मॉर्गन स्टेनली फंड सबसे तेजी से उभर रही भारत और चीन जैसी अर्थव्यवस्थाओं के वैश्विक इंफ्रास्ट्रक्चर फंडों में 4 अरब डॉलर के निवेश की योजना बना रहा है। यह जानकारी एक अमेरिकी फंड के अधिकारी ने दी है।
मंगलवार को भारत में मॉर्गन स्टेनली इंफ्रास्ट्रक्चर, मध्य-पूर्व और सब सहारा अफ्रीका के प्रमुख बनाए गए गौतम भंडारी का कहना है कि कंपनी को भारतीय ट्रांसपोर्ट, ऊर्जा, टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में संभावनाएं नजर आ रहीं हैं।
उन्होंने कहा कि दुनिया में कुछ बाजार ही प्राइवेट इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश के लिहाज से तैयार हैं। भारत उनमें से एक है। यहां पर प्राइवेट-पब्लिक पार्टनरशिप की सफलता के कई उदाहरण हैं। यह देखते हुए कंपनी को यहां पर एक समर्पित कर्मचारियों की टीम को तैयार करने की दरकार है।
मई में फंड उगाही का काम पूरा करने वाली मोर्गन स्टेनली को भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में विदेशी पूंजी लगाने के लिए ऑस्ट्रेलिया के मैक्वारी ग्रुप, जेपी मॉर्गन, गोल्डमैन सैक्स और डॉयचे बैंक की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। भारत सरकार ने 2012 तक सड़कों, विमानतलों और बिजली संयत्रों की मरम्मत के लिए 500 अरब डॉलर के निवेश की आवश्यकता का अनुमान लगाया है।
इस एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के विकास की राह में बुनियादी सुविधाएं सबसे बड़ा रोड़ा साबित हो रहीं हैं। इस समय स्टेनली की इंफ्रा फंड अमेरिका, ब्रिटेन, हांगकांग और चीन में हैं। अब भारत में भी वह अपना फंड प्रारंभ कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कंपनी की एशियाई टीम उत्तर अमेरिकी ही तरह बड़ी होगी।
भंडारी ने बताया कि भारतीय टीम के लिए भर्ती जारी है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यह टीम कितनी बड़ी होगी। स्टेनली मॉर्गन पिछले साल से इस क्षेत्र में डील की तलाश में है। अब कई अवसर उसके सामने हैं। भंडारी ने कहा कि इस समय ब्याज दरें पिछले सात साल के सर्वोच्च स्तर पर हैं और शेयर बाजार के फिसलने का अर्थ यह है कि वैल्युएशन और यथार्थपूर्ण हैं।