निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी (पीई/वीसी) निवेश में वर्ष 2022 के दौरान सालाना आधार पर 29 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 1,211 सौदों में लुढ़ककर 54.2 अरब डॉलर रह गया, जिनमें 36.7 अरब डॉलर मूल्य के 129 बड़े सौदे (10 करोड़ डॉलर से अधिक वाले) भी शामिल हैं। इसके मुकाबले पिछले साल 1,269 सौदों में 75.9 अरब डॉलर का निवेश किया गया था। आईवीसीए-ईवाई की मासिक रिपोर्ट में यह जानकारी मिली है।
इस गिरावट के बावजूद पीई/वीसी निवेश के लिहाज से वर्ष 2022 देश में अब तक दूसरा सबसे बेहतरीन साल रहा। ईवाई के साझेदार और राष्ट्रीय प्रमुख (पीई सेवा) विवेक सोनी ने कहा ‘यह (गिरावट) मुख्य रूप से सौदों के आकार में गिरावट की वजह से थी, क्योंकि सौदों की मात्रा काफी हद तक समान रही।’
उन्होंने कहा कि कई साल के तेज रुख के बाद पिछले पांच साल में वैश्विक स्तर पर निजी इक्विटी निवेश और निकासी की गतिविधि पर मुद्रास्फीति के संकट, मंदी की आशंकाओं, पूंजी की बढ़ती लागत तथा भूगौलिक चुनौतियों से उपजने वाली अनिश्चितता के अधिक स्तर का दबाव रहा।
वैश्विक कारणों के अलावा हाल ही में सूचीबद्ध हुई नई कंपनियों के आईपीओ का खराब प्रदर्शन जैसे कारकों ने भी पई/वीसी की धारणा पर असर डाला है।
वर्ष 2021 में सूचीबद्ध अधिकांश स्टार्टअप के आईपीओ के खराब प्रदर्शन के बाद वर्ष 2022 के अधिकांश हिस्से में पीई समर्थित आईपीओ में कमी रही। हालांकि पीई समर्थित 10 आईपीओ की सूचीबद्धता के बाद वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में सुधार देखा गया।
सोनी ने कहा कि हालांकि भारत में निवेशकों ने मार्च/अप्रैल में मूल्यांकन की अपनी जरूरत में बदलाव किया, लेकिन विक्रेताओं को उस स्तर तक पहुंचने में वक्त लगा, जिससे अधिकांश लेनदेन में बिड-आस्क स्प्रेड रहा। इससे देर हुई और कुछ मामलों में वर्ष 2022 के बड़े भाग में
पीई समर्थित लेनदेने बेपटरी हो गया।