देश की सबसे बड़ी यात्री कार कंपनियों मारुति सुजूकी इंडिया (एमएसआईएल) और ह्युंडै मोटर इंडिया (एचएमआईएल) का परिचालन प्रदर्शन वित्त वर्ष 2026 की जुलाई-सितंबर तिमाही में ब्रोकरों की उम्मीदों से बेहतर रहा। बेहतर मॉडलों के मेल और लागत नियंत्रण में सख्ती से मुनाफा मजबूत बना रहा। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती के बाद मांग में सुधार के कारण घरेलू यात्री वाहन (पीवी) खंड का दृष्टिकोण आशाजनक बना हुआ है। ज्यादातर ब्रोकर इन दोनों शेयरों पर सकारात्मक रुख अपना रहे हैं।
बिक्री का रुझान एक जैसा नहीं रहा। कमजोर घरेलू बिक्री की भरपाई मजबूत निर्यात से हुई। मारुति सुजूकी की बिक्री में सालाना आधार पर 2 फीसदी का इजाफा हुआ जबकि ह्युंडै मोटर की बिक्री में थोड़ी गिरावट आई।
मारुति की घरेलू बिक्री 5.1 फीसदी घट गई क्योंकि ग्राहकों ने जीएसटी के बल पर कीमतों में कटौती की उम्मीद में अपनी खरीदारी कुछ समय के लिए टाल दी। हालांकि, निर्यात 42.2 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड तिमाही स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह, ह्युंडै मोटर की घरेलू बिक्री में 7 प्रतिशत की गिरावट आई। लेकिन निर्यात पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 22 प्रतिशत बढ़ा।
सुस्त घरेलू बिक्री के बावजूद मारुति का राजस्व 13 प्रतिशत बढ़ा,जो अनुमान से अधिक है। स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) और निर्यात की अधिक हिस्सेदारी के कारण औसत प्राप्तियों में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। ह्युंडै मोटर का राजस्व सालाना आधार पर 1.2 प्रतिशत और तिमाही आधार पर 6 प्रतिशत बढ़ा। प्राप्तियों में 1.7 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया।
दोनों कंपनियों ने मार्जिन के मोर्चे पर बढ़त दर्ज की। ह्युंडै मोटर का सकल मार्जिन एक साल पहले के मुकाबले 240 आधार अंक बढ़ा। इसमें एसयूवी की घरेलू बिक्री में 71 प्रतिशत हिस्सेदारी रही और निर्यात 22 प्रतिशत से बढ़कर 27 प्रतिशत हो गया। इस मजबूत मेल ने परिचालन मार्जिन 110 आधार अंक तक बढ़ा दिया।
ह्युंडै मोटर को अपने नए पुणे संयंत्र में बढ़ती लागत और कमोडिटी महंगी होने के कारण मार्जिन पर आगे कुछ दबाव की आशंका दिख रही है, लेकिन उसका लक्ष्य अनुकूल मॉडल मिश्रण, ऊंचे निर्यात और निरंतर लागत अनुशासन की मदद से इस दबाव को दूर करना है।
मारुति सुजूकी का परिचालन लाभ मार्जिन सालाना आधार पर 140 आधार अंक कम रहा। लेकिन फिर भी यह अनुमान से बेहतर रहा। लागत में कमी और बेहतर मॉडल मिश्रण के साथ-साथ अधिक छूट और प्रचार के बावजूद मार्जिन तिमाही आधार पर स्थिर रहा।
जेएम फाइनैंशियल को उम्मीद है कि जीएसटी कटौती, आठवें वेतन आयोग, रीपो दर में कटौती और बेहतर तरलता के कारण घरेलू यात्री वाहन बाजार में तेजी बनी रहेगी। उम्मीद है कि वित्त वर्ष 26 में ह्युंडै मोटर उद्योग के अनुरूप प्रदर्शन करेगी। इसमें मध्यम अवधि में बिक्री को 26 नए मॉडलों से उछाल मिलेगी जिन्हें वित्त वर्ष 2026 और 2029-30 के बीच पेश किया जाना है। इनमें 13 पारंपरिक यानी पेट्रेल-डीजल, 5 इलेक्ट्रिक, 8 हाइब्रिड और 6 सीएनजी वेरिएंट हैं। इनमें से आठ मॉडल 2026-27 (वित्त वर्ष 27) तक आने वाले हैं और पुणे संयंत्र के विस्तार से पेशकशों में और भी तेजी आएगी।
जेएम फाइनैंशियल के विश्लेषक सक्षम कौशल ने एचएमआईएल पर ‘जोड़ें’ रेटिंग बरकरार रखते हुए मार्च 2027 तक के लिए 2,650 रुपये का कीमत लक्ष्य रखा है। उन्होंने इसका मूल्यांकन वित्त वर्ष 2027 की आय के 26 गुना पर किया है। पिछले एक साल में इस शेयर में 34 प्रतिशत की तेजी आई है और इस समय यह 2,637 रुपये पर कारोबार कर रहा है।
मोतीलाल ओसवाल मारुति सुजूकी इंडिया की संभावनाओं को लेकर आशावादी है। जीएसटी में कटौती ने छोटी कारों की मांग को फिर से बढ़ा दिया है, जिससे कीमत के प्रति सजग रहने वाले खरीदारों के लिए गाड़ियां अब ज्यादा किफायती हो गई हैं। विश्लेषक अनिकेत म्हात्रे ने कहा कि विक्टोरिस और ई-विटारा जैसी नई पेशकशों के बल पर मारुति सुजूकी को अतिरिक्त बाजार हिस्सेदारी में मदद मिलने की उम्मीद है।
मारुति सुजूकी को वित्त वर्ष 2026 में 4,00,000 वाहनों के अपने निर्यात लक्ष्य को पार करने की भी उम्मीद है। हाइब्रिड वाहनों को किसी भी तरह के सरकारी प्रोत्साहन से इस शेयर की रेटिंग में और तेजी आ सकती है, क्योंकि इसका सबसे ज्यादा फायदा मारुति सुजूकी को ही मिलेगा। मोतीलाल ओसवाल ने 18,712 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ इस शेयर के लिए ‘खरीदें’ रेटिंग दी है और इसका मूल्यांकन सितंबर 2027 की प्रति शेयर आय के 28 गुना पर किया है। पिछले एक साल में इस शेयर में 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। शुक्रवार को बीएसई पर यह शेयर 16,191 रुपये पर बंद हुआ।