मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ (MOPW) ने अपने मई 2025 के ‘अल्फा स्ट्रैटेजिस्ट रिपोर्ट’ में कहा है कि अब जब बाजार की अधिकतर उठा-पटक या तो निकल चुकी है या फिर शेयर कीमतों में इसका असर दिख चुका है, तो निवेशकों का फोकस अब ‘इवेंट्स से अर्निंग्स’ की ओर होना चाहिए। यानी अब चुनाव, ब्याज दर, या ग्लोबल तनाव जैसी घटनाओं के बजाय कंपनियों की कमाई पर ध्यान देना ज़रूरी है। Q4 के शुरुआती नतीजे मजबूत दिख रहे हैं, और आने वाले दो सालों में निफ्टी के प्रति शेयर मुनाफे (EPS) में 14% की सालाना वृद्धि की उम्मीद जताई गई है। हालांकि, हालिया तेजी के चलते लार्ज कैप शेयर अब “सस्ते” नहीं रहे, इसलिए उनसे रिटर्न की उम्मीद थोड़ी घटानी चाहिए।
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट बताती है कि मिड और स्मॉल कैप शेयर अभी भी लंबे समय के औसत से ऊंचे मूल्यांकन पर हैं। लेकिन इनसे जुड़ी कुछ खास कंपनियों में निवेश के मौके दिखने लगे हैं। रिपोर्ट में सलाह दी गई है कि मिड और स्मॉल कैप फंड्स में एकमुश्त पैसे लगाने के बजाय अगले 2–3 महीनों में धीरे-धीरे निवेश करना बेहतर रहेगा। बाजार में किसी भी गिरावट को ज्यादा आक्रामक निवेश के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
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दुनिया भर के बाजारों में अनिश्चितता के बावजूद भारत का माहौल अपेक्षाकृत बेहतर बताया गया है। रिपोर्ट में महंगाई काबू में रहने, रुपए की स्थिरता, 10 साल की सरकारी बॉन्ड यील्ड का गिरना और राजकोषीय अनुशासन को भारत की मजबूत आर्थिक नींव बताया गया है। अप्रैल में रिकॉर्ड GST कलेक्शन (12.6% सालाना बढ़ोतरी), मैन्युफैक्चरिंग PMI और निर्यात में मजबूती भी आर्थिक रफ्तार को दर्शाते हैं।
लार्ज कैप, फ्लेक्सी कैप और हाइब्रिड फंड्स में एकमुश्त निवेश की सलाह दी गई है। वहीं, मिड और स्मॉल कैप फंड्स में अगले कुछ महीनों तक चरणबद्ध निवेश बेहतर रहेगा। खासकर अगर बाजार में करेक्शन यानी गिरावट आती है, तो उसे निवेश के बेहतर मौके की तरह देखा जाना चाहिए।
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महंगाई और ब्याज दरों के संदर्भ में RBI के हालिया कदमों से संकेत मिलता है कि अब लंबी अवधि के बॉन्ड्स में रिटर्न कम हो सकते हैं। ऐसे में मोतीलाल ओसवाल का सुझाव है कि फिक्स्ड इनकम पोर्टफोलियो में ‘Accrual Strategies’ को 45% से 55% तक वज़न देना चाहिए। इसमें प्रदर्शन करने वाले क्रेडिट्स, प्राइवेट क्रेडिट, इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvITs), और सेलेक्टेड एनसीडी (NCDs) में निवेश की सलाह दी गई है। बाकी 30% से 35% पोर्टफोलियो प्रदर्शन करने वाले क्रेडिट्स, एनसीडी और InvITs में और 20% से 25% प्राइवेट क्रेडिट समेत रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर रणनीतियों में निवेश करने की सलाह दी गई है।
अप्रैल में सोने ने रिकॉर्ड स्तर छू लिया, लेकिन अब वैश्विक अनिश्चितता थोड़ी कम होने से इसकी कीमत कुछ खिंच सकती है। ऐसे में मोतीलाल ओसवाल गोल्ड को लेकर “न्यूट्रल” नजरिया रखने की सलाह देता है, यानी ना खरीदने की जल्दी हो और ना ही बेचने की।
रिपोर्ट में पिछले 29 सालों की स्टडी का हवाला देते हुए बताया गया है कि शेयर बाजार में गिरावट के बाद अक्सर अच्छे रिटर्न का दौर आता है। यानी अगर आप धैर्य रखें और लंबे समय तक निवेश जारी रखें, तो घाटे की भरपाई मुमकिन है। रिपोर्ट कहती है कि एक साल के भीतर 66% मौकों पर रिटर्न पॉजिटिव रहे हैं, और 5–10 साल की अवधि में अधिकांश एक्टिव फंड्स ने शानदार प्रदर्शन किया है।
मार्च और अप्रैल 2025 में विदेशी निवेशकों (FII) ने भारतीय बाजार में $1.3 बिलियन का निवेश किया, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने $3.3 बिलियन डाला। हालांकि साल 2025 की शुरुआत से FII अभी भी कुल मिलाकर $12.3 बिलियन की निकासी कर चुके हैं। लेकिन लगातार दो महीने की खरीदारी निवेशकों के भरोसे की वापसी को दिखाती है।
कुल मिलाकर, मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ की रिपोर्ट इस बात पर ज़ोर देती है कि अब घबराने की नहीं, रणनीति बदलने की ज़रूरत है। इवेंट्स से ध्यान हटाकर कमाई की ओर ध्यान देना चाहिए और एक लंबी अवधि का नजरिया रखते हुए अपने पोर्टफोलियो को संतुलित करना समय की मांग है।