म्युचुअल फंड

मार्च में इक्विटी फंडों में जमकर हुआ निवेश, टूटा 12 महीने का रिकॉर्ड

Published by
अभिषेक कुमार
Last Updated- April 13, 2023 | 11:02 PM IST

एक्टिव इक्विटी योजनाओं में शुद्ध‍ निवेश मार्च में बढ़कर 12 महीने के उच्चस्तर 20,500 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसमें मजबूती सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में हुए उम्दा निवेश के कारण आई, जो पहली बार 14,000 करोड़ रुपये के पार निकल गया। उद्योग निकाय एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

उद्योग के प्रतिभागियों ने कहा कि निवेशकों ने अपनी खरीदारी बढ़ाई क्योंकि बेंचमार्क सेंसेक्स व निफ्टी सूचकांकों के पांच महीने के ​निचले स्तर पर आने के बाद मूल्यांकन आकर्षक हो गया था। मार्च के निचले स्तर से सूचकांकों ने करीब 6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है।

एसआईपी के जरिए कुल निवेश वित्त वर्ष 2022-23 में 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा। Amfi के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) एन एस वेंकटेश ने कहा, एसआईपी के जरिए मजबूत निवेश निवेशकों के सुदृढ़ व्यवहार को प्रतिबिंबित करता है।

उन्होंने कहा, एसआईपी के जरिए निवेश लगातार बढ़ रहा है और यह माह दर माह के आधार पर रिकॉर्ड तोड़ रहा है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि खुदरा निवेशक बाजार का हीरो है। महामारी के बाद की अवधि में निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई जबकि वैश्विक स्तर पर भूराजनीतिक वजहों व महंगाई के कारण बाजारों में उतारचढ़ाव रहा। यह भी निवेशकों के सुदृढ़ व्यवहार का संकेतक है।

वित्त वर्ष 22 में म्युचुअल फंडों ने 40 लाख से ज्यादा नए खाते जोड़े और उनके खातों की कुल संख्या 3.77 करोड़ हो गई।

मार्च के महीने में ज्यादातर डेट फंडों की किस्मत बदली क्योंकि निवेश कई गुना बढ़ा, जिसका कारण निवेशकों का अप्रैल से कराधान में होने वाले बदलाव से पहले निवेश की ओर बढ़ना रहा।

सक्रिय डेट योजनाओं में कॉरपोरेट बॉन्ड फंड को सबसे ज्यादा 15,600 करोड़ रुपये का निवेश हासिल हुआ, जिसके बाद बैंकिंग व पीएसयू फंड का स्थान रहा, जिसने 6,500 करोड़ रुपये का निवेश हासिल किया। चुनिंदा डेट योजनाओं में निवेश में बढ़ोतरी के बावजूद डेट फंडों ने मार्च में शुद्ध‍ रूप से 57,000 करोड़ रुपये की निवेश निकासी दर्ज की।

हर तिमाही के आखिर में लिक्विड व अन्य अल्पावधि वाली डेट योजनाओं से निवेश निकासी देखने को मिलती है क्योंकि कंपनियां अपनी कर देनदारी को पूरा करने के लिए निवेश निकासी करती हैं। इक्विटी व डेट दोनों में इंडेक्स फंडों ने 27,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हासिल किए। इनमें से ज्यादातर निवेश शायद डेट इंडेक्स फंड में गया होगा, जो टार्गेट मैच्योरिटी फंडों के नाम से जाने जाते हैं। वैल्यू रिसर्च की हालिया रिपोर्ट में इन मैच्योरिटी फंडों में मार्च के पिछले हफ्ते में 15,265 करोड़ रुपये का निवेश हासिल होने का अनुमान जताया गया है।

24 मार्च को सरकार ने अचानक ऐलान किया था कि डेट म्युचुअल फंडों पर अब लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ कर नहीं लगेगा और न ही उसे इंडेक्सेशन का फायदा मिलेगा। इसके बजाय इससे मिलने वाले लाभ पर 1 अप्रैल से वैयक्तिक कर स्लैब के मुताबिक कर वसूला जाएगा। इस मसले पर वेंकटेश ने कहा, डेट फंडों के पास अभी भी निवेशकों को देने के लिए काफी कुछ है।

निवेशकों को इन फंडों पर कर के नजरिये के अलावा भी देखने की दरकार है क्योंकि ये फंड निवेशकों को रियल लाइम लिक्विडिटी मुहैया कराते हैं और एक दिन के भीतर ही रकम की निकासी में सक्षम बनाते हैं। लंबी अवधि का डेट फंड ब्याज दरों की चाल का फायदा देता है। निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में डेट फंडों के साथ बैलेंस्ड पोर्टफोलियो पर जरूर ध्यान देना चाहिए।

अल्पावधि वाली डेट योजनाओं से निकासी के कारण एमएफ की औसत प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां मार्च में 40 लाख करोड़ रुपये रह गई जबकि फरवरी में यह 40.7 लाख करोड़ रुपये थी। 22 लाख एसआईपी खाते महीने में पंजीकृत हुए​ और कुल एसआईपी खाते 6.36 करोड़ हो गए।

First Published : April 13, 2023 | 11:02 PM IST