सोमवार को तेल की कीमतों में 4 डॉलर प्रति बैरल से अधिक की गिरावट आई। यह गिरावट सप्ताहांत में इजरायल द्वारा ईरान के खिलाफ जवाबी हमले के बाद आई। हालांकि हमले में तेल और परमाणु संयंत्रों को निशाना नहीं बनाया गया और इससे ऊर्जा आपूर्ति पर असर नहीं पड़ा।
ब्रेंट और अमेरिकी डब्ल्यूटीआई क्रूड वायदा दोनों 1 अक्टूबर के बाद से अपने निचले स्तर पर आ गए। जीएमटी समय के अनुसार सुबह में ब्रेंट 4.12 डॉलर या 5.4 प्रतिशत गिरकर 71.93 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जबकि डब्ल्यूटीआई 4.03 डॉलर या 5.6 प्रतिशत गिरकर 67.75 डॉलर पर आ गया।
पिछले सप्ताह अस्थिर कारोबार के दौरान इन प्रमुख सूचकांकों में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई क्योंकि बाजार में अमेरिकी चुनाव को लेकर के साथ-साथ 1 अक्टूबर को ईरानी मिसाइल हमले पर इजरायल की जवाबी प्रतिक्रिया को लेकर अनिश्चितता थी।
फश्चिम एशियाई प्रतिद्वंद्वियों के बीच नए हमलों में शनिवार की सुबह दर्जनों इजरायली जेट विमानों ने तेहरान के निकट और पश्चिमी ईरान में मिसाइल कारखानों तथा अन्य स्थलों पर तीन हमले किए। विश्लेषकों ने कहा कि इजरायली हमले की आशंका में तेल की कीमतों को लेकर जो भू-राजनीतिक जोखिम बना हुआ था, वह अब खत्म हो गया है।
इस बीच, कॉमनवेल्थ बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया के विश्लेषक विवेक धर को पश्चिम एशिया में संघर्ष में जल्द कमी आने के आसार नहीं दिख रहे हैं। उन्होंने एक रिपोर्ट में कहा, ‘ईरान के प्रति कम आक्रामक हमले के बावजूद हमें संदेह है कि इजरायल और ईरान समर्थित गुट के प्रतिनिधि स्थायी युद्धविराम के रास्ते पर हैं।’
सिटी के विश्लेषक मैक्स लेटन ने अल्पावधि में कम जोखिम को ध्यान में रखते हुए अगले तीन महीनों के लिए कच्चे तेल के लिए अपना लक्ष्य 74 डॉलर से घटाकर 70 डॉलर प्रति बैरल कर दिया है।