फंडों के प्रबंधन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व काफी कम है जबकि साल 2023 में इनकी संख्या में कुल मिलाकर खासी बढ़ोतरी दर्ज हुई है। जनवरी 2023 के आखिर में म्युचुअल फंड उद्योग में 42 महिला फंड मैनेजर थीं, जो कुल म्युचुअल फंड मैनेजर 428 का महज 9.8 फीसदी है।
प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों में जनवरी के आखिर में महिलाओं की हिस्सेदारी महज 11 फीसदी यानी 4.4 लाख करोड़ रुपये थी। मॉर्निंगस्टार की रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।
रिपोर्ट में कहा गया है, महिला फंड मैनेजरों की कुल संख्या हालांकि बढ़ रही है, लेकिन AUM में उनकी हिस्सेदारी लगातार घट रही है। इसमें कहा गया है, पिछले कुछ वर्षों में महिलाओं की तरफ से प्रबंधित परिसंपत्तियों में प्रतिशत के लिहाज से लगातार कमी आ रही है। पिछले साल महिलाओं ने कुल म्युचुअल फंड परिसंपत्तियों के 11.98 फीसदी हिस्से का प्रबंधन किया।
परिसंपत्तियों के प्रबंधन की मात्रा की बात करें तो साल 2022 में प्रवृत्ति बदली। जनवरी 2023 में महिलाओं की तरफ से प्रबंधित कुल परिसंपत्तियां जनवरी 2022 के मुकाबले कम थी। रिपोर्ट में कहा गया है, इसमें गिरावट की वजह दो मशहूर नामों को बताई जा सकती है, जो पिछले साल म्युचुअल फंड प्रबंधन उद्योग से बाहर निकल गईं – स्वाती कुलकर्णी (यूटीआई म्युचुअल फंड) और लक्ष्मी अय्यर (कोटक एमएफ)। इन दोनों ने अच्छे खासे फंडों का प्रबंधन किया था।