Dark Horse of Mutual Funds: सिस्टमेटिक विदड्रॉअल प्लान (SWP) म्युचुअल फंड से अपने कैपिटल को सिस्टमेटिक तरीके से बाहर निकालने का एक खास फीचर है। इसे म्युचुअल फंड का ‘डार्क हॉर्स’ फीचर भी कहा जाता है क्योंकि इसके फायदे तो अनेक है मगर इसकी जानकारी बहुत कम ही निवेशकों के पास है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, SWP न केवल अस्थिर बाजारों में जल्दबाजी में गलत फैसले लेने से बचाता है, बल्कि निवेशकों को अपनी जरूरत के अनुसार निकासी की योजना बनाने में भी मदद करता है। इतना ही नहीं SWP निवेशकों को बेहतर टैक्स बचत, स्थिर कैशफ्लो और रणनीतिक निकासी का लाभ देता है। बाजार में गिरावट के समय भी यह निवेश को बचाने में सहायक होता है, जिससे लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न की संभावना बनी रहती है। आइए समझते है कि SWP क्या है? इसके फायदे क्या है और निवेश के बाद SWP कब शुरू करना चाहिए।
सिस्टमेटिक विदड्रॉअल प्लान (SWP) म्युचुअल फंड का एक ऐसा फीचर है जहां निवेशक अपनी म्युचुअल फंड निवेश से एक निश्चित अवधि में तयशुदा राशि नियमित रूप से निकाल सकते हैं। आसान भाषा में कहे तो यह सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के ठीक उलटा है। एक तरफ जहां SIP के माध्यम से निवेशक म्युचुअल फंड में थोड़ी-थोड़ी रकम नियमित अंतराल पर जमा कर अपने लिए लॉन्ग टर्म में कॉर्पस बनाता है तो वहीं दूसरी तरफ SWP के माध्मय से निवेशक उसी कॉपर्स से नियमित अंतराल पर एक तय राशि निकाल सकता हैं।
बाजार की अनिश्चितता के कारण भावनात्मक संयम बनाए रखना बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है। एडलवाइस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2010 से अब तक, निफ्टी 50 TRI ने 60% समय में पॉजिटिव और 40% समय में नेगेटिव रिटर्न दिया है, जो बाजार की अनिश्चित प्रकृति को दर्शाता है। अस्थिर बाजारों में SWP (सिस्टेमेटिक विदड्रॉल प्लान) का उपयोग करके तय अंतराल पर निकासी करने से जल्दबाजी में गलत फैसले लेने से बचा जा सकता है।
एसडब्ल्यूपी (SWP) से आपको निश्चित कैशफ्लो मिलता है और टॉप-अप सुविधा के जरिए महंगाई से बचाव भी होता है। यह IDCW और स्टॉक्स से मिलने वाले डिविडेंड की तुलना में स्थिर और निश्चित आय देता है। आप अपनी जरूरत के अनुसार SWP में निकासी की राशि को बढ़ा या घटा सकते हैं, जो FD और IDCW में संभव नहीं है।
सिस्टमेटिक विदड्रॉअल प्लान (SWP), IDCW की तुलना में ज्यादा टैक्स बचाने में सक्षम है।
उदाहरण: अगर आप एक इक्विटी आधारित स्कीम में ₹1 करोड़ का निवेश करते हैं, जिसमें 12.93% रिटर्न और 8% SWP की उम्मीद हो, तो यह बेहतर टैक्स लाभ दे सकता है। इसका कैलकुलेशन आप नीचे दिए गए टेबल में देख सकते हैं…
स्त्रोत:– डिस्कवरका डार्क डार्क हॉर्स ऑफ म्युचुअल फंड रिपोर्ट
SWP के जरिए अपने निवेश से निकासी करने पर 10 में से 7 बार बाजार में गिरावट के दौरान आपके रिटर्न सुरक्षित रह सकते है। यह मुश्किल दौर जैसे 2008 की मंदी या 2020 की कोविड-19 महामारी के दौरान भी आपके जोखिम को कम कर सकता हैं।
SWP बाजार में गिरावट के दौरान भी आपके फंड की सुरक्षा करता है और निकासी सुनिश्चित करता है। वैल्यू एवरेजिंग आपको अनुशासित और रणनीतिक रूप से निवेश की निकासी में मदद करती है। SWP से तय अंतराल पर नियमित निकासी होती है, जिससे अस्थिर बाजार में भावनात्मक फैसले लेने से बचा जा सकता है।
SWP कैशफ्लो के मामले में अधिक निश्चितता प्रदान करता है, जबकि IDWC डिविडेंड की राशि और भुगतान का समय पहले से तय नहीं होता। यह पूरी तरह से फंड के प्रदर्शन, बाजार की स्थिति, और उस समय उपलब्ध मुनाफे पर निर्भर करता है। यदि फंड को लाभ नहीं होता, तो डिविडेंड का भुगतान भी नहीं होता।
SWP में निवेशक अपनी जरूरत के अनुसार निकासी की सटीक राशि तय कर सकते हैं। इससे लंबे समय तक कैशफ्लो की आवश्यकताओं की बेहतर योजना बनाई जा सकती है।
स्त्रोत:- डिस्कवरका डार्क डार्क हॉर्स ऑफ म्युचुअल फंड रिपोर्ट
SWP के जरिए निवेशक अपनी कुल जमा राशि से मासिक, तिमाही या वार्षिक आधार पर निकासी कर सकते हैं, जो उनकी पसंद के अनुसार तय होती है। निवेशक किसी भी महीने, तिमाही या साल में एक तारीख चुन सकते हैं, जिस दिन निकासी होगी, और यह राशि एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) द्वारा सीधे उनके बैंक खाते में जमा कर दी जाती है।
निवेशक चाहें तो केवल अपने निवेश पर हुए लाभ (गेन) की निकासी का विकल्प भी चुन सकते हैं, जिससे उनका मूलधन सुरक्षित रहता है। तय तिथि पर, निवेशक के पोर्टफोलियो से यूनिट्स बेची जाती हैं और निकासी की गई राशि उनके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
SWP की तुलना पारंपरिक जमा (FD), बॉन्ड और किराए से होने वाली आय जैसे निवेश विकल्पों से करने पर इसके कई फायदे सामने आते हैं। SWP टैक्स के मामले में फायदेमंद है क्योंकि इसमें एक साल बाद लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर 1.25 लाख तक की छूट मिलती है। जबकि FD पर TDS देना होता है। वहीं, बॉन्ड और रेंटल इनकम पर आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा।
SWP की सबसे खास बात यह है कि आप अपनी जरूरत के अनुसार निकासी की राशि तय कर सकते हैं, जबकि FD और बॉन्ड में ऐसा संभव नहीं है। इसमें बार-बार मिलने वाली राशि पर दोबारा निवेश करने का जोखिम भी कम होता है, जो पारंपरिक जमा और बॉन्ड में अधिक होता है।
हालांकि, SWP में पूंजी का जोखिम एफडी की तुलना में थोड़ा ज्यादा हो सकता है, लेकिन लंबे समय में यह बेहतर रिटर्न दे सकता है। इसके अलावा, इसमें रखरखाव का खर्च भी कम होता है और आपको डीमैट चार्ज या संपत्ति प्रबंधन जैसे झंझटों का सामना नहीं करना पड़ता, जो किराए से होने वाली आय में होते हैं। इसलिए, SWP एक ऐसा विकल्प है जो टैक्स में बचत के साथ-साथ नियमित और सुरक्षित निकासी की सुविधा देता है।
स्त्रोत:- डिस्कवरका डार्क डार्क हॉर्स ऑफ म्युचुअल फंड रिपोर्ट
SWP शुरू करने का सही समय आपके फाइनैंशियल टारगेट और निवेश अवधि पर निर्भर करता है। रिपोर्ट बताती है कि यदि SWP को निवेश के तुरंत बाद शुरू किया जाए, तो एक्सआईआरआर (XIRR) 9.24% रहता है, जबकि इसे 1, 3 या 5 साल बाद शुरू करने पर रिटर्न क्रमशः 9.89%, 10.89% और 11.35% तक बढ़ सकता है। देरी से शुरू करने का फायदा यह है कि शुरुआती वर्षों में निवेश को बढ़ने का समय मिलता है, जिससे पूंजी में अधिक वृद्धि होती है। साथ ही, यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) के तहत टैक्स लाभ भी देता है। इसलिए, जो निवेशक लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न और टैक्स लाभ चाहते हैं, उनके लिए SWP में देरी से शुरुआत करना फायदेमंद हो सकता है।
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एडलवाइस म्युचुअल फंड के प्रेसिडेंट और हेड- सेल्स दीपक जैन कहते हैं कि सिस्टमेटिक विदड्रॉअल प्लान (SWP) कैश फ्लो की जरूरतों को मैनेज करने का एक बेहतरीन टूल है, लेकिन इसे शुरू करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। SWP एक आय (income) नहीं है, बल्कि आपके एसेट्स की निकासी है। ये एसेट्स आपके कैपिटल और रिटर्न का कुल योग होता हैं।
SWP शुरू करने से पहले कुछ अतिरिक्त सुरक्षा (कुशन) बनाना जरूरी है, ताकि निकासी के कारण कैपिटल खत्म न हो जाए। यह कुशन चयनित फंड की कैटेगरी पर निर्भर करता है। हाइब्रिड फंड के लिए यह कुशन 8%-15% हो सकता है, जबकि इक्विटी फंड के लिए यह 20%-30% तक हो सकता है। निकासी न्यूनतम होनी चाहिए और आदर्श रूप से 4%-6% के बीच होनी चाहिए। कम निकासी कंपाउंडिंग के लाभ में मदद करती है। किसी भी स्थिति में निकासी फंड के अपेक्षित रिटर्न के 75% से अधिक नहीं होनी चाहिए।