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बाजार हलचल: 19 शेयरों ने बदली निफ्टी 200 की चाल, LIC के निवेश से रीट को मिलेगा दम

नैशनल स्टॉक एक्सचेंज की सहायक इकाई एनएसई इंडाइसेज ने निफ्टी 200 मोमेंटम 30 इंडेक्स में 19 बदलावों की घोषणा की है।

Last Updated- December 15, 2024 | 10:56 PM IST
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नैशनल स्टॉक एक्सचेंज की सहायक इकाई एनएसई इंडाइसेज ने निफ्टी 200 मोमेंटम 30 इंडेक्स में 19 बदलावों की घोषणा की है। एनएसई इंडाइसेज नॉर्मलाइज्ड मोमेंटम स्कोर (एनएमएस) के आधार पर निफ्टी 200 की शीर्ष 30 कंपनियों के प्रदर्शन पर नजर रखता है। एनएमएस एक तकनीकी संकेतक है। यह किसी शेयर के ताजा मूल्य प्रदर्शन का विश्लेषण करके उसकी सापेक्ष शक्ति और संभावित दिशा को मापता है। इसमें 6 महीने और 12 महीने के रिटर्न को शामिल किया जाता है।

इंडेक्स में शामिल नई कंपनियों में जोमैटो, टेक महिंद्रा, एचसीएलटेक और इन्फोसिस हैं जबकि एनटीपीसी, बजाज ऑटो, अदाणी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन तथा आरईसी को हटा दिया गया है। पेरिस्कोप एनालिटिक्स के न्यूजीलैंड स्थित विश्लेषक और स्मार्टकर्मा के लिए स्वतंत्र विश्लेषक ब्रायन फ्रीटास ने कहा कि 30 दिसंबर से प्रभावी होने वाले पुनर्संतुलन से 7,270 करोड़ रुपये का एकतरफा व्यापार होगा।

एलआईसी के निवेश से रीट को मिलेगा दम

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) में अपना पहला निवेश किया है, जो भारत में किसी योजना के शुरू होने के पांच साल से अधिक समय बाद बड़ा कदम है। बीमा दिग्गज ने पिछले सप्ताह संपन्न ब्रुकफील्ड इंडिया रीट के 2,800 करोड़ रुपये के क्यूआईपी में हिस्सा लिया था। एलआईसी की भारी निवेश क्षमता को देखते हुए इस कदम को आगामी रीट निर्गमों के लिए बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है।

उद्योग विशेषज्ञों ने रीट बाजार में एलआईसी के प्रवेश को महत्वपूर्ण कदम बताया है, जिसमें भविष्य में रीट पेशकशों को बढ़ावा मिल सकता है। उल्लेखनीय है कि एलआईसी इस वित्त वर्ष में इक्विटी में 1.3 लाख करोड़ रु.का निवेश करने की योजना बना रही है, जिसकी पुष्टि प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सिद्धार्थ मोहंती ने इस साल के शुरू में की थी।

गैर-सूचीबद्ध प्रतिभूतियों के जलवे पर असर

गैर-सूचीबद्ध प्रतिभूतियों में कारोबार के खिलाफ भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की ताजा चेतावनी से इस तरह के लेनदेन से जुड़े प्लेटफॉर्मों में बेचैनी पैदा हो गई है। उद्योग के अंदरूनी सूत्रों का अनुमान है कि इस आदेश के कारण व्यापार की मात्रा में 30 प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक की गिरावट आएगी।

चेतावनी में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि अनधिकृत प्लेटफार्मों ( जो हाल के वर्षों में तेजी से बढ़े हैं) का उपयोग करने वाले निवेशकों को शिकायत निवारण और विवाद समाधान सेवाओं सहित महत्वपूर्ण सुरक्षा नहीं मिलेगी। यह चेतावनी ऐसे समय आई है जब गैर-सूचीबद्ध बाजार में दिलचस्पी बढ़ रही है जहां निवेशक आईपीओ से पहले कंपनियों के शेयर खरीदकर और फिर सूचीबद्ध होने के बाद उन्हें बेचकर लाभ कमा रहे हैं।

First Published - December 15, 2024 | 10:56 PM IST

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