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भारतीय बाजार नियामक, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI), जल्द ही एंजेल फंड्स में नए निवेशकों को शामिल करने की अनुमति दे सकता है। अब तक केवल मान्यता प्राप्त (accredited) निवेशक ही एंजेल फंड्स में निवेश कर सकते थे, लेकिन अब इसमें हिंदू अविभाजित परिवार (HUFs), फैमिली ट्रस्ट और एकल मालिकाना फर्म (sole proprietorships) जैसे निवेशकों को भी शामिल किया जा सकता है।
स्टार्टअप्स में विशेष निवेश करने वाले फंड्स
एंजेल फंड्स को भले ही वैकल्पिक निवेश फंड्स (AIFs) के रूप में तैयार किया गया हो, लेकिन ये अन्य AIFs से अलग होते हैं। ये खासतौर पर स्टार्टअप्स में निवेश करते हैं और फिलहाल सिर्फ मान्यता प्राप्त निवेशकों के लिए खुले हैं। SEBI के इस कदम से एंजेल फंड्स का दायरा बढ़ने और अधिक निवेशकों के लिए अवसर बनने की उम्मीद है।
अक्रीडिटेड इन्वेस्टर्स की जोखिम समझ और नेट-वर्थ क्राइटेरिया
मान्यता प्राप्त इन्वेस्टर्स को निवेश के जोखिमों की बेहतर समझ होती है और उन्हें एक न्यूनतम नेट-वर्थ क्राइटेरिया पूरा करना होता है। इस क्राइटेरिया को थर्ड-पार्टी एक्रेडिटेशन एजेंसी द्वारा वेरीफाई किया जाता है, जिसके बाद ही इन्हें एंजल फंड्स में इन्वेस्टमेंट की अनुमति मिलती है।
एंजल फंड्स के लिए सेबी के नए प्रस्ताव
सेबी ने एंजल फंड्स के नियमों को आसान बनाने के लिए कई प्रस्ताव दिए हैं, जिनमें मिनिमम इन्वेस्टमेंट, मिनिमम कॉर्पस, स्टार्टअप में मिनिमम और मैक्सिमम इन्वेस्टमेंट लिमिट में छूट, लॉक-इन पीरियड की जरूरतों को कम करना और डायवर्सिफिकेशन लिमिट में ढील शामिल हैं।
25 लाख की मिनिमम इन्वेस्टमेंट की जरूरत खत्म करने का प्रस्ताव
सेबी ने एंजल इन्वेस्टर्स के लिए 25 लाख रुपये की मिनिमम इन्वेस्टमेंट आवश्यकता को खत्म करने का प्रस्ताव भी दिया है। अन्य AIFs के लिए, मिनिमम इन्वेस्टमेंट साइज अभी भी 1 करोड़ रुपये तय है।
Angel Funds में कर्मचारियों और डायरेक्टर्स को मिलेगा निवेश का मौका
सेबी ने प्रस्ताव रखा है कि Angel Funds के कर्मचारियों और डायरेक्टर्स को भी कम से कम ₹5 लाख निवेश करने की अनुमति दी जाए, ताकि उनकी भी “skin in the game” रहे और वे फंड के प्रदर्शन में सीधे जुड़े रहें।
मिनिमम कॉर्पस आवश्यकता में छूट का सुझाव
सेबी ने एंजेल फंड्स के लिए ₹5 करोड़ की न्यूनतम कॉर्पस आवश्यकता को हटाने का भी प्रस्ताव रखा है। यह छूट तब मिलेगी जब फंड में कम से कम पांच मान्यता प्राप्त निवेशक जुड़ेंगे। साथ ही, सेबी ने एंजेल फंड्स के लिए 25% विविधता की सीमा को भी हटाने का सुझाव दिया है।
Single Startup में निवेश की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव
Sebi का उद्देश्य single startup में निवेश की सीमा को ₹10 करोड़ से बढ़ाकर ₹25 करोड़ करना है। इसके साथ ही, न्यूनतम निवेश राशि को ₹25 लाख से घटाकर ₹10 लाख करने का प्रस्ताव है।
Startup Ecosystem को मिलेगा बढ़ावा
इन नए नियमों से Sebi का मकसद भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में निवेश को आसान बनाना है। यह बदलाव हाल ही में हुए बजट में angel tax हटाने के फैसले के बाद सामने आए हैं, जिससे स्टार्टअप सेक्टर में और भी ज्यादा लचीलापन आएगा।