषणा गुरुवार को करेगा।

ब्याज दरों के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच जाने के आशावाद, मजबूत आर्थिक आकड़े और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को तीन राज्यों में मिले बहुमत के बीच नीतिगत निरंतरता की उम्मीद से इक्विटी बाजारों में लगातार तेजी दर्ज हो
रही है।

विश्लेषकों ने कहा कि मौद्रिक नीति की घोषणा और इस हफ्ते जारी होने वाले आर्थिक आंकड़े जोखिम के कुछ पहलू सामने रख सकते हैं, जो आने वाले समय में बाजार को नीचे खींच सकता है।

रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा, हम इंडेक्स में अब तक समयबद्ध गिरावट देख रहे हैं और मुनाफावसूली जारी रहने की सूरत में उम्मीद है कि निफ्टी 20,700-20,800 का स्तर बरकरार रखेगा।

First Published : December 12, 2023 | 9:42 PM IST