facebookmetapixel
Year Ender 2025: ट्रंप के जवाबी शुल्क से हिला भारत, 2026 में विविध व्यापार रणनीति पर जोर छोटे राज्य बन गए GST कलेक्शन के नायक: ओडिशा और तेलंगाना ने पारंपरिक आर्थिक केंद्रों को दी चुनौतीYear Ender 2025: इस साल बड़ी तादाद में स्वतंत्र निदेशकों ने दिया इस्तीफा, जानें वजहेंGMP अनुपालन की चुनौती, एक चौथाई MSME दवा विनिर्माता ही मानकों पर खरा उतर पाएंगीतेजी के बाद नए साल में अमेरिका फोक्स्ड फंड्स का कम रह सकता है जलवासाल 2026 में क्या बरकरार रहेगी चांदी की चमक! एक्सपर्ट्स ने बताई आगे की इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी 2025 में चमका सोना, लेकिन 2026 में निवेशक सावधान: रिटर्न के पीछे भागने से बचें और संतुलन बनाए रखेंYear Ender 2025: भयावह हादसों ने दिए गहरे जख्म, प्लेन क्रैश, आग, बाढ़ और भगदड़ ने खोली व्यवस्थाओं की कमजोरियांटाटा पावर का बड़ा लक्ष्य: 15% ऑपरेशन प्रॉफिट और मुंद्रा प्लांट जल्द फिर से शुरू होने की उम्मीदस्टोनपीक का ओपन ऑफर: कैस्ट्रॉल इंडिया के शेयर में बड़ी तेजी की संभावना कम

SEBI का AIF में निवेशक श्रे​णियों में अंतर समाप्त करने पर जोर

Last Updated- May 24, 2023 | 9:53 PM IST
SEBI-सेबी

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) वैकल्पिक निवेश फंडों (AIF) में प्राथमिकता के आधार पर वितरण खत्म कर सकता है। उसके बजाय उनके संकल्प के आधार पर प्रो-राटा राइट्स देने पर विचार किया जा सकता है।

AIF में विभिन्न पक्ष निवेश करते हैं किंतु कुछ योजनाओं में वितरण के समय पक्षपात देखा जाता है। इसमें अक्सर निवेशकों की छोटी श्रेणी को उनके योगदान के मुकाबले से कम शेयर मिलते हैं, जबकि बड़ी श्रेणी योगदान के मुकाबले ज्यादा शेयर मिल जाते हैं।

चूंकि, वरिष्ठ श्रेणी के निवेशकों को शेयर वितरण में तरजीह दी जाती है इसलिए मुनाफा भी पहले उन्हीं को बांटा जाता है। उनको होने वाले घाटे की भरपाई छोटी श्रेणी के निवेशकों की बची हुई पूंजी से की जाती है।

एक नए चर्चा पत्र में सेबी ने प्रस्ताव किया है कि प्रत्येक निवेशक को उसके निवेश के हिसाब से ही प्रो-राटा राइट्स दिए जाएं। इससे किसी भी योजना का दुरुपयोग नहीं हो सकेगा।

सेबी ने कहा, ‘यह देखा गया कि पीडी मॉडल का दुरुपयोग किया जा रहा है और यह एआईएफ के नियामकीय उद्देश्य के अनुरूप नहीं है।’

Also read: गिफ्ट निफ्टी की पेशकश के बीच F&O का समय बढ़ाने पर जोर

पूंजी बाजार नियामक ने यह भी प्रस्ताव रखा है कि पीडी मॉडल अपनाने वाले एआईएफ की मौजूदा योजनाएं अपने मौजूदा निवेश को बरकरार रख सकती हैं, लेकिन निवेश करने वाली नई कंपनी में नए निवेश को स्वीकार नहीं कर सकती हैं।

नवंबर के शुरू में, सेबी ने पीडी मॉडल से जुड़े मौजूदा फंडों को तब तक नए निवेश लेने से प्रतिबं​धित कर दिया था, जब तक कि इस मामले में नियामकीय ​स्थिति स्पष्ट न हो जाए।

First Published - May 24, 2023 | 9:53 PM IST

संबंधित पोस्ट