टाटा टेक्नोलॉजिज और सरकारी स्वामित्व वाली इंडियन रीन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (इरेडो) की शानदार सूचीबद्धता के साथ आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के बाजार ने नवंबर में उल्लास के माहौल का अनुभव किया। आईआईएफएल सिक्योरिटीज के निवेश बैंकिंग प्रमुख निपुण गोयल के मुताबिक, अगले साल के लिए भी आईपीओ की तस्वीर ऐसी ही मजबूत बनी हुई है। समी मोडक को साक्षात्कार में गोयल ने कहा कि लाभप्रदता पर नजर और उचित कीमत आईपीओ की मांग को सहारा देता है।
बाजार का माहौल काफी ज्यादा मजबूत है। वैश्विक अवरोधों के बीच साल की शुरुआत में थोड़ी सुस्ती थी, लेकिन मैनकाइंड फार्मा के 4,300 करोड़ रुपये के आईपीओ के आगाज के साथ अप्रैल से गतिविधियों ने जोर पकड़ा। तब से सब कुछ ठीक चल रहा है। अप्रैल 2023 से 44 कंपनियां आईपीओ ला चुकी हैं और इसके जरिये 43,100 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए गए हैं। यह पिछले साल की समान अवधि से काफी अलग है क्योंकि तब सिर्फ 27 आईपीओ आए थे। एलआईसी को छोड़ दें तो साल 2022 में आईपीओ से 26,200 करोड़ रुपये जुटाए गए। मौजूदा कैलेंडर वर्ष में भी कई सूचीबद्ध कंपनियों में ब्लॉक डील के जरिये प्राइवेट इक्विटी की तरफ से खासा मुद्रीकरण हुआ है।
आईपीओ में ठोस दिलचस्पी की मुख्य वजह लाभ लाभप्रदता पर बढ़ता ध्यान और सौदे की उचित कीमत है। साल 2021 में लाभप्रदता के सीमित ट्रैक रिकॉर्ड के साथ कई कंपनियों ने पूंजी जुटाई और उनमें से कुछ की कीमत का मुख्य मानक प्राइस टु रेवन्यू अनुपात रहा। आज स्थिर लाभप्रदता और आय गुणक पर जोर दिया जाता है। इस साल सूचीबद्ध 46 कंपनियां अपने इश्यू प्राइस से 90 फीसदी ऊपर कारोबार कर रही हैं।
आईपीओ गतिविधियां सभी क्षेत्रों में व्यापक रही हैं। हालांकि विनिर्माण क्षेत्र ने निवेशकों का ध्यान खींचा है। इस कैलेंडर वर्ष में करीब एक तिहाई आईपीओ औद्योगिक/विनिर्माण क्षेत्र के रहे हैं। अन्य क्षेत्र मसलन हेल्थकेयर,कंज्यूमर गुड्स, रियल एस्टेट और फाइनैंस का भी खासा योगदान रहा है। विनिर्माण कंपनियों का परिदृश्य मजबूत बना हुआ है और कई वैश्विक कंपनियां मेक इन इंडिया पहल आदि के तहत भारत मे विनिर्माण के विस्तार पर विचार कर रही हैं।
बाजार अगले साल भी अच्छी खासी पूंजी जुटाने की गतिविधियां देख सकता है। बाजार नियामक सेबी के पास 65 से ज्यादा आईपीओ दस्तावेज जमा कराए गए हैं। इनमें से 25 को मंजूरी मिल चुकी है। वे अपनी शेयर बिक्री प्रक्रिया की शुरुआत विपणन की समाप्ति और मांग व कीमत को लेकर निवेशकों का फीडैक मिलने के साथ कर सकते हैं। सेबी की मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहे करीब आधे मसौदा दस्तावेज औद्योगिक व वित्तीय क्षेत्र के हैं।
विभिन्न प्लेटफॉर्म मसलन टेक्नोलॉजी, कज्यूमर टेक्नोलॉजी और पेमेंट टेक्नोलॉजी जैसी नई पीढ़ी की कई कंपनियां भी आईपीओ योजना का आकलन कर रही हैं। वे अगले कुछ महीनों में आईपीओ दस्तावेज जमा करा सकती हैं। आईपीओ बाजार को लेकर हमारा नजरिया काफी मजबूत तेजी का है, जो साल 2024 के बाद भी रहेगा। यह आशावाद मजबूत देसी व विदेशी निवेश को देखते हुए है, जिसकी वजह भारतीय बाजारों की वृद्धि का उम्दा परिदृश्य है। निवेश की रफ्तार और तेज हो सकती है जब चुनाव को लेकर अनिश्चितता दूर हो जाएगी।
नई पीढ़ी के कुछ कारोबारों ने इस साल कामयाबी के साथ शेयर सूचीबद्ध कराए हैं। इनमें ममाअर्थ, यात्रा और जैगल प्रीपेड ओशन सर्विसेज शामिल हैं। साथ ही पहले से सूचीबद्ध नई पीढ़ी की कंपनियों के शेयर कीमतों में सुधार स्पष्ट तौर पर निवेशकों की इनमें दिलचस्पी का संकेत देता है।
नई पीढ़ी की कंपनियों को अपने कारोबारी मॉडल स्थिर करने चाहिए और लाभ की राह पर होना चाहिए। जब ऐसा हो जाएगा तब आईपीओ बाजार नई पीढ़ी की कंपनियों की प्रतिभूतियों की मजबूत आपूर्ति से रूबरू होगा।
हमें लगता है कि इस महीने के तीसरे हफ्ते तक आईपीओ गतिविधियां जारी रहेंगी। कम से कम पांच कंपनियां अपने आईपीओ या क्यूआईपी साल के अंत की छुट्टियों से पहले पेश कर सकती हैं।
मौजूदा कैलेंडर वर्ष में निवेशकों की विभिन्न श्रेणियों की भागीदारी काफी मजबूत रही है। हमें यह ट्रेंड बरकरार रहने की उम्मीद है। मौजूदा समय में इक्विटी वाले देसी म्युचुअल फंडों की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां 27 लाख करोड़ रुपये है। साल 2023 में औसतन 65 फीसदी एंकर बुक देसी संस्थानों ने कवर किया।