शेयर बाजार

ह्युंडै से निवेश बैंकर मालामाल

कंपनी का आईपीओ संभालने के लिए निवेश बैंकरों को मिले 493 करोड़ रुपये

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समी मोडक   
Last Updated- October 19, 2024 | 9:38 AM IST

भले ही ह्युंडै मोटर इंडिया का 27,870 करोड़ रुपये का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) निवेशकों को उत्साहित करने में विफल रहा हो, मगर इसने शेयर बिक्री संभालने वाले पांच निवेश बैंकरों को मालामाल कर दिया है। दक्षिण कोरिया की कार कंपनी ने तथाकथित बुक रनिंग लीड मैनेजर्स (बीआरएलएम) को फीस एवं कमीशन के तौर पर 493 करोड़ रुपये दिए जो कुल निर्गम आकार का 1.77 फीसदी है। यह किसी आईपीओ को संभालने के लिए अब तक का सबसे बड़ा भुगतान है।

पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस ने नवंबर 2021 में अपने 18,300 करोड़ रुपये के आईपीओ को संभालने के लिए निवेश बैंकरों को बतौर फीस 324 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। यह रकम कंपनी के कुल निर्गम आकार की 1.77 फीसदी थी।

उद्योग के अनुमान के अनुसार, ह्युंडै के भुगतान के बाद चालू कैलेंडर वर्ष में शेयर बिक्री सौदों को संभालने के लिए निवेश बैंकरों की कुल फीस आय 3,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच चुकी है। यह किसी एक साल में निवेश बैंकरों को फीस से हुई सबसे अधिक कमाई है।

इस साल पूंजी बाजार में तीन बड़े सौदे दिखे। ह्युंडै के अलावा अन्य दो सौदों में वोडाफोन आइडिया का 18,000 करोड़ रुपये का एफपीओ और ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का 6,146 करोड़ रुपये का आईपीओ शामिल हैं। निवेश बैंकरों ने वोडाफोन आइडिया के एफपीओ से 287 करोड़ रुपये और ओला इलेक्ट्रिक के आईपीओ से 145 करोड़ रुपये कमाए।

ह्युंडै का आईपीओ देश में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है। इससे प्राप्त आकर्षक फीस को पांच निवेश बैंकरों में बांटा जाएगा। इस
अप्रत्याशित लाभ से उनकी प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी क्योंकि यह सौदा काफी बड़ा है। साल के दूसरे सबसे बड़े शेयर बिक्री सौदे- बजाज हाउसिंग फाइनैंस के 6,560 करोड़ रुपये के आईपीओ के मुकाबले ह्युंडै का आईपीओ करीब चार गुना है। दिलचस्प है कि ह्युंडै से पहले देश का सबसे बड़ा आईपीओ भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आईपीओ था।

उससे सरकार को 20,557 करोड़ रुपये जुटाने में मदद मिली मगर निवेश बैंकरों को अधिक आमदनी नहीं हुई। एलआईसी के आईपीओ को संभालने के लिए सरकार ने निवेश बैंकरों को 11.8 करोड़ रुपये दिए जिसे 16 निवेश बैंकरों के बीच बांटा गया था।

आम तौर पर निवेश बैंकर कम फीस लेकर भी सरकारी कंपनियों के बड़े सौदों को संभालने के लिए तैयार रहते हैं क्योंकि इससे उनकी प्रतिष्ठा बढ़ती है। जहां तक निजी क्षेत्र का सवाल है तो बीआरएलएम का फीस कुल निर्गम आकार का 1 से 3 फीसदी के दायरे में होता है। एक निवेश बैंकर ने बजाज हाउसिंग फाइनैंस का उदाहरण देते हुए कहा, ‘ह्युंडै आईपीओ जैसे बड़े सौदे के लिए 1.8 फीसदी तक का फीस काफी आकर्षक है। अगर शेयर के लिए बाजार में आकर्षण दिखता है तो कंपनियां सौदेबाजी कर सकती हैं। यदि निर्गम मूल्य आकर्षक है तो रोड शो के दौरान अधिक मेहनत भी नहीं करनी पड़ती है।’

बजाज फाइनैंस की सहायक कंपनी ने पूंजी बाजार से 6,560 करोड़ रुपये जुटाने के लिए निवेश बैंकरों को बतौर फीस 36 करोड़ रुपये (0.6 फीसदी) का भुगतान किया। कंपनी का शेयर शुरू में 137 फीसदी उछल चुका था।

बहरहाल, इस साल अब तक 66 कंपनियों ने आईपीओ के जरिये पूंजी बाजार से करीब 93,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इससे पहले 2021 में आईपीओ के जरिये 1.19 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे। इस साल शापूरजी पलोनजी ग्रुप की कंपनी एफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर का 7,000 करोड़ रुपये का आईपीओ और सोलर पैनल बनाने वाली कंपनी वारी एनर्जिज का 4,321 करोड़ रुपये का आईपीओ आने वाला है। फूड डिलिवरी कंपनी स्विगी भी 11,600 करोड़ रुपये के आईपीओ के साथ और एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी 10,000 करोड़ रुपये के आईपीओ के साथ संभवत: अगले महीने पूंजी बाजार में दस्तक दे सकती हैं।

First Published : October 19, 2024 | 9:38 AM IST