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Mphasis, Infosys के शेयरों में 6% तक गिरावट, फेड रेट कट फैसले से पहले निफ्टी आईटी 3% नीचे

IT शेयरों में 3% से 6% तक की गिरावट देखी गई।

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दीपक कोरगांवकर   
Last Updated- September 18, 2024 | 3:51 PM IST

बुधवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में आईटी कंपनियों के शेयरों में 6% तक की गिरावट आई। निवेशकों ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर होने वाले अहम फैसले से पहले मुनाफावसूली की। एमफैसिस, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, टेक महिंद्रा, एलएंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज (LTTS), इंफोसिस, विप्रो, एलटीआईमाइंडट्री, टीसीएस, कोफोर्ज और एचसीएल टेक्नोलॉजीज के शेयरों में 3% से 6% तक की गिरावट देखी गई।

दोपहर 03:15 बजे, निफ्टी आईटी इंडेक्स में 3.04% की गिरावट थी, जबकि निफ्टी 50 थोड़ा गिरकर 25,359.50 पर कारोबार कर रहा था। पिछले तीन महीनों में निफ्टी आईटी इंडेक्स ने 25% की बढ़त हासिल की थी और मंगलवार को 43,415 का रिकॉर्ड उच्च स्तर छुआ था।

इसके अलावा, आईटी शेयरों में गिरावट का एक कारण एक्सेंचर की घोषणा हो सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सेंचर अपने कर्मचारियों के प्रमोशन को छह महीने के लिए टालने की योजना बना रहा है। आमतौर पर प्रमोशन दिसंबर में होते थे, लेकिन अब वे जून में किए जाएंगे। एक्सेंचर ने कहा, “हम प्रमोशन की तारीख को जून में कर रहे हैं, क्योंकि उस समय हमें ग्राहकों की जरूरतों और योजनाओं की बेहतर जानकारी मिलती है।”

फेड रेट कट और आईटी शेयरों पर असर

अब लगभग तय है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दर में कटौती करेगा। JM फाइनेंशियल के विश्लेषकों के अनुसार, इसका आईटी सेक्टर पर तीन तरह से असर होगा:

  • इक्विटी की लागत में कमी से स्टॉक्स के मूल्य बढ़ सकते हैं।
  • आर्थिक सुधार से मांग में तेजी आ सकती है।
  • कंपनियों पर ब्याज का बोझ घटने से उनके ऑपरेशनल खर्च बढ़ सकते हैं, जिससे आईटी सेवाओं की मांग भी बढ़ेगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि टेक महिंद्रा, जिसका 53% एक्सपोजर कम्युनिकेशन, मीडिया और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स में है, बेहतर स्थिति में है। वहीं, इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो को अमेरिकी बैंकों के खर्च में सुधार से ज्यादा फायदा मिल सकता है।

अप्रैल-जून तिमाही (Q1FY25) वह पहली तिमाही थी जब पांच तिमाहियों के बाद आईटी सेवा क्षेत्र की वृद्धि सकारात्मक रही। इससे संकेत मिलता है कि आईटी सेवाओं की अत्यधिक कटौती का दौर खत्म हो रहा है और नए प्रोजेक्ट्स की शुरुआत हो रही है। यह ट्रेंड ब्याज दर के फैसले से प्रभावित नहीं होगा।

आईटी सेक्टर का भविष्य

Nasscom के अनुसार, भारतीय आईटी बाजार FY30 तक $500 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें FY24-FY30 के दौरान 12% की वार्षिक वृद्धि दर रहेगी। प्रभुदास लीलाधर की रिपोर्ट के मुताबिक, जनरेटिव एआई में हो रहे निवेश और कम लागत पर उपलब्ध भारतीय प्रतिभा से भारतीय आईटी निर्यात वैश्विक आईटी कंपनियों की तुलना में तेजी से बढ़ेगा।

ब्रोकरज फर्म का मानना है कि आईटी सेवाओं की आउटसोर्सिंग में तेजी आएगी, क्योंकि कंपनियां अपने ऑपरेशन्स को आधुनिक बना रही हैं। हाल ही में कंपनियों ने बचत पर ध्यान देते हुए प्रोजेक्ट्स में बदलाव किए हैं। लेकिन FY25 के अंत या FY26 की शुरुआत तक रुके हुए प्रोजेक्ट्स फिर से शुरू हो सकते हैं।

हालांकि, फर्म ने अमेरिकी चुनाव के नतीजों को लेकर सतर्कता बरती है, क्योंकि इसका असर डील्स और उन प्रोजेक्ट्स पर हो सकता है जिनमें ऑनसाइट काम का ज्यादा हिस्सा होता है।

First Published : September 18, 2024 | 3:51 PM IST