प्रतिभूति अपील पंचाट (SAT) ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज (Religare Enterprises) को बर्मन फैमिली की खुली पेशकश का आवेदन वित्तीय नियामकों के पास जमा कराने और सांविधिक मंजूरी के लिए नियमों के अनुपालन का निर्देश दिया है।
19 जून को जारी अंतरिम आदेश एवं कारण बताओ नोटिस में बाजार नियामक सेबी ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज को 12 जुलाई से पहले मंजूरी के लिए आवेदन करने को कहा है ताकि बर्मन फैमिली की खुली पेशकश के साथ आगे बढ़ा जा सके। इस आदेश में चेयपर्सन रश्मि सलूजा और रेलिगेयर के प्रबंधन पर सवाल उठाया गया है कि बर्मन समूह की खुली पेशकश में सहयोग न करने के सिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए।
रेलिगेयर एंटरप्राइजेज ने सेबी के आदेश पर राहत पाने के लिए पंचाट का रुख किया था। रेलिगेयर के वकील ने अदालत को बताया कि रेलिगेयर, बर्मन फैमिली के फिट ऐंड प्रॉपर मानक पर अपनी चिंता के बारे में 22 जुलाई को नियामक के पास आवेदन जमा कराएगी।
सैट के निर्देश के मुताबिक, रेलिगेयर एंटरप्राइजेज को आरबीआई और बीमा नियामक आईआरडीएआई के पास मंजूरी के लिए आवेदन करना है।
पंचाट ने रेलिगेयर की चेयपर्सन रश्मि सलूजा व पांच अन्य निदेशकों को जारी कारण बताओ नोटिस पर अंतरिम रोक लगाई है, जिससे अगली सुनवाई तक नियामक की तरफ से और कार्रवाई को लेकर अंतरिम राहत मिली है। इस पर अब सुनवाई अगस्त में होनी है। रेलिगेयर एंटरप्राइजेज का शेयर 2 फीसदी टूटकर 238.25 रुपये पर बंद हुआ।
बर्मन फैमिली के स्वामित्व वाली इकाइयों के पास रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की 21.54 फीसदी हिस्सेदारी है। चार इकाइयों ने अतिरिक्त 5.27 फीसदी हिस्सेदारी खुले बाजार से सितंबर 2023 में खरीदी, जिसके बाद अतिरिक्त 26 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए खुली पेशकश लाने की सार्वजनिक घोषणा हुई। अभी बर्मन फैमिली, रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की सबसे बड़ी एकल शेयरधारक है, लेकिन उसे बोर्ड में प्रतिनिधित्व नहीं मिला है।
अक्टूबर 2023 में रेलिगेयर के बोर्ड ने बर्मन की तरफ से और शेयरों के अधिग्रहण के खिलाफ इस आधार पर सेबी के पास कई बार अपना पक्ष रखा कि वे वित्तीय कंपनी (जिसके पास बीमा, ब्रोकिंग आदि कारोबार के लाइसेंस हैं) के प्रवर्तक बनने के लिए फिट ऐंड मानक को पूरा नहीं करते।
इस बीच, बर्मन ने भी सेबी के पास पूरी तरह से सहयोग का अभाव और रेलिगेयर के समर्थन को लेकर शिकायत की है, जिससे नियामकीय मंजूरी हासिल करने और खुली पेशकश की प्रक्रिया पूरी करने को मामले में जरूरी सूचनाएं जमा कराने की उनकी कोशिश को नुकसान पहुंचा। नियामकीय सूत्रों के मुताबिक, प्रस्तावित अधिग्रहण की घोषणा से पहले सलूजा भी कथित भेदिया कारोबार के जांच के घेरे में हैं।