विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली और इंडेक्स दिग्गज रिलायंस इंडस्ट्रीज में नुकसान के बीच बेंचमार्क सेंसेक्स सात दिन में पहली बार टूटा। 30 ब्लूचिप कंपनी के शेयरों वाला इंडेक्स 269 अंकों की गिरावट के साथ 77,210 पर बंद हुआ। निफ्टी ने 66 अंक फिसलकर 23,501 पर कारोबार की समाप्ति की। पिछले छह कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स ने 1,022 अंक यानी 1.34 फीसदी की बढ़त दर्ज की थी।
पिछले पांच कारोबारी सत्रों के दौरान सेंसेक्स विदेशी फंडों की खरीद और आर्थिक वृद्धि के परिदृश्य की उम्मीदों के बीच नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ था। ताजा गिरावट के बावजूद सेंसेक्स ने सप्ताह की समाप्ति 0.2 फीसदी की बढ़त के साथ की जबकि निफ्टी ने 0.2 फीसदी इजाफे के साथ। शुक्रवार को एफपीआई 1,790 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे। हफ्ते के दौरान एफपीआई ने 10,210 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
विशेषज्ञों ने कहा कि कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच मुनाफावसूली का बाजार के प्रदर्शन पर असर पड़ा। हालांकि मूल्यांकन को लेकर चिंता और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के आकस्मिक चुनाव के फैसले का निवेशकों की मनोदशा पर असर पड़ा। यूरोजोन के विनिर्माण के अनुमान से कमजोर आंकड़ों ने भी निवेशकों को चिंतित किया।
फ्रांस में आकस्मिक चुनाव की घोषणा से निवेशकों को चिंता है कि अगर दक्षिणपंथी चुनाव जीत गए तो आर्थिक सुधारों पर असर पड़ेगा। चुनाव नतीजे के दिन छह फीसदी टूटने के बाद बाजारों में तेजी से सुधार हुआ है। निवेशकों के मनोबल को राजग के साझेदारों की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्थन से मजबूती मिली है, जिससे सरकार की निरंतरता सुनिश्चित हुई है। इसके अलावा भारत की आर्थिक वृद्धि के परिदृश्य के हालिया उन्नयन से भी विदेशी निवेशकों के बीच अपील में इजाफा हुआ है।
आने वाले दिनों में नतीजों का सीजन और आम बजट बाजार की दिशा तय करेंगे। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि कुल मिलाकर अल्पावधि में बाजार के स्थिर रहने और उच्चस्तर पर एकीकृत होने की संभावना है। खबरों के कारण बजट से संबंधित क्षेत्र और वृद्धि पर केंद्रित नीति के अनुमान से हरकत में बने रह सकते हैं। उर्वरक, गेमिंग और तेल व गैस जैसे क्षेत्र जीएसटी परिषद की बैठक के फैसलों पर प्रतिक्रिया जताएंगे। बैठक सप्ताहांत में होने जा रही है।
बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात मिला जुला रहा और 1,784 शेयर चढ़े जबकि 2,086 में गिरावट आई। रिलायंस इंडस्ट्रीज 1.3 फीसदी टूटा और सेंसेक्स की गिरावट में सबसे बड़ा योगदान दिया। इसके बाद लार्सन ऐंड टुब्रो का स्थान रहा जो 1.8 फीसदी टूटा।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्र ने कहा कि निफ्टी 23,600 के ऊपर बने रहने के लिए जूझ रहा है। हालांकि यह समर्थन स्तर से ऊपर स्थिर बना हुआ है जिसका संकेत मूविंग एवरेज में मिलता है। ऐसे में हम इस अवधि में चुनिंदा शेयरों पर ध्यान देने की सिफारिश करते हैं और इस मौके का इस्तेमाल उच्च गुणवत्ता वाले शेयरों को इकट्ठा करने के लिए किया जाना चाहिए। इसके अलावा किसी अहम घटनाक्रम के अभाव में देसी कारकों और वैश्विक बाजारों के प्रदर्शन पर भी नजर रखी जानी चाहिए।