Market This Week: भारतीय शेयर बाजार इस हफ्ते कई अहम घरेलू और वैश्विक घटनाओं पर नजर रखेंगे। विश्लेषकों का कहना है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक, ताजा मैक्रोइकॉनॉमिक आंकड़े और विदेशी निवेशकों की ट्रेडिंग गतिविधियां बाजार की चाल को तय करेंगी।
इसके अलावा, अमेरिका के साथ टैरिफ वार्ता, ग्लोबल मार्केट का रुख और ऑटो सेक्टर की सेल्स रिपोर्ट भी निवेशकों की धारणा पर असर डालेंगी।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स के विनोद नायर का कहना है कि सरकार के खर्च और नीतिगत कदमों से पहली तिमाही का जीडीपी मजबूत रहा, जिसने बाहरी दबावों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है। हालांकि, फिस्कल स्थिति को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं। अगर टैरिफ विवाद सुलझते हैं तो बाजार को बड़ा सहारा मिल सकता है।
रिलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा ने कहा कि सितंबर के पहले हफ्ते में कई हाई-फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर जारी होंगे। ऑटो सेल्स डेटा, एचएसबीसी मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस पीएमआई पर बाजार की करीबी नजर रहेगी। साथ ही जीएसटी काउंसिल बैठक से सुधारों की दिशा में तेजी की उम्मीद है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सिद्धार्थ खेतान ने कहा कि 3-4 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल बैठक पर सभी की निगाहें होंगी। इसके अलावा सोमवार को बाजार जीडीपी आंकड़ों पर भी प्रतिक्रिया देंगे।
स्वास्तिक इन्वेस्टमार्ट के प्रवेश गौर ने कहा कि घरेलू स्तर पर ऑटो सेल्स और पीएमआई डेटा अहम होंगे, जबकि वैश्विक स्तर पर अमेरिका के नॉन-फार्म पेरोल समेत कई प्रमुख आंकड़े बाजार को प्रभावित करेंगे।
मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के पुनीत सिंघानिया ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ से निवेशकों की चिंता बढ़ी है। फिलहाल एफआईआई बिकवाली कर रहे हैं, जबकि डीआईआई सपोर्ट दे रहे हैं। बाजार की अगली चाल काफी हद तक टैरिफ वार्ता और जीएसटी सुधारों पर निर्भर करेगी।
बीते हफ्ते बीएसई सेंसेक्स में 1,497 अंकों (1.84%) की गिरावट आई, जबकि निफ्टी 443 अंक (1.78%) टूट गया। अमेरिकी टैरिफ को लेकर अनिश्चितता ने निवेशकों की रिस्क लेने की क्षमता को कमजोर किया।