भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सोमवार को शेयर बाजारों के साथ बगैर पंजीकरण के ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करने वाले चार संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाया है। इसमें अल्टग्राफ (एआई ग्रोथ प्राइवेट ऐंड टेक्सटेरिटी प्राइवेट) से संबंधित दो प्लेटफॉर्म, टैप इन्वेस्ट की मालिक पर्पल पेटल इन्वेस्ट और स्टेबल इन्वेस्टमेंट्स का संचालन करने वाली बर्केलियम टेक्नोलॉजिज शामिल हैं।
नियामक आदेश के मुताबिक, ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म प्रदाताओं (ओबीपीपी) को डेट खंड में शेयर ब्रोकर के तौर पर शेयर बाजार में पंजीकरण जरूरी होता है। अपनी नियमित जांच में सेबी ने कई प्लेटफॉर्म को खुदरा निवेशकों को गैर सूचीबद्ध एनसीडी की बिक्री में में संलिप्त पाया।
बाजार नियामक ने अपने आदेश में कहा है कि इन प्लेटफॉर्मों में निवेशक के लिए सुरक्षा उपायों की कमी है और उनके चेक समाप्त हो गए हैं तथा जारी करने के लिए निर्धारित निवेशक सीमा का पालन नहीं किया जा रहा है।
निजी प्लेसमेंट के जरिये प्रतिभूतियां जारी करने के लिए जारीकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि उन्हें केवल पहले से ही जानने वाले निवेशकों को ही आवंटित किया जाए और एक वित्त वर्ष में 200 निवेशकों की सीमा का भी पालन करना होगा। बाजार नियामक ने कहा कि कुछ प्लेटफॉर्मों ने एनसीडी को सार्वजनिक रूप से कम बेच दिया जबकि वे प्लेटफॉर्म द्वारा किए गए निजी प्लेसमेंट के ग्राहक थे।
अपने अंतरिम आदेश में सेबी ने कहा है कि ऐसा लगता है कि इन प्लेटफॉर्मों ने नियामकीय जांच से बचने के लिए अपनी पेशकश को इस तरह से तैयार किया है।
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने कहा, ‘सार्वजनिक और निजी प्लेसमेंट के बीच का अंतर सिर्फ प्रक्रियात्मक नहीं होता है बल्कि एक मौलिक सुरक्षा होती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि सार्वजनिक निवेश सख्त निरीक्षण के लिए संरक्षित है। ऐसे अनधिकृत प्लेटफॉर्मों को पनपने और अनियंत्रित तरीके से संचालित करने की अनुमति देने से इस यह ढांचा कमजोर हो जाएगा और लोगों को भारी जोखिम में डाल देगा।’
नियामक ने इस प्लेटफॉर्मों को अपनी बात रखने के लिए 21 दिन का वक्त दिया है। मामले की जांच फिलहाल जारी रहेगी। करीब 1,86,000 निवेशकों से अल्टग्राफ प्लेटफॉर्म के जरिये 4,400 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। प्लेटफॉर्म ने करीब 75 कंपनियों को अपने साथ जोड़ा है। दूसरी ओर, टैप इन्वेस्ट ने 100 से अधिक कंपनियों को जोड़ते हुए प्लेटफॉर्म के जरिये 400 करोड़ रुपये जुटाए हैं।