म्युचुअल फंडों की इक्विटी योजनाओं में शुद्ध निवेश जून में क्रमिक आधार पर 17 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 40,608 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। इसे जून के दौरान 11 एनएफओ के जरिये जुटाए गए 14,370 करोड़ रुपये से सहारा मिला।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये हासिल सकल निवेश से भी शुद्ध निवेश को मजबूती मिली जो बढ़कर 21,262 करोड़ रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंच गया।
म्युचुअल फंडों के अधिकारियों के मुताबिक 4 जून को बाजार में तेज गिरावट के कारण उस दिन हुए एकमुश्त निवेश से भी शुद्ध निवेश को मजबूती मिली।
कोटक महिंद्रा एएमसी के राष्ट्रीय प्रमुख (बिक्री, विपणन और डिजिटल कारोबार) मनीष मेहता ने कहा कि एसआईपी के जरिये निवेश, एनएफओ में संग्रह और गिरावट के दिनों में हुए एकमुश्त निवेश से इक्विटी योजनाओं में निवेश रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। आत्मविश्वास बढ़ने के साथ बार-बार निवेश और एक दूसरे से सुनने के कारण इस तरह के निवेश को बढ़ावा मिला है जिससे उद्योग की भी वृद्धि हुई है।
मोतीलाल ओसवाल एएमसी के कार्यकारी निदेशक और चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी ने कहा कि जून में इक्विटी फंडों में रिकॉर्ड निवेश को निरंतर एसआईपी प्रवाह, एनएफओ के जरिये मजबूत संग्रह और गिरावट के दिनों में एकमुश्त निवेश से सहारा मिला है। निवेशकों ने चुनाव नतीजों से जुड़े उतारचढ़ाव को झटक दिया। इसके अलावा सरकार के गठन को लेकर स्थिति स्पष्ट होने के बाद निवेशकों ने गिरावट का इस्तेमाल निवेश बढ़ाने में किया।
मजबूत निवेश के साथ-साथ मार्क टु मार्केट लाभ ने म्युचुअल फंड उद्योग की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) को पहली बार 60 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा दिया। जून के आखिर में एयूएम 61.3 लाख करोड़ रुपये रही जो मासिक आधार पर 3.8 फीसदी ज्यादा है जबकि इस दौरान डेट फंडों से 1 लाख करोड़ रुपये की निकासी हुई।
प्रमुख बेंचमार्क सूचकांकों निफ्टी-50 और सेंसेक्स मे पिछले महीने 6.5 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ जबकि चुनाव नतीजों के दिन बाजार में करीब 6 फीसदी की गिरावट आई थी। उद्योग ने अपने एयूएम में 10 लाख करोड़ रुपये महज छह महीने में जोड़े।
टाटा ऐसेट मैनेजमेंट के चीफ बिजनेस ऑफिसर आनंद वर्द्धराजन ने कहा कि 10 साल पहले 2014 में उद्योग की एयूएम 10 लाख करोड़ रुपये थी। हमने पहली बार 60 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है। यह भी महत्वपूर्ण है कि ठीक छह महीने पहले उद्योग की एयूएम 51 लाख करोड़ रुपये थी। छह महीने में एयूएम जितनी बढ़ी, उतनी एयूएम दस साल पहले थी।
म्युचुअल फंडों की अन्य श्रेणियों में भी निवेश अच्छा रहा। हाइब्रिड सव पैसिव में शुद्ध रूप से क्रम से 8,855 करोड़ रुपये और 14,602 करोड़ रुपये की खरीद हुई।
म्युचुअल फंडों की इक्विटी योजनाओं में निवेश वित्त वर्ष 2025 के प्रथम तीन महीने में पहले ही वित्त वर्ष 2024 के कुल निवेश के 50 फीसदी पर पहुंच चुका है। इक्विटी फंडों ने अप्रैल-जून की अवधि में 94,222 करोड़ रुपये का निवेश हासिल किया जबकि वित्त वर्ष 2024 में शुद्ध निवेश 1.84 लाख करोड़ रुपये रहा था।
जून में थिमेटक व सेक्टोरल फंडों को सबसे ज्यादा 22,352 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हासिल हुआ क्योंकि इस श्रेणी में 11 नए फंड पेश किए गए। मल्टीकैप और फ्लेक्सीकैप फंडों में क्रमश: 4,709 करोड़ रुपये व 3,059 करोड़ रुपये का निवेश मिला।
विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को शुरुआत में नीतिगत निरंतरता को लेकर शायद संशय था क्योंकि नतीजों ने गठबंधन सरकार की वापसी का संकेत दिया, लेकिन जल्द ही धारणा बदल गई जो बाजार की तेजी में स्पष्ट दिखती है।