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म्युचुअल फंडों के पास है बड़ी नकदी

अक्टूबर के अंत में इक्विटी योजनाओं के पास करीब 1.7 लाख करोड़ रुपये थे, नकदी के संदर्भ में पीपीएफएएस, क्वांट और एसबीआई तीन प्रमुख फंड हाउस रहे

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- November 14, 2024 | 10:51 PM IST

निफ्टी में 10 प्रतिशत की गिरावट के बीच पिछले पांच सप्ताह में रिकॉर्ड रकम निवेश करने के बावजूद इक्विटी म्युचुअल फंड (एमएफ) योजनाएं नकदी से लबालब हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज द्वारा जारी रिपोर्ट से पता चलता है कि अक्टूबर के अंत तक, शीर्ष-20 फंड हाउसों की इक्विटी योजनाओं में पोर्टफोलियो की 5.5 प्रतिशत नकदी थी, जबकि सितंबर में यह आंकड़ा 6 प्रतिशत था।

कैश होल्डिंग के संदर्भ में पीपीएफएएस, क्वांट और एसबीआई तीन प्रमुख फंड हाउस रहे। 20 फंड हाउसों ने अपनी इक्विटी योजनाओं के जरिये करीब 28.5 लाख करोड़ रुपये की पूंजी का प्रबंधन किया। 5.5 प्रतिशत के हिसाब से, कुल नकद होल्डिंग 1.6 लाख करोड़ रुपये रही। उद्योग स्तर पर समान नकदी प्रतिशत को मानते हुए, कुल नकदी 1.7 लाख करोड़ रुपये है।

हालांकि एमएफ अधिकारियों का कहना है कि उनका उद्देश्य पूर्णतः निवेशित बने रहना है, फिर भी वे बाजार की अनिश्चितता और अत्यधिक मूल्यांकन के दौरान रणनीतिक रूप से कुछ नकदी रिजर्व बनाए रखते हैं। उद्योग के कारोबारियों का कहना है कि हालांकि बाजार में भारी गिरावट आई है, लेकिन आय वृद्धि में गिरावट के कारण मूल्यांकन स्तर में अधिक गिरावट नहीं आई है।

एसबीआई एमएफ ने एक ताजा रिपोर्ट में कहा है, ‘हालांकि मूल्यांकन के साथ-साथ इक्विटी बाजार की धारणा में कुछ नरमी आई है, लेकिन हमारा मानना है कि दोनों के संदर्भ में बेहतर स्तर पर पहुंचने से पहले बाजार में मौजूदा उथल-पुथल जारी रहने की अभी और गुंजाइश है।’

फंड हाउस ने बाजार में गिरावट के पीछे तीन कारकों को जिम्मेदार बताया है। उसने कहा है, ‘पहला, भारतीय शेयरों के लिए मूल्यांकन एबसोल्यूट आधार के साथ साथ सापेक्ष आधार, दोनों के लिहाज से ईएम प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले महंगा हो गया है। दूसरा, अल्पावधि आय सुस्त पड़ रही है और आय अनुमानों में संशोधनों से संकेत मिल रहा है कि ज्यादा संख्या में शेयरों को अपग्रेड की तुलना में डाउनग्रेड का सामना करना पड़ रहा है।

तीसरा, इक्विटी बाजार की धारणा का हमारा माप अत्यधिक खिंचा हुआ रहा।’नकदी की स्थिति महीने के अंत में किसी योजना से होने वाले निवेश और निकासी की मात्रा पर भी निर्भर करती है। अक्टूबर में, निवेशकों ने ऐक्टिव इक्विटी योजनाओं में 41,887 करोड़ रुपये का निवेश किया, जो किसी एक महीने में सर्वाधिक है। पिछले महीने विदेशी पूंजी की रिकॉर्ड निकासी के बीच म्युचुअल फंड और अन्य घरेलू संस्थान बाजार के लिए मुख्य समर्थक थे। अक्टूबर में म्युचुअल फंडों ने ऐक्टिव इक्विटी, पैसिवइक्विटी और हाइब्रिड योजनाओं, सभी में 90,771 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी। यह निवेश निफ्टी-50 में 6.2 प्रतिशत गिरावट के बीच किया गया।

रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछले महीने सभी एमएफ अपनी नकदी का उपयोग नहीं कर रहे थे, क्योंकि कई फंड हाउसों ने अपनी नकदी में इजाफा दर्ज किया है। अपने पास जमा नकदी में वृद्धि दर्ज करने वाले फंड हाउसों में एसबीआई, पीपीएफएएस, ऐक्सिस मुख्य रूप से शामिल थे। वहीं, मोतीलाल ओसवाल, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल और क्वांट उन फंड हाउस में शामिल थे जिन्होंने पिछले महीने अपनी नकदी का बड़ा हिस्सा इस्तेमाल किया।

नकदी स्तरों में बदलाव बाजार उतार-चढ़ाव की वजह से संपूर्ण फंड आकार में परिवर्तन पर भी निर्भर करता है। यदि नकदी की स्थिति स्थिर भी हो, तो बाजार में गिरावट के कारण इक्विटी योजनाओं की संपूर्ण प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) में गिरावट की वजह से नकदी का स्तर बढ़ जाएगा।

First Published : November 14, 2024 | 10:51 PM IST