म्युचुअल फंड

NFO: कम जोखिम में हाई रिटर्न? फ्रैंकलिन टेम्पलटन के मल्टी एसेट एलोकेशन फंड में कहां-कैसे होगा निवेश

NFO: फंड का लक्ष्य डाउनसाइड रिस्क को मैनेज करना और पोर्टफोलियो वोलैटिलिटी को कम करना, साथ ही इक्विटी टैक्सेशन का लाभ भी देना है।

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अंशु   
Last Updated- July 11, 2025 | 3:56 PM IST

NFO Alert: फ्रैंकलिन टेम्पलटन (इंडिया) का फ्रेंकलिन इंडिया मल्टी एसेट एलोकेशन फंड (Franklin India Multi Asset Allocation Fund) आज यानी 11 जुलाई 2025 से सब्सक्रिप्शन  के लिए खुल गया है। यह एक ओपन-एंडेड मल्टी एसेट अलोकेशन फंड है जो इक्विटी, डेट और कमोडिटीज में निवेश करता है। यह फंड एक्टिव रूप से मैनेज किया जाएगा और इसका उद्देश्य लॉन्ग टर्म में पूंजी में वृद्धि करना है। इसमें लार्ज, मिड और स्मॉल कैप सेगमेंट में ग्रोथ और वैल्यू स्ट्रैटेजी के मिश्रण के साथ-साथ डेट, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स और कमोडिटीज में निवेश शामिल होगा। फ्रैंकलिन टेम्पलटन का यह  न्यू फंड ऑफर (NFO) 25 जुलाई 2025 तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा। एनएफओ अवधि के दौरान, निवेशक फंड की यूनिट्स ₹10 प्रति यूनिट के भाव पर खरीद सकेंगे। यह फंड 4 अगस्त से निरंतर खरीद और बिक्री (रिडेम्पशन) के लिए दोबारा खुल जाएगा।

Franklin Templeton NFO: ₹5,000 से निवेश शुरू

फ्रैंकलिन टेम्पलटन के इस न्यू फंड ऑफर (NFO) में निवेशक मिनिमम ₹5,000 से निवेश शुरू कर सकते हैं, और उसके बाद ₹1 के मल्टीपल में आगे निवेश कर सकते हैं। इस फंड का बेंचमार्क निफ्टी 500 टीआरआई (65), निफ्टी शॉर्ट ड्यूरेशन इंडेक्स (20), सोने की घरेलू कीमत (5), एमसीएक्स आई-कॉमडेक्स कंपोजिट इंडेक्स (5), चांदी की घरेलू कीमत (5) है। पल्लब रॉय, राजसा काकुलवरपु, जानकीरमन आर और रोहन मारू इस स्कीम के फंड मैनेजर हैं।

इस स्कीम में कोई लॉक इन पीरियड नहीं है। हालांकि निवेशकों को एग्जिट लोड का ध्यान रखना होगा। यदि निवेश की गई राशि का 10% से ज्यादा हिस्सा एक साल के अंदर निकाला जाता है, तो उस अतिरिक्त राशि पर 0.5% का एग्जिट लोड देना होगा।

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Franklin Templeton NFO: क्या है निवेश स्ट्रैटेजी?

फंड की निवेश स्ट्रैटेजी पर, फ्रैंकलिन टेम्पलटन के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर – (इमर्जिंग मार्केट्स इक्विटी – इंडिया) जानकीरमन आर ने कहा, “इक्विटी निवेश पोर्टफोलियो ग्रोथ के लिए आवश्यक हैं, लेकिन इनमें स्वाभाविक रूप से अस्थिरता और समय-समय पर गिरावट होती है। भारत के लिए हमारा लॉन्ग टर्म आउटलुक सकारात्मक है, लेकिन निकट भविष्य में बाजार पर प्रभाव डालने वाले कुछ कारक हैं – जैसे कि सीमित आय वृद्धि, हाई वैल्यूएशन और जियो-पॉलिटिकल रिस्क। ऐसे में डेट और गोल्ड जैसे अन्य एसेट क्लासेज में एक्सपोजर पोर्टफोलियो को अस्थिरता और गिरावट से बचाने में मदद कर सकता है।”

उन्होंने आगे कहा, “इसी को ध्यान में रखते हुए हम एक ऐसा फंड पेश कर रहे हैं जो कई एसेट क्लासेज में विविधता लाता है। इक्विटी एलोकेशन के लिए FIMAAF एक बॉटम-अप क्यूजीएसवी (QGSV) फ्रेमवर्क (क्वालिटी, ग्रोथ, सस्टेनेबिलिटी और वैल्यूएशन) का उपयोग करता है और सेक्टरों और मार्केट कैप में अच्छी तरह से डायवर्स स्ट्रैटेजी अपनाता है।”

इंस्ट्रूमेंट अधिकतम आवंटन (%) न्यूनतम आवंटन (%)
इक्विटी और इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट में निवेश 80 65
डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट, कैश और कैश एक्यूवेल 25 10
कमोडिटीज 25 10
REITs और INVITs द्वारा जारी यूनिट्स में निवेश 10 0

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Franklin Templeton NFO: किसे करना चाहिए निवेश?

फंड हाउस के मुताबिक, यह स्कीम उन निवेशकों के लिए बेहतर साबित हो सकती है जो लॉन्ग टर्म में कैपिटल ग्रोथ हासिल करना चाहते हैं। और इक्विटी, डेट और कमोडिटीज के एक डायवर्स पोर्टफोलियो में निवेश करने की इच्छा रखते हैं।

फ्रैंकलिन टेम्पलटन के सीआईओ– इंडिया फिक्स्ड इनकम, राहुल गोस्वामी ने कहा, “पिछले 20 वर्षों में टॉप-परफॉर्मिंग एसेट क्लास समय-समय पर इक्विटी, फिक्स्ड इनकम और कमोडिटीज के बीच बदलता रहा है। इस कारण समय के अनुसार इन तीनों में संतुलित एलोकेशन वाला पोर्टफोलियो निवेशकों को कम जोखिम के साथ विकास का अच्छा अवसर दे सकता है। डेट हिस्से का लक्ष्य सुरक्षा, तरलता और रिटर्न में संतुलन बनाए रखना है, जिसे पोर्टफोलियो मैच्योरिटी को एक्टिव रूप से मैनेज करके हासिल किया जाएगा। इन-हाउस रिसर्च के माध्यम से, हमारी टीम क्रेडिट रेटिंग से आगे जाकर उच्च गुणवत्ता वाले फिक्स्ड इनकम अवसरों की पहचान करेगी, जिसमें मुख्य रूप से एएए रेटेड इंस्ट्रूमेंट्स पर ध्यान रहेगा।”


(डिस्क्लेमर: यहां NFO की जानकारी दी गई है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)

First Published : July 11, 2025 | 3:50 PM IST