प्रतीकात्मक तस्वीर
सक्रिय इक्विटी म्युचुअल फंड (एमएफ) योजनाओं ने वित्त वर्ष 2025 का समापन शानदार पूंजी निवेश हासिल करते हुए किया है। इन योजनाओं में निवेश पिछले साल के मुकाबले दोगुना हो गया क्योंकि फंडों ने वर्ष की पहली छमाही में अच्छा लाभ कमाया। इक्विटी बाजार में तेजी के दौरान जहां मौजूदा योजनाओं को मजबूत निवेश मिला, वहीं कई नए फंड ऑफर से वित्त वर्ष 2025 में इक्विटी फंडों को 85,000 करोड़ रुपये और मिले।
इक्विटी योजनाएं शुरू की गई थीं। इनमें ज्यादातर सेक्टोरल और थीमेटिक सेगमेंटों से जुड़ी थीं। फंडों ने थीमेटिक फंड मिश्रण में पैसिव माध्यम भी शामिल किया। उद्योग ने वित्त वर्ष 2025 में पैसिव श्रेणी में 145 नई योजनाएं षशुरू कीं, जिससे फंडों की कुल संख्या 614 हो गई। अक्टूबर के आसपास बाजार के समीकरणों में बदलाव के कारण एकमुश्त निवेश की आवक में कमी आई, क्योंकि नई फंड ऑफरिंग (एनएफओ) में गिरावट आई। हालांकि एसआईपी के माध्यम से निवेश की रफ्तार बरकरार रही।
मासिक एसआईपी प्रवाह वर्ष के शुरू में 20,000 करोड़ रुपये था जो दिसंबर 2024 में बढ़कर 26,460 करोड़ रुपये हो गया। पिछले कुछ महीनों में एसआईपी निवेश 26,000 करोड़ रुपये के आसपास बना हुआ है, जबकि बाजार में गिरावट की वजह से कई इक्विटी योजनाओं का अल्पावधि एसआईपी रिटर्न कमजोर पड़ा है।
वैल्यू रिसर्च के मुख्य कार्याधिकारी धीरेंद्र कुमार ने कहा, ‘घरेलू निवेशक म्युचुअल फंडों में बड़ा एसआईपी निवेश कर रहे हैं, जो अनुशासित, दीर्घावधि बाजार भागीदारी की दिशा में उनके निर्णायक बदलाव को दर्शाता है। यह उछाल बढ़ती वित्तीय जागरूकता और भारत की विकास कहानी में मजबूत भरोसे का प्रतीक है।’
कुमार ने कहा, ‘बाजार में उतार-चढ़ाव की वजह से एसआईपी निवेशकों का व्यापक आधार प्रभावित नहीं हुआ है, जिससे उनकी इस विकल्प को लेकर प्रतिबद्धता का पता चलता है।’ म्युचुअल फंडों की एयूएम वित्त वर्ष 2025 में 23 फीसदी बढ़कर 65.7 लाख करोड़ रुपये हो गईं। यह वृद्धि इक्विटी, डेट, हाइब्रिड और कमोडिटी सेगमेंटों, सभी की मदद से दर्ज की गई। डेट, गोल्ड और सिल्वर फंडों समेत शुद्ध पैसिव फंड आवक 1.4 लाख करोड़ रुपये रही।