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मंदी बीपीओ के धंधे को देगी तेजी

Last Updated- December 07, 2022 | 10:08 PM IST

वैश्विक मंदी का भारत को फायदा मिल सकता है। एक अध्ययन के मुताबिक वित्तीय क्षेत्र में छाई मंदी की वजह से अगले पांच सालों में भारत आधारित बीपीओ सेवा प्रदाताओं का कारोबार बढ़कर 145-165 अरब डॉलर का हो जाएगा।

एवरेस्ट शोध संस्थान ने अपने अध्ययन में बैंकिंग, कैपिटल मार्केट एवं बीमा से संबंधित सेवाएं आउटसोर्स करने वाली कंपनियों के बारे में रिपोर्ट देते हुए इसका जिक्र किया है कि इस दौरान बीमा क्षेत्र में विदेशों से आउटसोर्सिंग 12-15 गुना बढ़ जाएगी।

रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि मौजूदा सब प्राइम संकट के चलते मझौले से लंबी अवधि के दौरान वैश्विक जाहिर है मंदी को देखते हुए विदेशों की इन कंपनियों को अपने खर्चों में कटौती के लिए यह करना पड़ेगा क्योंकि उनके अपने देशों में यही सेवा ज्यादा लागत पर उपलब्ध हो पाती हैं।

इसके साथ ही एवरेस्ट का मानना है कि वित्तीय सेवा क्षेत्र की बीपीओ की क्षमता है कि वह अगले पांच सालों के दौरान मौजूदा बाजार के आकार से 40 से 45 गुना ज्यादा की रफ्तार से इजाफा कर सकते हैं। इस रफ्तार की वजह लागत खर्च का दवाब और विदेशी सप्लायरों के द्वारा समय पर वर्टिकल केंद्रित ऑफरिंग्स है।

ग्लोबल सर्विसेस ऑफ एवरेस्ट रिसर्च इंस्टीटयूट के वाइस प्रेसीडेंड निखिल राजपाल के मुताबिक अमेरिकी बाजार में जारी मौजूदा वित्तीय तंगी ने वहां के शेयरधारकों को इस बात पर मजबूर किया है कि वह अंगीकरण जैसे उपायों पर गौर फरमाएं क्योंकि यह खर्च को कम करने में ज्यादा बेहतर साबित हो सकता है। बैंक और दूसरी वित्तीय सेवा प्रदान करने वाली कंपनियां खर्च कम करने के सभी उपायों पर काम कर रही हैं।

First Published - September 25, 2008 | 9:25 PM IST

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