बेंचमार्क नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी अपने सर्वोच्च स्तर से 2,100 अंक यानी 8.6 फीसदी टूट चुका है और इसका आखिरी बंद स्तर 24,181 रहा। तकनीकी विश्लेषकों ने कहा कि अब रुझान गिरावट में खरीदारी के बजाय तेजी में बेचो की ओर चला गया है और समर्थन के लिए अहम स्तर 24,000 है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग में रिसर्च के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजित मिश्र ने कहा कि निफ्टी के 24,000 से नीचे जाने पर परिदृश्य खराब हो सकता है। अगर इसमें सुधार होता है तो 24,500 प्रतिरोध के मजबूत स्तर पर काम करेगा। ट्रेडरों को बढ़त पर बिकवाली की रणनीति अपनानी चाहिए क्योंकि ज्यादातर क्षेत्र और व्यापक सूचकांक दबाव में हैं।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ तकनीकी और डेरिवेटिव शोध विश्लेषक विनय रजनी ने कहा कि 24,600-24,650 के दायरे का इस्तेमाल नई शॉर्ट पोजीशन बनाने और लॉन्ग पोजीशन से बाहर निकलने के लिए होना चाहिए। 23,900 का कोई स्तर निफ्टी को 23,000 के अगले पोजीशनल लक्ष्य की ओर ले जा सकता है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने भारतीय शेयरों से रिकॉर्ड 10 अरब डॉलर की निकासी की है। इस बिकवाली की मुख्य वजह विदेशी फंडों का महंगे भारतीय बाजार से ज्यादा सस्ते बाजार चीन की ओर जाना है। हालांकि इस बात को लेकर चिंता बढ़ रही है कि भारत और कनाडा (जिसके पेंशन फंड विदेशी पूंजी के लिए अहम स्रोत हैं) के बीच बढ़ती तकरार से बिकवाली का दबाव तेज हो सकता है।
पिछले हफ्ते बाजार में कनाडा के पेंशन फंड के बड़े ऑर्डर की अफवाह फैली, लेकिन एक्सचेंजों की रोजाना की ब्लॉक डील के आंकड़ों ने इस थ्योरी का समर्थन नहीं किया। कुल मिलाकर कनाडा की रैंकिंग एफपीआई के निवेश के लिहाज से अग्रणी से घटकर नौंवी रह गई जो जून में आठवीं थी। कनाडा आधारित फंडों की परिसंपत्तियां सितंबर के आखिर में 1.98 लाख करोड़ रुपये थीं जो एक साल पहले 1.52 लाख करोड़ रुपये थीं। कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड, केस डी डीपो एट प्लेसमेंट ड्यू क्यूबेक और ओंटेरिये टीचर्स पेंशन प्लान जैसे बड़े फंडों का भारत में निवेश है।
बाजार में भले ही बिकवाली हो रही है, लेकिन सोलर पैनल निर्माता वारी एनर्जीज का शेयर सोमवार को करीब 90 फीसदी की बढ़त के साथ सूचीबद्ध होने की संभावना है। कंपनी के 4,321 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम को कुल मिलाकर 79 गुना आवेदन मिले और कुल बोलियां 2.41 लाख करोड़ रुपये रहीं। साथ ही कंपनी को रिकॉर्ड 97 लाख आवेदन मिले।
एक निवेश बैंकर ने कहा कि ह्युंडै मोटर इंडिया की सुस्त लिस्टिंग और बाजार में तेज गिरावट के बाद इस बात को लेकर चिंता है कि प्राथमिक बाजार के निर्गमों पर भी इसका असर पड़ेगा। हालांकि वारी एनर्जीज की मजबूत लिस्टिंग से आईपीओ की रफ्तार बनाए रखने में मदद मिलेगी।
यह अहम है क्योंकि स्विगी, एनटीपीसी ग्रीन आदि की बड़ी पेशकश अभी बाजार में आनी हैं। इस बीच, शापूरजी पलोनजी समूह की निर्माण फर्म एफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर के आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम घटकर 5 फीसदी से नीचे चला गया है। कंपनी का 5,430 करोड़ रुपये का आईपीओ मंगलवार को बंद होगा।