म्युचुअल फंडों (एमएफ) की लार्जकैप श्रेणी में शामिल होने के लिए बाजार पूंजीकरण (एमकैप) कटऑफ लगातार पांचवीं बार बढ़कर पहली बार 1 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने की संभावना है। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) जनवरी के पहले सप्ताह में लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की एक नई सूची जारी करेगी।
नुवामा अल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च की एक रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि यह कटऑफ आगामी पुनर्वर्गीकरण में यह कटऑफ 18 प्रतिशत बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा। जून 2024 के अंत में ऐसी पिछली प्रक्रिया के दौरान यह सीमा 84,328 करोड़ रुपये थी। जुलाई 2023 से यह कटऑफ दोगुना हो गया है।
भारत में अब 100 सूचीबद्ध कंपनियां हैं जिनका मूल्य 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। यह उपलब्धि पहली बार 4 जुलाई को हासिल हुई थी। पिछले महीने यह संख्या 87 तक गिरने से पहले थोड़े समय के लिए 107 तक पहुंच गई थी। मिडकैप बास्केट के मामले में मार्केटकैप सीमा 27,560 करोड़ रुपये से बढ़कर 32,900 करोड़ रुपये हो सकती है।
एम्फी हर साल जनवरी और जुलाई की शुरुआत में शेयरों के पिछले छह महीने के प्रदर्शन के आधार पर लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की सूची में संशोधन करता है। पिछले छह महीनों में औसत मार्केटकैप के आधार पर शीर्ष 100 कंपनियां लार्जकैप के रूप में पात्र होती हैं, इससे नीचे की प्रमुख 150 मिडकैप बन जाती हैं और बाकी स्मॉलकैप।
मार्केट कैप सीमा में तेज उछाल के कारण शेयर वर्गीकरण प्रणाली में बदलाव या लार्जकैप और मिडकैप शेयरों की संख्या बढ़ाने की मांग उठी है। इससे वर्गीकरण प्रक्रिया को बदलने या लार्जकैप और मिडकैप शेयरों की संख्या बढ़ाने के बारे में बहस शुरू हो गई है। हालांकि, नियामक और उद्योग ने इसे अभी अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। मिडकैप से लार्जकैप की सूची में जाने वाले शेयरों में सीजी पावर, रेल विकास निगम, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस और इंडस टावर्स शामिल हैं।