प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
मार्च 2023 में 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा परिसंपत्ति वाली सक्रियता से प्रबंधित म्युचुअल फंड योजनाओं की संख्या महज 2 थी, जो जून 2025 में बढ़कर 14 हो गई, यानी कुल मिलाकर सात गुने की उछाल।
यह वृद्धि शेयर बाजार में तेजी और स्थिरता के साथ नए निवेश मिलने के कारण हुई। पराग पारिख फ्लेक्सीकैप और एचडीएफसी बैलेंस्ड एडवांटेज का एयूएम अब 1 लाख करोड़ रुपये के पार चला गया है। मार्च 2023 में सिर्फ दो योजनाओं एचडीएफसी बैलेंस्ड एडवांटेज फंड और एसबीआई इक्विटी हाइब्रिड की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां 50,000 करोड़ रुपये थी। इतनी परिसंपत्तियों वाले क्लब में बढ़ोतरी हो सकती है क्योंकि कई और फंड 50,000 करोड़ रुपये के एयूएम की ओर बढ़ रहे हैं। जून 2025 में छह अन्य योजनाओं का एयूएम करीब 40,000 करोड़ रुपये था।
ऐसी योजनाओं के आकार में बढ़ोतरी से बाजार नियामक सेबी को प्रति श्रेणी एक योजना के नियम में ढील देने के लिए ढील देने के लिए प्रेरित किया है। शुक्रवार को नियामक ने प्रस्ताव दिया कि जब कोई फंड 50,000 करोड़ रुपये की एयूएम सीमा पार कर जाता है, तो उसे सॉफ्ट-क्लोज किया जा सकता है, जिससे उसी श्रेणी के अंतर्गत एक दूसरी, समान योजना शुरू की जा सकती है, बशर्ते खर्चों की एक सीमा हो।
सेबी के प्रस्ताव में एक व्यावहारिक चुनौती को स्वीकार किया गया है यानी फंड जितना बड़ा होता है, बाजार को प्रभावित किए बिना मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में ट्रेड करना उतना ही कठिन होता है।