एडलवाइस म्युचुअल फंड के अध्यक्ष एवं सीआईओ (इक्विटीज) त्रिदीप भट्टाचार्य ने मुंबई में अभिषेक कुमार के साथ बातचीत में कहा कि लार्जकैप क्षेत्र में मूल्यांकन अनुकूल है लेकिन आय की संभावना मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट में ज्यादा मजबूत है। उनका कहना है कि निवेशकों को फ्लैक्सीकैप और मल्टीकैप फंडों के जरिए लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों के बीच संतुलित पोर्टफोलियो पर ध्यान देना चाहिए। उनसे बातचीत के मुख्य अंश:
कैलेंडर वर्ष 2024 बदलावों वाला वर्ष रहेगा। 2023 में बाजार में मुख्य बहस ब्याज दर वृद्धि का चक्र पूरा होने से जुड़ी थी लेकिन इस साल यह चुनावों पर केंद्रित है। शीर्ष-20 देशों में से करीब 50 प्रतिशत देशों में चुनाव होने जा रहे हैं। इसलिए राजनीतिक हलचल रहेगी और हमें इसका सामना करना होगा।
दूसरी बात, हमें वैश्विक आर्थिक वृद्धि की रफ्तार इस साल सुधरने और फिर कैलेंडर वर्ष 2025 में धीरे धीरे मजबूत होने की उम्मीद है। दर वृद्धि का प्रभाव इस साल स्पष्ट दिखेगा। हम मुद्रास्फीति से अवस्फीति की ओर बढ़ेंगे। दरें नीचे आएंगी और इसका परिसंपत्ति आवंटन एवं पोर्टफोलियो पर असर दिखेगा।
हम बॉटम अप नजरिया अपना रहे हैं। हमारा ध्यान उन क्षेत्रों पर है, जहां आय मजबूत है और अपग्रेड की संभावना दिख रही है। हम दो साल से जिस थीम पर सकारात्मक हैं, वह है मौजूदा पूंजीगत खर्च चक्र। चुनाव के बाद इसकी गति बढ़ सकती है, क्योंकि भारतीय उद्योग जगत का क्षमता इस्तेमाल 75 प्रतिशत के पार पहुंच गया है। दूसरा है विद्युत क्षेत्र। भारत धीरे धीरे विद्युत में कमी की स्थिति की ओर बढ़ रहा है। इसलिए इस क्षेत्र में कंपनियों को मजबूत आय जरूर मिलेगी।
तीसरा क्षेत्र है रियल एस्टेट, जो तेजी के दौर में है। जहां बिल्डर कंपनियों के शेयर पहले ही चढ़ चुके हैं, वहीं सहायक कंपनियों में तेजी की गुंजाइश बनी हुई है। शुद्ध स्तर पर आय अगले 2-3 साल में मजबूत बनी रहेगी। चौथा क्षेत्र है रक्षा, जिसमें कंपनियों की ऑर्डर बुक दस साल के लिए है। आईटी का परिदृश्य भी दीर्घावधि में मजबूत होने की संभावना है। एनबीएफसी भी मूल्यांकन को देखते हुए अच्छी स्थिति में हैं।
अब प्रतिफल मूल्यांकन रेटिंग में बदलाव के बजाय आय पर निर्भर करेगा। इस समय शेयर या तो 10 वर्षीय औसत के अनुरूप या महंगे हैं, जिससे मूल्यांकन री-रेटिंग की संभावना कम रह गई है। यदि हम बाजार के विभिन्न सेगमेंट पर विचार करें तो पता चलता है कि कुछ भिन्नताएं हैं।
लार्जकैप क्षेत्र में मूल्यांकन के संबंध में स्थिति कुछ हद तक अनुकूल है, लेकिन स्मॉलकैप और मिडकैप में आय की संभावना अच्छी है। इसके अलावा पीएसयू को कई क्षेत्रों में उनके निजी समकक्षों के मुकाबले बेहतर माना जा रहा है। हालांकि हम अभी भी ऐसी स्थिति में नहीं हैं जिसमें शेयर चयन करना कठिन हो।
जैसा मैंने पहले कहा है, एक तरफ आय की गति है दूसरी तरफ उचित मूल्यांकन हैं। ऐसे मामले में बाजार के एक सेगमेंट से पूरी तरह परहेज करने के बजाय शेयर चयन पर जोर देना जरूरी होता है। निवेशकों को संतुलित पोर्टफोलियो पर ध्यान देना चाहिए, जो फ्लेक्सीकैप और मल्टीकैप फंडों के जरिये संभव है।
हम कैलेंडर वर्ष 2024 को एक ऐसे वर्ष के रूप में देख रहे हैं जब वैश्विक वृद्धि सुधार की राह पर है। जैसे ही अर्थव्यवस्थाएं सुधार के दौर से गुजरती हैं, वैश्विक टेक फंड इस दिशा में लाभ उठाने के लिए सही विकल्प होगा।