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SEBI ने न्यूनतम प्रवर्तक योगदान के नियमों को बनाया आसान

सेबी ने प्रवर्तक समूह इकाइयों और गैर-व्यक्तिगत शेयरधारकों को प्रवर्तकों को अनिवार्य प्रवर्तक योगदान में भागीदारी की अनुमति दी है।

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- May 21, 2024 | 9:48 PM IST

आईपीओ (IPO) लाने की योजना बना रही कंपनियों के लिए अनुपालन प्रक्रिया आसान बनाने की कोशिशों के तहत बाजार नियामक सेबी ने नए मानदंड अधिसूचित किए हैं जो न्यूनतम प्रवर्तक योगदान (MPC) के अनुपालन के लिए नए विकल्प मुहैया कराएंगे।

सेबी ने प्रवर्तक समूह इकाइयों और गैर-व्यक्तिगत शेयरधारकों को प्रवर्तकों को अनिवार्य प्रवर्तक योगदान में भागीदारी की अनुमति दी है। हालांकि इन गैर-व्यक्तिगत शेयरधारकों के पास ऑफर के बाद इक्विटी शेयर पूंजी का 5 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए।

इसके अलावा, आईपीओ के लिए दस्तावेज दाखिल करने से पहले एक साल के लिए विदेशी उद्यमों, वैकल्पिक निवेश फंडों आदि द्वारा रखी गई अनिवार्य परिवर्तनीय प्रतिभूतियों के कन्वर्जन से इक्विटी शेयरों पर भी इस योगदान पर विचार किया जा सकेगा।

बदलते मानकों के साथ पकड़ बनाए रखने के लिए नियामक ने 20 प्रतिशत न्यूनतम प्रवर्तक योगदान अनिवार्य किया है। मानक आसान बनाए जाने से नए दौर की कंपनियों और स्टार्टअप को संस्थापकों के तौर पर इस सीमा के भीतर ज्यादा योगदान वाले निवेशक जोड़ने में मदद मिलेगी।

इन बदलावों का प्रस्ताव शुरू में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य एस के मोहंती की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति ने जनवरी में तैयार किया था।

बाजार नियामक ने बैंकिंग हड़ताल जैसी कोई अप्रत्याशित घटना होने पर कंपनियों को आईपीओ की अवधि अभी तक अनिवार्य तीन दिन के बजाय केवल एक दिन आगे बढ़ाने की अनुमति दी है।

First Published : May 21, 2024 | 9:48 PM IST