बेंचमार्क सूचकांकों में पिछले पांच दिन से चल रही गिरावट का सिलसिला आज थम गया। सूचकांक में ज्यादा भारांश रखने वाले शेयरों की लिवाली और अनुकूल वैश्विक संकेतों से बाजार ने राहत की सांस ली। बेंचमार्क सेंसेक्स 574 अंक या 1.02 फीसदी चढ़कर 57,037 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 178 अंक या 1.05 फीसदी बढ़त के साथ 17,136 पर बंद हुआ।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में तेजी और बीते दिनों फिसलने वाले शेयरों इन्फोसिस, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी में लिवाली से बाजार में तेजी आई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज 3 फीसदी बढ़त पर बंद हुआ और सेंसेक्स के लाभ में 244 अंक का योगदान दिया। बीते पांच दिन में सेंसेक्स करीब 5 फीसदी लुढ़क गया था।
एचडीएफसी बैंक और इन्फोसिस के मार्च तिमाही के आंकड़े निवेशकों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे थे। इससे निवेशकों को कंपनियों की आय में कमी का डर सता रहा था, जिससे आईटी और वित्तीय शेयरों में बिकवाली हो रही थी। पिछले दो दिन में सूचकांकों की गिरावट में आईटी और वित्तीय शेयरों का खासा हाथ रहा।
वॉलस्ट्रीट से सकारात्मक संकेत मिलने के बाद एशियाई शेयर बाजारों में भी बढ़त देखी गई। चीन के केंद्रीय बैंक द्वारा उधारी दरों में बदलाव नहीं किए जाने से चीन और हॉन्ग कॉन्ग के बाजार गिरावट पर बंद हुए। यूरोपीय बाजार भी बढ़त के साथ खुले। अवेंडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘हालिया गिरावट के बाद बाजार में सुधार की पूरी संभावना थी। वैश्विक संकेतों का भी बाजार पर सकारात्मक असर पड़ा।’ हालांकि विदेशी निवेशकों द्वारा बिकवाली जारी रही। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 3,009 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि देसी निवेशकों ने 2,645 करोड़ रुपये की लिवाली की। हालांकि विदेशी निवेशकों की बिकवाली बीते दो दिन की तुलना में आधी रही।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘विदेशी निवेशक बड़ी मात्रा में अपना निवेश निकाल रहे हैं जबकि देसी निवेशक बाजार को सहारा दे रहे हैं जिससे दबाव की आंशिक भरपाई हो जा रही है। वैश्विक अनिश्चितता के बादल छंटने तक बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।’ बाजार में मिला-जुला रुख रहा। 1,741 शेयर नुकसान में और 1,659 लाभ में बंद हुए। वाहन और ऊर्जा शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी दर्ज की गई। वाहन सूचकांक 2.21 फीसदी और ऊर्जा सूचकांक 2.19 फीसदी बढ़ा।
ऊंची मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति को सख्त बनाए जाने की आशंका से वैश्विक स्तर पर शेयर बाजार में दबाव दिख रहा है। 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड का प्रतिफल 2.9 फीसदी के आसपास कारोबार कर
रहा था। शिकागो फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष चाल्र्स इवान ने मंगलवार को कहा था कि केंद्रीय बैंक साल के अंत तक ब्याज दरों में 225 से 250 आधार अंक का इजाफा कर सकता है। उन्होंने कहा कि अगर मुद्रास्फीति में तेजी बनी रहती है तो फेडरल रिजर्व को भी दरें बढ़ानी पड़ सकती हैं।
