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PE निवेश में आई गिरावट, पहुंचा 6 साल के निचले स्तर पर

Private equity investment: वित्त वर्ष 2024 में PE निवेश घटकर 6 साल के निचले स्तर 24.2 अरब डॉलर पर आया

Published by
देव चटर्जी   
Last Updated- April 01, 2024 | 9:48 PM IST

भारत में प्राइवेट इक्विटी निवेश मार्च 2024 में समाप्त वित्त वर्ष में घटकर 6 साल के निचले स्तर 24.2 अरब डॉलर पर आ गया। पीई सौदों के जरिये होने वाला निवेश वित्त वर्ष 2023 के मुकाबले 47 फीसदी घट गया क्योंकि तब 45.8 अरब डॉलर के प्राइवेट इक्विटी सौदे हुए थे।

ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक प्राइवेट इक्विटी फर्मों ने मार्च 2022 में समाप्त वित्त वर्ष के दौरान रिकॉर्ड 80 अरब डॉलर के सौदों पर हस्ताक्षर किए थे। मुख्य रूप से ये निवेश विभिन्न प्राइवेट इक्विटी फर्मों की तरफ से मार्च 2022 में समाप्त वित्त वर्ष में रिलायंस जियो व रिलायंस रिटेल में किए गए। वित्त वर्ष 2024 में पीई ने 960 सौदों पर हस्ताक्षर किए जबकि वित्त वर्ष 2023 में उनकी तरफ से 1,334 सौदों पर हस्ताक्षर किए गए थे।

एमऐंडए डील सोर्सिंग प्लेटफॉर्म ग्रोथपल के सह-संस्थापक और सीईओ मनीष भंडारी ने कहा कि कई रुझानों का इसमें योगदान रहा जिनमें अंतरराष्ट्रीय बाजारों में नकदी का अभाव, बढ़ती ब्याज दरें, बाजारों में उतार-चढ़ाव के हालात, फंडिंग में कमी, भूराजनीतिक अनिश्चितताएं और प्राइवेट बाजारों में सख्ती शामिल है। भंडारी ने कहा कि इसके साथ ही पक्षकारों के बीच मूल्यांकन में एकरुपता नहीं थी और विक्रेताओं ने इंतजार करना ठीक समझा।

लेकिन पिछले वित्त वर्ष में नरमी के बावजूद प्राइवेट इक्विटी फर्म व बैंकर भविष्य को लेकर आशान्वित हैं। अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी दिग्गज केकेआर ने कहा है कि वह सड़क, राजमार्ग व अक्षय ऊर्जा समेत भारतीय इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 6.4 अरब डॉलर के एशिया केंद्रित नए फंड का खासा हिस्सा निवेश करने की योजना बना रही है।

वह देश में पहले ही 10 अरब डॉलर निवेश कर चुकी है। एक अन्य अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन की योजना अगले पांच साल में 25 अरब डॉलर के भारतीय प्राइवेट इक्विटी परिसंपत्तियों का पोर्टफोलियो जोड़ने की है।

सिंगापुर की टेमासेक ने भारत में अब तक 17 अरब डॉलर का निवेश किया है और उसकी योजना अगले तीन साल में हेल्थकेयर, आईटी, सास और फिनटेक क्षेत्रों में 9 से 10 अरब डॉलर के निवेश की है। टेमासेक के अधिकारियों ने पिछले साल जुलाई में ये बातें कही थी। कनाडा की ब्रुकफील्ड ऐसेट मैनेजमेंट भी भारत के दूरसंचार टावर इन्फ्रा, रियल्टी और अक्षय ऊर्जा क्षेत्र की बड़ी निवेशक है जिसका दांव 25 अरब डॉलर का है।

आने वाले समय में प्राइ‍वेट इक्विटी फर्म भारत में अपने निवेश में इजाफा करने को लेकर आशान्वित हैं। केकेआर बैंलेस शीट के सीआईओ और ग्लोबल मैक्रो, बैलेंस शीट ऐंड रिस्क के प्रमुख और पार्टनर हेनरी मैकवे ने फरवरी में कहा था कि महामारी के बाद से पूंजी बाजार की स्थितियां बेहतर हो गई हैं, जिसमें ज्यादा स्थिर मुद्रा शामिल है।

फरवरी में एक बयान में उन्होंने कहा था कि इस राह में निश्चित तौर पर झटके लगेंगे लेकिन हमारा मानना है कि बेहतर आर्थिक वृद्धि, समकक्षों के मुकाबले सार्वजनिक बाजारों में पूंजी में बढ़त और विभिन्न क्षेत्रों में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट एक ऐसे देश में मुमकिन है जो अगले पांच से सात साल में सामूहिक तौर पर कुल इन्क्रिमेंटल ग्लोबल ग्रोथ में 20 फीसदी का प्रतिनिधित्व कर सकता है।

First Published : April 1, 2024 | 9:48 PM IST