आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) टूल्स और चैट जीपीटी जैसे मॉडलों के लिए चीन की स्टार्टअप डीपसीक ने खलबली मचा दी है। इससे सोमवार को वैश्विक शेयरों में बिकवाली बढ़ गई। रिपोर्टों के अनुसार डीपसीक के फ्री डाउनलोड ने ऐपल के यूएस ऐप स्टोर पर अमेरिकी प्रतिस्पर्धियों को पहले ही पीछे छोड़ दिया है।
चिप निर्माता एनवीडिया का शेयर अमेरिका में सोमवार के कारोबार में सर्वाधिक गिरावट वाले शेयरों में शामिल रहा और उसमें करीब 17 फीसदी की कमजोरी आई। इससे कंपनी का बाजार पूंजीकरण 600 अरब डॉलर तक घट गया। एनवीडिया में बड़ी गिरावट के साथ नैस्डैक 3.1 फीसदी गिरकर सोमवार को 19,342 के स्तर पर आ गया। प्रमुख ब्रोकरों और विश्लेषकों ने इस घटनाक्रम पर अपनी राय जाहिर की है।
जहां डीपसीक की आक्रामक मूल्य निर्धारण रणनीति बिग टेक की ऊंची पूंजीगत व्यय तीव्रता पर सवाल उठाती है, वहीं हमें यह समझने की जरूरत है कि डीपसीक के मॉडल में अभी भी बिग टेक के अग्रणी मॉडल की तुलना में कई सीमाएं हैं। साथ ही ट्रेनिंग प्रणाली में अभी तक सीमित पारदर्शिता है। निवेशकों को शांत रहना चाहिए और अत्यधिक उतार-चढ़ाव का लाभ उठाना चाहिए तथा गुणवत्ता वाले शेयरों में गिरावट पर खरीदारी करनी चाहिए।
डीपसीक का मतलब है कि एआई में निवेश करना उतना महंगा नहीं होगा जितना पहले सोचा गया था। इससे प्रौद्योगिकी के विकास में तेजी आनी चाहिए। लेकिन साथ ही इसका यह भी मतलब है कि मुख्य वित्तीय अधिकारी एआई की दौड़ में कम्प्यूटिंग पावर पर खर्च होने वाली बड़ी राशि पर सवाल उठाना शुरू करेंगे। डीपसीक से जुड़ी खबरें अब एआई हार्डवेयर आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव डालेंगी क्योंकि चिंता यह है कि मेटा जैसी कंपनियां यू-टर्न ले लेंगी और पूंजीगत व्यय में कटौती करेंगी।
आगामी सप्ताह में केंद्रीय बैंकों की घोषणाएं (फेड और ईसीबी समेत) या कुछ वित्तीय नतीजों का असर देखा जा सकता है। अगले सप्ताह टेक दिग्गज ऐपल, टेस्ला, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा और एएसएमएल के नतीजों की घोषणा किए जाने की संभावना है। यह देखने की जरूरत होगी कि इन नतीजों के बाद डीपसीक का प्रभाव कितना बना रह सकता है।
डीपसीक घटनाक्रम से एआई में कुशलता की दिशा में बड़े बदलाव का संकेत मिलता है, जिसका ऊर्जा और एआई बाजारों, दोनों में असर दिखेगा। इससे जुड़े निवेशकों के लिए अवसर अब ज्यादा व्यापक हो गए हैं। डीपसीक के मॉडल में एआई प्रशिक्षण और इस्तेमाल की ऊर्जा मांग घटाने के लिए आधुनिक एल्गोरिदम को शामिल किया गया है। यह इस धारणा को चुनौती देता है कि एआई का विकास लगातार बढ़ती ऊर्जा खपत से जुड़ा हुआ है। अक्षय ऊर्जा सेवा प्रदाता इससे लाभान्वित होने के लिए तैयार हैं क्योंकि एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थिरता और निवेश पर प्रतिफल (आरओआई) को प्राथमिकता देने के लिए विकसित किया जा रहा है।