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बढ़ते अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल से बाजारों की चाल थमी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 7:36 PM IST

पांच वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल 3 प्रतिशत पर पहुंच जाने के बाद घरेलू बाजारों में दो दिन की बढ़त गायब हो गई। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने अपने बयान में कहा कि मई में 50 आधार अंक की दर वृद्घि की जा सकती है। इसके बाद बाजारों में गिरावट को बढ़ावा मिला।
सेंसेक्स 714 अंक या 1.2 प्रतिशत गिरकर आखिर में 57,197 पर बंद हुआ। वहीं दूसरी तरफ, निफ्टी 220 अंक की गिरावट के साथ 17,172 पर बंद हुआ। अस्थिरता वाले सप्ताह के बाद, सेंसेक्स और निफ्टी पूरे सप्ताह के संदर्भ में 2 प्रतिशत और 1.7 प्रतिशत की कमजोरी के साथ बंद हुए।
पांच वर्षीय बॉन्ड पर प्रतिफल 2 आधार अंक बढ़कर 3.003 प्रतिशत पर पहुंच गया, जबकि 10 वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल 1.5 आधार अंक बढ़कर 2.932 प्रतिशत और 30 वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल 1.5 आधार अंक बढ़कर 2.949 प्रतिशत पर दर्ज किया गया।
विश्लेषकों का कहना है कि लंबी अवधि के बॉन्डों के मुकाबले अल्पावधि बॉन्डों पर प्रतिफल कम था, जो वृद्घि परिदृश्य में भरोसे के अभाव का संकेत है।
पॉवेल ने वाशिंगटन में गुरुवार को आईएमएफ समिति को बताया कि उन्होंने यूरोपियन सेंट्रल बैंक के अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्डे के साथ बातचीत की है। फेडरल के प्रमुख ने पिछले महीने की नीतिगत बैठक का हवाला देते हुए जून में अन्य आधा अंक वृद्घि का संकेत भी दिया। पॉवेल ने कहा कि कई अधिकारियों का मानना था कि 50 आधार अंक की वृद्घि चार दशकों की मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए उचित हो सकती है।
यूरोपीय बाजारों ने भी यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ईसीबी) की मौद्रिक नीतिगत सख्ती और मिश्रित कॉरपोरेट परिणामों से संकेतों के बीच बिकवाली दर्ज की। निवेशक रविवार को फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग के दूसरे चरण पर भी नजर लगाए हुए हैं, जिसमें इमैनुअल मैक्रों को मैरिन ली पेन के खिलाफ मुकाबला जीतना होगा।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने शुक्रवार को 2,462 करोड़ रुपये मूल्य के  शेयर बेचे।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के रिटेल शोध प्रमुख सिद्घार्थ खेमका ने कहा, ‘फेडरल के सख्त रुख, बढ़ती मुद्रास्फीति और बॉन्ड प्रतिफल, सुस्त आर्थिक वृद्घि, यूक्रेन में लंबे खिंचते युद्घ और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से बाजारों में अनिश्चितता बनी हुई है। वहीं एफपीआई द्वारा लगातार बिकवाली और कुछ बड़ी कंपनियों द्वारा कमजोर नतीजों से भी बाजार में दबाव बढ़ा है।’

First Published : April 22, 2022 | 11:34 PM IST