बाजार

Q2 नतीजों से पहले SBI का शेयर 3 महीने के हाई पर, 2 हफ्तों में 10% बढ़े

विश्लेषकों का मानना है कि SBI की लोन, जमा और मुनाफे में स्थिर बढ़त जारी रहेगी। साथ ही, बैंक की संपत्ति की क्वालिटी और कैपेटिलाइजेशन का स्तर भी ठीक बना रहेगा।

Published by
दीपक कोरगांवकर   
Last Updated- November 07, 2024 | 5:23 PM IST

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के शेयर गुरुवार को 1% बढ़कर ₹862.45 तक पहुंच गए, जो तीन महीने से ज्यादा का हाई है। यह तेजी बैंक के दूसरे तिमाही (Q2FY25) के नतीजों से पहले आई है, जबकि बाजार में कमजोरी का माहौल देखा गया।

SBI के शेयर ने दिन के निचले स्तर ₹846.70 से 2% की रिकवरी दिखाई। इसकी तुलना में, BSE सेंसेक्स 1.04% गिरकर 79,541 पर था। पिछले दो हफ्तों में SBI के शेयर में 10% की बढ़ोतरी हुई है। बैंक ने 3 जून, 2024 को ₹912.10 का रिकॉर्ड हाई छुआ था।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की केंद्रीय बोर्ड की मीटिंग शुक्रवार 8 नवंबर 2024 को मुंबई में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में सितंबर 2024 को समाप्त तिमाही और छमाही के वित्तीय नतीजों की समीक्षा की जाएगी। बैंक ने यह जानकारी अपने एक्सचेंज फाइलिंग में दी।

विश्लेषकों का मानना है कि SBI की लोन, जमा और मुनाफे में स्थिर बढ़त जारी रहेगी। साथ ही, बैंक की संपत्ति की क्वालिटी और कैपेटिलाइजेशन का स्तर भी ठीक बना रहेगा।

CARE रेटिंग्स के अनुसार, SBI के पर्सनल लोन सेगमेंट में NPA का स्तर 1% से कम है। बैंक के कॉरपोरेट लोन में वृद्धि के बावजूद, इसका ध्यान रिटेल सेगमेंट पर रहेगा, जिससे निकट भविष्य में क्रेडिट ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा। जून तिमाही (Q1FY25) में SBI के ग्रॉस एडवांसेस साल-दर-साल 15.39% बढ़कर ₹38.1 लाख करोड़ पर पहुंच गए, जो Q1FY24 में ₹33.0 लाख करोड़ थे। 30 जून, 2024 तक बैंक के कुल एडवांसेस में रिटेल एडवांसेस 13.60%, कृषि क्षेत्र 17.06% और MSME 19.87% का हिस्सा रहा।

30 जून, 2024 तक SBI का सकल और शुद्ध NPL अनुपात घटकर क्रमशः 2.2% और 0.6% रह गया, जो पिछले साल 2.7% और 0.7% था। पिछले तीन सालों में बैंक की संपत्ति की क्वालिटी में सुधार हुआ है, स्लिपेज कम हुआ है और सही प्रावधान किए गए हैं। इससे बैंक की क्रेडिट लागत कम हुई और मुनाफा बढ़ा है। CARE रेटिंग्स के अनुसार, SBI का पूंजीकरण स्तर ठीक है और आगे भी आंतरिक कमाई से इसे समर्थन मिलता रहेगा।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का मानना है कि एक्सप्रेस क्रेडिट और कुल संपत्ति की क्वालिटी में स्थिरता से SBI के नेतृत्व में बदलाव के दौरान निवेशकों की चिंताएं कम हो सकती हैं।

विश्लेषकों का कहना है कि बैंक की रिटर्न ऑन एसेट्स (RoA) अपने चरम पर है, लेकिन रिटर्न ऑन इक्विटी (RoE) और रिटर्न ऑन रिस्क-वेटेड एसेट्स (RoRWA) में मजबूत प्रदर्शन की उम्मीद है। वर्तमान में SBI के शेयर 10 साल की औसत वैल्यूएशन के करीब ट्रेड कर रहे हैं, लेकिन अगले दो वर्षों के लिए अनुमानित RoA लगभग दोगुना रहने की संभावना है, जबकि बैलेंस शीट में जोखिम अपेक्षाकृत कम है।

एनालिस्ट ने कहा, SBI की वैल्यूएशन को अगले दो साल में उसके क्रेडिट मार्केट में हिस्सेदारी बढ़ने की संभावना के नजरिए से देखना चाहिए। बैंक का लोन-डिपॉजिट रेश्यो (LDR), लिक्विडिटी कवरेज रेश्यो (LCR) और रेगुलेटरी रिटेल में भी मजबूत स्थिति है। विश्लेषकों का यह भी मानना है कि SBI असुरक्षित रिटेल सेगमेंट में निजी बैंकों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन जारी रख सकता है, जैसा कि महामारी के समय दिखा था, क्योंकि बैंक का बड़ा हिस्सा कम जोखिम वाले सरकारी कर्मचारियों पर आधारित है।

First Published : November 7, 2024 | 5:23 PM IST