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डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड ​निचले स्तर पर रुपया

Last Updated- December 11, 2022 | 6:06 PM IST

डॉलर के मुकाबले रुपया मंगलवार को रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ क्योंकि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों ने भारत में चालू खाते के घाटे और महंगाई को लेकर चिंता पैदा की।
भारतीय वित्तीय बाजारों खास तौर से इक्विटी से विदेशी निवेशकों की लगातार निवेश निकासी का भी देसी मुद्रा पर असर पड़ा है। डीलरों ने यह जानकारी दी। आंशिक रूप से परिवर्तनीय रुपया डॉलर के मुकाबले 78.0825 पर टिका जबकि सोमवार को यह 77.9800 पर बंद हुआ था। पिछला रिकॉर्ड निचला स्तर 17 जून को देखा गया था और तब यह 78.0700 पर बंद हुआ था। देश में बढ़ती महंगाई के कारण सरकारी बॉन्ड पर भी असर पड़ा और 10 वर्षीय बेंचमार्क 6.54 फीसदी 2023 का प्रतिफल 3 आधार अंक चढ़कर 7.48 पर बंद हुआ। बॉन्ड की कीमतें और प्रतिफल एक दूसरे के विपरीत दिशा में चलते हैं।
पिछले हफ्ते 7.3 फीसदी पर आने के बाद बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स मंगलवार को 1.2 फीसदी चढ़कर 9.30 बजे 115.45 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। रॉयटर्स ने यह जानकारी दी। वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट फ्यूचर्स 1.95 डॉलर उछलकर करीब 111.51 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। कच्चे तेल में तेजी भारत का आयात खर्च बढ़ाएगा और महंगाई के लिए भी जोखिम पैदा करेगा क्योंकि भारत इस जिंस का दुनिया भर में तीसरा सबसे बड़ा आयातक है।
डीलरों ने कहा कि तेल विपणन कंपनियों के बदले सरकारी बैंकों की तरफ से डॉलर की लगातार हो रही खरीदारी ने देसी मुद्रा को नीचे खींच लिया। बताया जाता है कि विदेशी बैंक भी विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिए डॉलर खरीद रहे हैं।
एफआईआई अक्टूबर 2021 के बाद से हर महीने भारतीय शेयरों के शुद्ध बिकवाल रहे हैं और उनकी तरफ से हुई निकासी की तुलना साल 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट के दौर से की जा सकती है।
साल 2022 में अब तक एफआईआई ने भारतीय शेयरों की 2.07 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली की है और 15,047 करोड़ रुपये के देसी बॉन्ड बेचे हैं।

 

First Published - June 22, 2022 | 12:38 AM IST

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