फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल द्वारा जैक्सन होल बैठक में दिए गए नरम रुख वाले बयान के बाद वैश्विक बाजारों में तेजी आ गई। सोमवार को इसका असर भारतीय बाजारों पर भी दिखा। सेंसेक्स 612 अंक या 0.75 प्रतिशत तेजी के साथ 81,698 पर बंद हुआ जो इसकी लगातार पांचवें कारोबारी सत्र की तेजी थी। निफ्टी 188 अंक या 0.8 प्रतिशत चढ़कर 25,011 पर बंद हुआ। इसके साथ ही निफ्टी के लिए यह लगातार आठवां कारोबारी सत्र था जिसमें बढ़त दर्ज की गई। 6 जुलाई 2023 के बाद से यह सबसे लंबी दैनिक बढ़त का सिलसिला है।
बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 2.3 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 462.3 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 483 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 1,870 करोड़ रुपये की खरीदारी की।
पॉवेल ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक के लिए दरें घटाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि दर कटौती की रफ्तार आगामी आंकड़ों पर निर्भर करेगी। पॉवेल ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि मुद्रास्फीति फेड के 2 प्रतिशत के लक्ष्य तक पहुंचने की राह पर है।
सेंसेक्स की तेजी में एचडीएफसी बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज का बड़ा योगदान रहा। अमेरिका से मोटा राजस्व कमाने वाली आईटी फर्मों के शेयरों में तेजी से भी सेंसेक्स को सहारा मिला।