facebookmetapixel
HUL vs Nestle vs Colgate – कौन बनेगा FMCG का अगला स्टार? जानें किस शेयर में है 15% तक रिटर्न की ताकत!EPF खाताधारकों को फ्री में मिलता है ₹7 लाख का कवर! जानें इस योजना की सभी खासियतPiyush Pandey Demise: ‘दो बूंद जिंदकी की…’ से लेकर ‘अबकी बार, मोदी सरकार’ तक, पीयूष पांडे के 7 यादगार ऐड कैम्पेनदिवाली के बाद किस ऑटो शेयर में आएगी रफ्तार – Maruti, Tata या Hyundai?Gold Outlook: जनवरी से फिर बढ़ेगा सोना! एक्सपर्ट बोले- दिवाली की गिरावट को बना लें मुनाफे का सौदाGold ETF की नई स्कीम! 31 अक्टूबर तक खुला रहेगा NFO, ₹1000 से निवेश शुरू; किसे लगाना चाहिए पैसाब्लैकस्टोन ने खरीदी फेडरल बैंक की 9.99% हिस्सेदारी, शेयरों में तेजीभारत का फ्लैश PMI अक्टूबर में घटकर 59.9 पर, सर्विस सेक्टर में रही कमजोरीSIP Magic: 10 साल में 17% रिटर्न, SIP में मिडकैप फंड बना सबसे बड़ा हीरोनारायण मूर्ति और नंदन नीलेकणि ने Infosys Buyback से बनाई दूरी, जानिए क्यों नहीं बेच रहे शेयर

महज 10 फीसदी है महिला फंड मैनेजर, बढ़ोतरी के बावजूद 4.4 लाख करोड़ रुपये की हिस्सेदारी

Last Updated- March 06, 2023 | 9:20 PM IST
6 new fund companies will enter the mutual fund industry this year इस साल म्युचुअल फंड उद्योग में 6 नई फंड कंपनी देंगी दस्तक

फंडों के प्रबंधन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व काफी कम है जबकि साल 2023 में इनकी संख्या में कुल मिलाकर खासी बढ़ोतरी दर्ज हुई है। जनवरी 2023 के आखिर में म्युचुअल फंड उद्योग में 42 ​महिला फंड मैनेजर थीं, जो कुल म्युचुअल फंड मैनेजर 428 का महज 9.8 फीसदी है।

प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों में जनवरी के आखिर में महिलाओं की हिस्सेदारी महज 11 फीसदी यानी 4.4 लाख करोड़ रुपये थी। मॉर्निंगस्टार की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।

रिपोर्ट में कहा गया है, महिला फंड मैनेजरों की कुल संख्या हालांकि बढ़ रही है, लेकिन AUM में उनकी हिस्सेदारी लगातार घट रही है। इसमें कहा गया है, पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं की तरफ से प्रबंधित परिसंपत्तियों में प्रतिशत के लिहाज से लगातार कमी आ रही है। पिछले साल महिलाओं ने कुल म्युचुअल फंड परिसंपत्तियों के 11.98 फीसदी हिस्से का प्रबंधन किया।

परिसंपत्तियों के प्रबंधन की मात्रा की बात करें तो साल 2022 में प्रवृत्ति बदली। जनवरी 2023 में महिलाओं की तरफ से प्रबंधित कुल परिसंपत्तियां जनवरी 2022 के मुकाबले कम थी। रिपोर्ट में कहा गया है, इसमें गिरावट की वजह दो मशहूर नामों को बताई जा सकती है, जो पिछले साल म्युचुअल फंड प्रबंधन उद्योग से बाहर निकल गईं – स्वाती कुलकर्णी (यूटीआई म्युचुअल फंड) और लक्ष्मी अय्यर (कोटक एमएफ)। इन दोनों ने अच्छे खासे फंडों का प्रबंधन किया था।

First Published - March 6, 2023 | 9:20 PM IST

संबंधित पोस्ट